मेरे इस फोटो में टाइगर के पद चिन्ह नहीं दिख रहे हैं, बल्कि जिप्सी के टायरों के निशान दिख रहे हैं. फोटो ये संदेश दे रही है कि हमने टाइगर के पद चिन्ह मिटा दिया है. टाइगर की टेरेटरी पर अब अपना कब्जा कर लिया है. हम जंगलों को और जंगली जानवरों को भी अकेला नहीं छोड़ रहे हैं. ये पंक्ति विख्यात छायाकार पंकज पारे की है, जिन्होंने जबलपुर आर्ट कल्च एन्ड म्यूजिक फेस्टिवल में लगाई गई एकल प्रदर्शनी के दौरान कहा.
फेस्टिवल का उद्घाटन कार्टूनिस्ट आबिद सुरती
पंकज पारे का हर चित्र कुछ ना कुछ बोल रहा है. प्रदर्शनी में प्रदर्शित एक 22 साल पुरानी तस्वीर है, जिसमें एक तालाब में नाव चल रही है, लेकिन अब वहां पर स्कूल और कॉलोनी बन गई है. इधर, भारत में अपने कार्टून को ढब्बू जी कार्टूनिस्ट के नाम से विख्यात 90 वर्षीय आबिद सुरती ने व्यंग्य पर चर्चा की और फेस्टिवल का उद्घाटन किया. संतूर की सुरमाधुर स्वर लहरिया मोहक धुन छेड़ रही थी कि हर व्यक्ति करण प्रिया संगीत से मोहित हो गया. युवा संतूर वादक निनाद अधिकारी ने उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया.
जबलपुर आर्ट कल्च एन्ड म्यूजिक फेस्टिवल का किया गया आयोजन
2023 के लिए पर्यावरण कार्यकर्ता सचिन निंबालकर को और राधेश्याम अग्रवाल को ब्रह्म स्वरूप किला स्मृति सम्मान दिया गया. तीन दिवसीय इस बहुरंगी आयोजन में देश भर के 600 से ज्यादा कलाकार, पेंटर, फोटोग्राफर, ललित कला कलाकार, सिंगर, म्यूजिक और आर्ट के फनकार भाग ले रहे हैं. ये जबलपुर आर्ट कल्च एन्ड म्यूजिक फेस्टिवल का आठवां आयोजन था.
नाटक अगरबत्ती का किया गया मंचन
भारत में सर्वश्रेष्ठ नाटक का महिंद्रा एंड महिंद्रा अवार्ड जीत चुके आशीष पाठक के द्वारा निर्देशित नाटक अगरबत्ती का मंचन किया गया. इस नाटक में फूलन देवी की सताई हुई विधवाओं का चित्रण किया गया है जो बदला लेना चाहती थी, लेकिन उनका मन परिवर्तित कर समाज की मुख्य धारा से जोड़ दिया गया.
डॉक्यूमेंट्री वॉरियर का किया जाएगा प्रदर्शन
जबलपुर आर्ट कल्च एन्ड म्यूजिक फेस्टिवल के आयोजक विनय अंबर और सुप्रिया अंबर ने बताया कि ये जन्म का आठवां साल है और देश भर के कलाकार इस आयोजन में शामिल होते हैं, बल्कि साल भर इसका इंतजार भी करते हैं. उन्होंने आगे बताया कि आज कैनवस और टेरा कोटा पर एक कार्यशाला भी आयोजित की गई. इस मौके पर छत्तीसगढ़ से आए लकड़ी के कलाकारों ने अपनी कला का हुनर सबके सामने रखा. बता दें कि जबलपुर आर्ट कल्च एन्ड म्यूजिक फेस्टिवल के अंतिम दिन डॉ शैलेन्द्र राजपूत पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री वॉरियर का भी प्रदर्शन किया जाएगा. दरअसल, ये डॉक्यूमेंट्री कोविड 19 के दौरान कोरोना वॉरियर के रूप में काम चुके डॉ शैलेन्द्र राजपूत पर बनाई गई है.
ये भी पढ़े: शाहरुख खान ने रचा इतिहास, एक साल में ₹2500 करोड़ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन करने वाले पहले एक्टर बने