Madhya Pradesh Assembly Election : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. राजनीतिक पार्टियां आरोप-प्रत्यारोप के दौर गुजर रहीं है, इन सबसे के बीच प्रदेश की आम जनता और मतदाताओं के बीच कई सवाल हैं. मध्यप्रदेश में सभी चुनावी उम्मीदवारों की किस्मत 17 नवंबर को मतदान वाले दिन (MP Election Voting Date) लिखी जाएगी. 230 विधान सभा क्षेत्र (230 Assembly Seats) के चुनावी मैदान में जो प्रत्याशी दम-खम दिखा रहे है, उनके भाग्य का पिटारा 3 दिसंबर को मतगणना (Vote Counting Date) वाले दिन ईवीएम (EVM) से खुलेगा. काउंटिंग डे और आधिकारिक फैसला आने में अभी समय है, लेकिन मध्य प्रदेश के मन में क्या चल रहा है, इसका जवाब आपको आज यहां पर मिल जाएगा. NDTV ने सीएसडीएस (CSDS)-लोकनीति (LOKNITI) के साथ मिलकर एक सर्वे किया है, जिसमें कई सवालों के आधार पर ओपिनियन पोल (Opinion Poll) के परिणाम सामने आए हैं. आइए एक नजर डालते हैं, जनता से पूछे गए सवालों और उनके जवाबों के परिणाम पर...
सबसे पहले जानते हैं MP की जनता शिव'राज' से कितनी खुश है?
इस सर्वे (NDTV- CSDS Survey) के दौरान जब मध्यप्रदेश की जनता से पूछा गया कि वे मख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की नेतृत्व वाली सरकार (Shivraj Government) के काम से कितने संतुष्ट हैं? तो इस पर 27 फीसदी लोगों का कहना था कि वे शिवराज सरकार के काम से पूरी तरह से संतुष्ट हैं. जबकि 34% लोगों का मानना है कि वे कुछ हद तक संतुष्ट हैं. वहीं 16 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि वे कुछ हद तक असंतुष्ट हैं. इसके साथ ही 18 फीसदी ने कहा कि वे असंतुष्ट हैं.
मोदी सरकार के कार्यों पर कितने मेहरबान दिखे एमपी वाले?
सर्वे के दौरान जब हृदय प्रदेश कहलाने वाले एमपी के लोगों से पूछा गया कि आप केंद्र सरकार के काम से कितने संतुष्ट हैं? इस सवाल के जवाब पर 34 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि वे केंद्र सरकार के काम से पूरी तरह संतुष्ट हैं. 31% लोगों का कहना था कि वे कुछ हद तक केंद्र सरकार के काम से संतुष्ट हैं. इसके उलट 16 फीसदी लोगों का कहना रहा कि वे केंद्र सरकार के काम से कुछ हद तक असंतुष्ट हैं. जबकि 13 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वे असंतुष्ट हैं.
कमलनाथ Vs शिवराज में किसका काम बेहतर?
2018 में कांग्रेस ने सरकार बनाई, कमलनाथ प्रदेश नए सीएम बने. लेकिन ज्यादा दिन सरकार टिक नहीं पायी. 2020 में विधायकों ने करवट बदला और सरकार पलट गई. इसके बाद फिर बीजेपी - फिर शिवराज सरकार दिखाई दी. इस संबंध में जब लोगों से 2018 से 2023 के बीच दोनों मुख्यमंत्री, कमलनाथ और शिवराज सिंह के काम को लेकर सवाल पूछा गया कि आप किसके काम से ज्यादा संतुष्ट है? इसके जवाब में 34 फीसदी लोगों ने कहा कि वे 2018-2020 के दौरान वाली कमलनाथ सरकार के काम से संतुष्ट हैं. वहीं इससे 2% ज्यादा यानी 36 फीसदी लोगों ने कहा कि वे 2020-23 की शिवराज सरकार के काम से संतुष्ट हैं. 13% दोनों सरकार के कामों से संतुष्ट हैं, तो वहीं 11 फीसदी उत्तरदाता दोनों सरकार के कामों से असंतुष्ट दिखे.
सड़क, बिजली, पानी की स्थिति?
मध्यप्रदेश में जब सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत जरूरतों के बारे में सवाल किया गया तो 55 फीसदी लोगों ने कहा सड़कें सुधरी हैं, जबकि 28% ने कहा रोड़ की हालात बिगड़ी है. बिजली को लेकर 54 फीसदी ने कहा स्थिति सुधरी है, जबकि 24% उत्तरदाताओं ने कहा कि बिजली व्यवस्था बिगड़ी है.
पानी के सवाल पर 43% का मानना है कि स्थिति सुधरी है जबकि 32 फीसदी ने कहा स्थिति बिगड़ी है.
सरकारी अस्पताल और स्कूल के क्या हैं हाल?
सरकारी अस्पताल की स्थिति को लेकर जब सवाल पूछा गया तो 36 फीसदी ने कहा स्थिति सुधरी जबकि 33% ने कहा हालत बिगड़ी है. सरकारी स्कूल के बारे में 41% ने कहा हालत सुधरी है, वहीं 24 फीसदी का कहना है कि स्थिति बिगड़ी है.
कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा
कानून व्यवस्था (Law & orders) और महिला सुरक्षा (Women Safety) को लेकर भी हमने मध्यप्रदेश की जनता से सवाल किए. जिस पर 36% का मानना है कि कानून-व्यवस्था सुधरी है, वहीं 30 फीसदी ने कहा कानून व्यवस्था के हालात बिगड़े हैं. महिला सुरक्षा के मुद्दे पर 36% ने सुधरी हुई स्थिति की बात कहीं जबकि 36% ही उत्तरदाताओं ने कहा स्थिति बिगड़ी है.
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