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MP के 23 जिलों में तेजी से बढ़ा SC-ST पर अत्याचार, 88 हॉटस्पॉट चिह्नित, ग्वालियर-चंबल संभाग के 47 इलाके संवेदनशील

Madhya Pradesh: एससी एसटी पर अत्याचार के मामले मध्य प्रदेश के 54 शहरी क्षेत्र शामिल हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी संख्या 34 है. वहीं सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि 88 हॉटस्पॉट में से अकेले ग्वालियर-चंबल संभाग में 47 क्षेत्र शामिल हैं.

MP के 23 जिलों में तेजी से बढ़ा SC-ST पर अत्याचार, 88 हॉटस्पॉट चिह्नित, ग्वालियर-चंबल संभाग के 47 इलाके संवेदनशील

Atrocities on SC-ST in MP: मध्य प्रदेश सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति (SC और ST) पर होने वाले अत्याचार के मामलों को देखते हुए राज्य के 23 जिलों के 88 इलाके को संवेदनशील (हॉट स्पॉट) चिन्हित किए हैं. इन इलाकों को ‘हाई पॉसिबिलिटी ऑफ एट्रोसिटी क्राइम एरिया' घोषित किया गया है. इसके साथ ही पुलिस को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, ग्वालियर पहले स्थान पर, गुना दूसरे स्थान पर और शिवपुरी तीसरे स्थान पर. इन जिलों में सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति और जनजाति पर अत्याचार किया गया है. 

वहीं एससी एसटी पर अत्याचार के मामले मध्य प्रदेश के 54 शहरी क्षेत्र शामिल हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी संख्या 34 है. वहीं सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि 88 हॉटस्पॉट में से अकेले ग्वालियर-चंबल संभाग में 47 संवेदनशील जगह हैं.

मध्य प्रदेश पुलिस की अजाक शाखा की सिफारिश पर गृह विभाग ने यह अधिसूचना जारी की है. वहीं गृह मंत्रालय ने चिंता जाहिर करते हुए शहरी क्षेत्र में बढ़ते एससी एसटी अत्याचार के मामलों पर नियंत्रण रखने की कोशिश करने के साथ ही कई दिशा निर्देश जारी किए हैं.

ग्वालियर, गुना और शिवपुरी सबसे आगे

वर्तमान मामलों को अगर को देखें तो मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में एससी एसटी पर सबसे ज्यादा अत्याचार किए  गए हैं. ग्वालियर-चंबल संभाग के तीन बड़े जिले इसमें पहले पायदान पर हैं, जिसमें ग्वालियर, गुना और शिवपुरी शामिल है.

आंकड़ों के मुताबिक, ग्वालियर में 16, गुना में 13, शिवपुरी में 7 ऐसे हॉटस्पॉट हैं, जहां एससी एसटी पर अत्याचार के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. 

इन तीनों जिलों की बात करें तो ग्वालियर नगर निगम अंतर्गत आने वाले 16 शहरी इलाके हैं, जहां एस्ट्रो सिटी हॉटस्पॉट देखे गए हैं. वहीं इसी जिले के डबरा नगर पालिका क्षेत्र में तीन हॉटस्पॉट बनाए गए हैं और इस तरह ग्वालियर पहले नंबर पर है. अगर इसी संभाग के दूसरे बड़े जिले की बात करें तो वो गुना है, जहां 13 हॉटस्पॉट बनाए गए हैं. इनमें 11 शहरी क्षेत्र, जबकि दो ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं. इसी संभाग में तीसरे नंबर पर शिवपुरी जिला है. इस जिले के सात जगहों को संवेदनशील (हॉट स्पॉट) चिन्हित किए हैं.

हाय पॉसिबिलिटी ऑफ एस्ट्रोसिटी क्राइम एरिया में ग्वालियर-16, गुना-13, शिवपुरी-7, खंडवा-3, नर्मदापुरम-6, शाजापुर-3, विदिशा-4, देवास-2, बैतूल-2, अशोकनगर- 3, इंदौर- 1, रायसेन- 1, मुरैना- 6,  धार-1, भिंड-2, मंदसौर-1 शामिल हैं.

MP में SC-ST पर अत्याचार के 88 हॉटस्पॉट चिह्नित

88 इलाके को संवेदनशील (हॉट स्पॉट) चिन्हित इलाकों में ग्वालियर-चंबल संभाग, इंदौर-उज्जैन संभाग, भोपाल-नर्मदापुरम शामिल हैं. ऐसे में जिले की स्थिति को गृह मंत्रालय ने ऐसे स्पष्ट कर हाय पॉसिबिलिटी ऑफ एस्ट्रोसिटी क्राइम एरिया घोषित किया है. जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार-

ग्वालियर-चंबल संभाग  

  • ग्वालियर- 16
  • डबरा-7
  • गुना-13
  • शिवपुरी- 7
  • अशोकनगर-3
  • मुरैना- 6
  • भिंड 2

इंदौर- उज्जैन संभाग

  • खंडवा - 3
  • शाजापुर-3
  • देवास-2
  • इंदौर-1 
  • धार-1 
  • मंदसौर-1

भोपाल-नर्मदापुरम संभाग

  • नर्मदापुरम- 6
  • विदिशा-4
  • बैतूल-2
  • रायसेन-1

कैसे तय किए गए यह हॉटस्पॉट एरिया?

गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित किया कि जिस इलाके में एस्ट्रोसिटी के 10 या उससे अधिक मामले सामने आए हैं वो क्षेत्र एस्ट्रोसिटी हॉटस्पॉट के रूप में माने जाएंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिला इस ममाले में सबसे आगे क्यों है? 

मध्य प्रदेश में ग्वालियर-चंबल संभाग सबसे आगे

बता दें कि वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एट्रोसिटी एक्ट में गिरफ्तारी से पहले जांच अनिवार्य किए जाने के फैसले के विरोध में ग्वालियर जिले में जातिगत हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई थीं, जिनमें सात लोगों की मौत हो गई थी.  यही वजह है कि ग्वालियर पूरे मध्य प्रदेश में पहले पायदान पर है.

सबसे चिंता की बात यह है कि अगर ग्वालियर चंबल संभाग की बात करें तो ग्वालियर में 16, गुना में 13 और शिवपुरी में 7, अशोकनगर में 3, मुरैना में 6 और भिंड के दो हाय पॉसिबिलिटी ऑफ एस्ट्रोसिटी क्राइम एरिया है. जो पूरे मध्य प्रदेश में ग्वालियर चंबल संभाग चिंता का कारण बना हुआ है.

क्या बोले अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आजाक) आशुतोष राय ने बताया कि यह हाई पॉसिबिलिटी का एस्ट्रोसिटी  क्राइम एरिया जिन क्षेत्रों को घोषित किया गया है, वहां यह देखा गया है कि साल भर में 10 मामले या इससे अधिक मामले सामने आए हैं. ऐस में वह संवेदनशील एरिया माना गया. इसी तरह के मामलों को देखते हुए ग्वालियर पहले नंबर पर है और बाकी जिलों में भी इस तरह के मामले रिकॉर्ड किए गए, जिन्हें हॉटस्पॉट के रूप में रखा गया है.

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