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MP हाईकोर्ट ने स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती के दिए आदेश, 5 हज़ार से ज्यादा उर्दू शिक्षकों को होगा फायदा

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को उर्दू शिक्षकों के पक्ष में एक बड़ा फैसला दिया. दरअसल, हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश के स्कूलों में उर्दू शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से कहा है कि इस भर्ती प्रक्रिया की पूरी जानकारी याचिकाकर्ताओं को दी जाए.

MP हाईकोर्ट ने स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती के दिए आदेश, 5 हज़ार से ज्यादा उर्दू शिक्षकों को होगा फायदा

MP High Court on Urdu Teacher Recritment: MP हाईकोर्ट ने स्कूलों में उर्दू (Urdu) विषय के शिक्षकों पर मंगलवार को बड़ा आदेश दिया. कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने अपने आदेश में कहा कि सरकार माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा (Secondary Teacher Recruitment Exam) में उर्दू विषय (Urdu Subject) को भी शामिल करें. इसके साथ ही उर्दू शिक्षकों (Urdu Teachers) की भर्ती की याचिकाकर्ताओं को सूचना दी जाए. हाईकोर्ट के इस फैसले पर अगर सरकार अमल करती है, तो इससे  5 हज़ार से ज्यादा उर्दू शिक्षकों को फायदा होगा. 

छिंदवाड़ा की फातिमा की याचिका पर आया फैसला

दरअसल, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में उर्दू विषय को शामिल न करने के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. छिंदवाड़ा निवासी शिक्षिका फातिमा अंजुम की ओर से यह याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें दलील दी गई कि राज्य में उर्दू विषय के शिक्षकों के कई पद खाली हैं, फिर भी इस विषय को चयन परीक्षा में शामिल नहीं किया गया. इस मामले में एडवोकेट आकाश सिंघई ने फातिमा अंजुम की पैरवी करते हुए याचिका दाखिल की थी. उनकी इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह फैसला दिया. 

कर्मचारी चयन बोर्ड से मांगा जवाब

इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कर्मचारी चयन बोर्ड से इस विषय में जवाब मांगा. अदालत ने पूछा कि जब उर्दू शिक्षकों के पद रिक्त हैं, तो इसे परीक्षा में क्यों नहीं जोड़ा गया?याचिकाकर्ता के वकील आकाश सिंघई ने बताया कि इससे पहले वर्ष 2018 और 2023 की शिक्षक चयन परीक्षाओं में भी उर्दू विषय को लेकर इसी तरह की समस्याएं आई थीं. इस बार भी उर्दू विषय को दरकिनार कर दिया गया है, जिससे विषय से जुड़े योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हो रहा है.

याचिकाकर्ता को भी दिए ये अधिकार

हाई कोर्ट ने कर्मचारी चयन बोर्ड को निर्देश दिया कि वह इस मामले में उचित निर्णय लेकर याचिकाकर्ता को सूचित करें. साथ ही, अदालत ने फातिमा अंजुम को यह स्वतंत्रता दी कि यदि वह सरकार के निर्णय से संतुष्ट नहीं होती हैं, तो उचित फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं.

सरकार पर सवाल

मध्य प्रदेश में उर्दू शिक्षकों की भर्ती को लेकर पहले भी विवाद होते रहे हैं. कई बार उर्दू भाषा के शिक्षकों की मांग उठ चुकी है, लेकिन सरकार की ओर से इस पर ठोस कदम नहीं उठाए गए. अब देखना होगा कि हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इस विषय को चयन परीक्षा में शामिल करने पर कोई निर्णय लिया जाता है, या नहीं ?

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