
Fraud with Farmers: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मानसून कभी भी दस्तक दे सकता है. सीहोर (Sehore) जिले में किसान खरीफ फसल बोवनी के लिए खेतों को तैयार करने में लग गए हैं. खेतों में बख्खर चल रहे हैं. जिला सोयाबीन उत्पादन (Soyabean Production) के लिए जाना जाता है, लेकिन बीते कुछ सालों से यहां सोयाबीन की उतनी बंपर पैदावार नहीं हो रही है. बोवनी के लिए किसान अच्छे किस्म का सोयाबीन बीज तलाश रहे हैं. कृषि विभाग में सब्सिडी पर किसानों को प्रदर्शन किट (Demonstration Kit) आदान सामग्री दी जा रही है. एक ओर जहां जिले में किसान संकल्प यात्रा निकाल कृषि विभाग किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्नत तकनीक की जानकारी दे रहा हैं, तो वहीं, दूसरी ओर किसानों के साथ विभाग के अफसर मनमानी कर रहे हैं.

किसानों को दी जा रही किट
किसानों ने लगाया आरोप
अब किसानों का आरोप है कि उन्हें विभाग से सोयाबीन बीज लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है. ग्राम सेवक और अधिकारियों द्वारा उन्हें बताया जा रहा है कि विभाग से सोयाबीन बीज सहित अन्य कीट खरीदेगें, तो ही सब्सिडी दी जाएगी. बाजार से खरीदने पर नहीं मिलेगी. गौरतलब है कि खेतों में किसान बोवनी की तैयारियों में व्यस्त हैं. वह उत्तम गुणवत्ता वाला सोयाबीन बीज तलाश रहे हैं.
दी जा रही सामग्री प्रदर्शन कीट पैकेज
जिले के कृषि विस्तार अधिकारी कार्यालयों में किसानों को सब्सिडी वाली आदन सामग्री प्रदर्शन कीट पैकेज 4550 रुपये में दी जा रही है. इसमें 75 किलोग्राम सोयाबीन बीज, कीटनाशक, कल्चर, पीएसबी, जिंक और माइक्रो म्यूटेंट वितरित किया जा रहा है. फिलहाल, किसानों को सिर्फ 75 किलो बीज ही दिया जा रहा है. कीटनाशक और अन्य दवाएं नहीं दी जा रही हैं.
गलत जानकारी से परेशान किसान
योजना के तहत देखा जाए तो कोई भी किसान बोवनी के लिए सोयाबीन बीज और अन्य दवाएं बाजार से खरीद सकता है. वह विभाग इनका बिल प्रस्तुत करेगा और उसके खाते में सब्सिडी आ जाएगी. लेकिन, कृषि विस्तार अधिकारी, ग्राम सेवक और वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा किसानों को गलत जानकारी दी जा रही है. उन्हें बताया जा रहा है कि सिर्फ विभाग से ही बीज और अन्य सामग्री खरीदने पर ही सब्सिडी मिलेगी.
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जबकि, किसानों को कृषि विभाग से 1135 किस्म का सोयाबीन बीज दिया जा रहा है. इससे किसान असंतुष्ट हैं. किसानों का कहना है कि यह बीज बीते साल भी दिया गया था. इससे अच्छी पैदावार नहीं होती है. एक एकड़ जमीन में मात्र तीन क्विटंल ही उत्पादन हो सका है. किसान इसको लेकर काफी नाराज हैं. बताया कि यह बीज घटिया क्वालिटी का है, लागत तक नहीं निकली थी.
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