 
                                            MP Foundation Day 2025: मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने विशेष लेख लिखा है.उन्होंने लिखा है कि "मध्यप्रदेश आज अपनी स्थापना के 70वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. एक नवंबर 1956 को अस्तित्व में आये मध्यप्रदेश में विकास की नई यात्रा विगत दो दशकों से आरंभ हुई, जो प्रदेश को देश में अग्रणी राज्य बनाने की संभावनाओं तक पहुंच गई है. यह सुखद संयोग है कि आज देवउठनी ग्यारस के पावन अवसर पर राज्योत्सव का आयोजन किया जा रहा है. हमारे तीज, त्यौहार और परंपराएं हमारी संस्कृति का आधार हैं. उत्सव के आनंद से ही भविष्य निर्माण के भाव निर्मित होते हैं. मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रदेश में सभी त्यौहारों को व्यापक स्वरूप में मनाया जा रहा है. अपने त्यौहारों का सांस्कृतिक संदर्भ ही हमें पुरातन से नूतन की प्रेरणा देता है."
अभ्युदय मध्यप्रदेश
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 31, 2025
विरासत, संस्कृति और विकास का उत्सव
1 से 3 नवंबर, 2025 तक भव्य प्रस्तुतियां
📍 लाल परेड ग्राउंड, भोपाल@DrMohanYadav51 @minculturemp @mpMAPIT #CMMadhyaPradesh #MadhyaPradesh #MPFoundationDay #Bhopal pic.twitter.com/9j69Mf49Tg
कला, संस्कृति, उत्सव और परंपराओं से समृद्ध एमपी
सीएम मोहन ने आगे लिखा है कि "हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत का ह्दय मध्यप्रदेश वन, जल, अन्न, खनिज, शिल्प, कला, संस्कृति, उत्सव और परंपराओं से समृद्ध है. हमें मां नर्मदा, चंबल, पार्वती, शिप्रा नदियों का सान्निध्य और बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त है. यह भगवान परशुराम की जन्मस्थली, भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली और आदि शंकराचार्य जी की तपोस्थली है. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने चित्रकूट में लंबा समय व्यतीत किया है. इतिहास प्रसिद्ध राजा नल, भर्तृहरि, विक्रमादित्य की जन्म स्थली भी मध्यप्रदेश रही है. सम्राट विक्रमादित्य ने ही शकों के आतंक से भारत को मुक्त किया था. संसार की पहली वैज्ञानिक कालगणना "विक्रम संवत्" का आरंभ भी मध्यप्रदेश के उज्जैन से हुआ था."
सीएम मोहन ने लिखा कि "मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि हम अपने ऐतिहासिक गौरव की दिव्यता और प्राकृतिक भव्यता के साथ विरासत से विकास की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए विकसित भारत निर्माण का संकल्प दिया है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारा देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. प्रधानमंत्री जी के इस संकल्प को साकार करने और विकसित भारत निर्माण के लिए मध्यप्रदेश में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं. प्रदेश में उद्योग वर्ष मनाने के साथ राज्योत्सव की थीम 'उद्योग और रोज़गार' रखी गई है. इसमें प्रदेश के सतत विकास, सांस्कृतिक समृद्धि और जनभागीदारी का भाव है."
अभ्युदय मध्यप्रदेश
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) October 28, 2025
अपने गौरवशाली सफर के 70वें वर्ष में
जनकल्याण की अलौकिकता से जगमगाता
समृद्ध और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश
आइए, मिलकर मनाएं
मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस
🗓️ 1–3 नवंबर 2025
📍 लाल परेड ग्राउंड, भोपाल@DrMohanYadav51 @minculturemp #CMMadhyaPradesh #MPFoundationDay… pic.twitter.com/OGgR3lJCpU
"यशस्वी प्रधानमंत्री की प्रेरणा से हमें निवेश और औद्योगिक विकास की यात्रा को परिणाम में बदलने का अवसर प्राप्त हो रहा है. विविधता से समृद्ध मध्यप्रदेश के हर क्षेत्र की अपनी विशेषता, क्षमता और दक्षता है, जिसमें अनंत संभावनाएं हैं. इसी को केन्द्र में रखकर हमने प्रदेश में रीजनल इन्वेस्टर्स समिट का नवाचार किया. मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रदेश के हर क्षेत्र का कौशल और उद्योग इसमें शामिल हुआ है. व्यापार को सरल बनाने और निवेशकों से सीधे संवाद के लिए हमने मार्च 2024 से उज्जैन से निवेश यात्रा शुरू की और फिर जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम, मुंबई, कोयंबटूर, बेंगलुरु, पुणे, दिल्ली, यूके, जर्मनी, जापान, दुबई तक इसे विस्तार दिया. विभिन्न सम्मेलनों, राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय रोड-शो के माध्यम से मध्यप्रदेश के निवेश में कई गुना वृद्धि हुई है."
निवेश का माहौल बना
मुख्यमंत्री ने लिखा कि "निवेशकों को एक सक्षम, सरल और सुरक्षित वातावरण प्रदान किया गया है. प्रदेश में इनोवेशन हब, स्टार्टअप पॉलिसी, फंडिंग सपोर्ट और इन्क्यूबेशन नेटवर्क स्थापित कर देश की स्टार्टअप क्रांति को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है."
"मुझे यह बताते हुए हर्ष है कि प्रदेश एक ऐसे परिवर्तनकाल से गुजर रहा है जहां निवेश, नवाचार और रोज़गार आधार स्तंभ हैं. लगभग दो वर्षों में प्रदेश ने उद्योग, कृषि, दुग्ध उत्पादन, पर्यावरण, ऊर्जा और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में अनेक ऐतिहासिक उपलब्धियाँ अर्जित की हैं.
गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी का सम्मान
सीएम ने लिखा कि "भारत के समग्र विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमें गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी (GYAN) के सम्मान का मंत्र दिया है. विकास के इन आधार स्तंभ के अनुरूप प्रदेश विकास और कल्याण के लिए युवा शक्ति, गरीब कल्याण, किसान कल्याण और नारी सशक्तिकरण मिशन के तहत कार्य किया जा रहा है."
"गरीब कल्याण मिशन में स्वरोज़गार और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, आवास, शिक्षा एवं स्वास्थ्य की सुविधा आदि की दिशा में कार्य किया जा रहा है. मध्यप्रदेश कौशल विकास मिशन और स्टार्टअप नीति 2025 ने युवाओं को जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर में परिवर्तित किया है. कौशल विकास मिशन के माध्यम से युवाओं को उद्योग-आधारित प्रशिक्षण दिया जा रहा है. रोज़गार मेले, अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम और डिजिटल स्किल सर्टिफिकेशन जैसे प्रयास युवाओं को रोज़गार से जोड़ रहे हैं. रोज़गार सृजन हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. शासकीय और निजी क्षेत्रों में युवाओं के लिए स्थायी, कुशल और सम्मानजनक अवसर उपलब्ध किये जा रहे हैं. मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने शासकीय भर्ती का कैलेण्डर जारी किया और उसके अनुरूप भर्ती प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है."
"कृषि क्षेत्र को नवाचार के साथ सशक्त बनाने की दिशा में एक नई क्रांति का सूत्रपात हुआ है. प्रदेश सरकार ने ड्रोन आधारित फसल निरीक्षण, स्मार्ट सिंचाई प्रणाली और कृषि उत्पाद मूल्य संवर्धन पर विशेष फोकस किया है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और मुख्यमंत्री खेत-तालाब योजना सहित अन्य प्रयासों से किसानों के लिए सिंचाई क्षेत्र बढ़ाने का लगातार प्रयत्न किया जा रहा है. केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से प्रदेश के किसानों को सिंचाई और पानी की सुविधा व्यापक स्तर पर उपलब्ध होगी. प्रदेश में सिंचाई का रकबा 52 लाख हेक्टेयर से अधिक हो चुका है. इसे दोगुना करने का लक्ष्य है. आगामी 3 वर्षों में सिंचाई क्षेत्र का रकबा 100 लाख हेक्टेयर करने की योजना है. कृषि उपज का प्रत्यक्ष भुगतान, ऑनलाइन मंडी व्यवस्था और जैविक खेती के प्रोत्साहन ने अन्नदाताओं की आय में वृद्धि की है. मध्यप्रदेश गेहूं, सोयाबीन, चना और मसालों के उत्पादन में अग्रणी प्रदेश हैं."
"गौ-धन हमारी अर्थव्यवस्था का स्थायी स्तंभ बने इसके लिए हमने गौ-संवर्धन और दुग्ध उत्पादन को आर्थिक नवाचार का केंद्र बनाया है. मुख्यमंत्री गौ-संवर्धन मिशन के तहत प्रदेशभर में गौ-अभयारण्य और गौ-सेवा केंद्रों की स्थापना की गई है. लगभग दो वर्षों में प्रदेश ने दुग्ध उत्पादन में गुणात्मक वृद्धि हासिल की है."
अंत में मुख्यमंत्री ने लिखा कि "मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और प्रदेशवासियों के सहयोग और संबल से कल्याणकारी नीतियों और निर्णयों को अमल में लाने में सफलता प्राप्त हुई है. मध्यप्रदेश की स्वर्णिम यात्रा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के साथ आगे बढ़ रही है. गरीब के चेहरे पर मुस्कान, किसान की खुशहाली, नारी का सम्मान और युवाओं का उज्ज्वल भविष्य हमारा संकल्प भी है और लक्ष्य भी. आइये, हम सब मिलकर समग्र विकास के साथ आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाएं और विकसित भारत के निर्माण में सहभागी बनें."
"प्रदेशवासियों को मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस की मंगलकामनाएं."
डिस्क्लेमर : लेखक डॉ मोहन यादव, इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के अपने है.
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