विज्ञापन
Story ProgressBack

MP हाईकोर्ट ने नए कानून BNSS के तहत पुलिस को दिया ये निर्देश, जानें पूरा मामला

MP News: एमपी हाईकोर्ट ने नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत एक मामले पर जांच करने के आदेश दिए हैं. नए कानून लागू होने के बाद संभवत: यह पहला मामला है, जिसमें हाईकोर्ट ने कोई आदेश दिया है.

Read Time: 3 mins
MP हाईकोर्ट ने नए कानून BNSS के तहत पुलिस को दिया ये निर्देश, जानें पूरा मामला
फाइल फोटो

MP High Court News: देश में तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) बीते एक जुलाई से लागू हो चुके हैं. इन कानून को लागू हुए अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता था कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने नए कानून के तहत एक आदेश भी दे दिया है. हाईकोर्ट (MP High Court) ने एक धर्म गुरु द्वारा अन्य धर्म गुरु और उनके परिवार पर अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में पुलिस को जांच करने के निर्देश दिए हैं. 

जस्टिस विशाल धगट (Justice Vishal Dhagat) की एकलपीठ ने नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की व्याख्या करते हुए पुलिस को निर्देश दिए हैं कि जांच के बाद यदि आरोपी पर संज्ञेय अपराध बनता है तो एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई करें. और यदि संज्ञेय अपराध नहीं बनता है तो उसकी जानकारी शिकायतकर्ता को दें, ताकि वह उचित फोरम की शरण ले सके. बता दें कि एक जुलाई को नए कानून लागू होने के बाद संभवत: यह पहला मामला है, जिसमें हाईकोर्ट ने कोई आदेश दिया है.

ये है पूरा मामला

याची अमीश तिवारी निवासी गोटेगांव की ओर से अधिवक्ता पंकज दुबे ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता ने गोटेगांव पुलिस में 7 मई को शिकायत की थी कि दतिया निवासी धर्मगुरू गुरूशरण शर्मा तमाम साधु संतों के खिलाफ टीका टिप्पणियां करते हैं और उन्हें इंटरनेट मीडिया के माध्यम से वायरल करते हैं. कोर्ट को बताया गया कि गुरूशरण शर्मा ने बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के संबंध में अनादर पूर्वक शब्दों और अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया. धीरेंद्र शास्त्री और उनके परिवार के लोगों के संबंध में अशोभनीय और लज्जा भंग करने जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया. इससे आहत होकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई.

याची ने रखी ये मांग

अधिवक्ता पंकज दुबे ने दलील दी कि नए कानून भारतीय नागरिक संहिता की धारा 173 के तहत पुलिस का यह दायित्व है कि शिकायत मिलने के 14 दिन के भीतर जांच करे, यदि अपराध असंज्ञेय है तो शिकायतकर्ता को उसकी सूचना दे. ऐसा नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने नए कानून की व्याख्या करते हुए उक्त आदेश जारी किए हैं.

यह भी पढ़ें - MP विधानसभा में बंदीगृह विधेयक 2024 हुआ पेश, कैदियों के लिए इन खास सुविधाओं का प्रावधान

यह भी पढ़ें - संजीव सचदेवा बनाए गए MP हाईकोर्ट के नए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस शील नागू की जगह संभालेंगे पदभार

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
MP News: ATS के हाथ लगी बड़ी सफलता, आतंकी संगठन आईएम और सिमी से कनेक्शन रखने वाले फैजान को पकड़ा
MP हाईकोर्ट ने नए कानून BNSS के तहत पुलिस को दिया ये निर्देश, जानें पूरा मामला
Chhatarpur Councilor and BJP leaders got their names approved at PM residence 3 thousand poor people are wandering
Next Article
Exclusive: MP के इस शहर में पार्षद और BJP नेताओं ने अपने नाम स्वीकृत कराए PM आवास, 3 हज़ार गरीब भटक रहे
Close
;