
Guest Teachers against CM Mohan: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में प्रदेश भर के अतिथि शिक्षकों (Guest Teachers) ने नियमितीकरण की मांग को लेकर जंगी प्रदर्शन किया. दरअसल, अतिथि शिक्षक अंबेडकर पार्क से सीएम हाउस (Bhopal CM House) जाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन, पार्क के पास ही पुलिस ने बैरिकेटिंग कर इन्हें रोक लिया. इस दौरान अतिथि शिक्षकों और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की और झड़प हुई. पुलिस ने आगे जाने की अनुमति नहीं दी. अतिथि शिक्षकों के एक डेलिगेशन को मिलने जरूरत भेजा गया. भोपाल में तेज बारिश के बीच शिक्षक सड़कों पर बैठकर नारेबाजी करते रहे.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोका
मामले में पुलिस का कहना था कि प्रदर्शन की अनुमति अम्बेडकर पार्क तक ही थी. इसके आगे जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती थी. राजधानी भोपाल के अंबेडकर पार्क में सुबह से ही प्रदेश भर के अतिथि शिक्षकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ. देखते ही देखते हजारों की तादाद में अतिथि शिक्षक जुट गए और हाथों में तिरंगा लेकर सीएम हाउस की तरफ बढ़ने लगे. इस दौरान पुलिस ने रोका, तो दोनो में जमकर धक्का-मुक्की भी हुई.

अतिथि शिक्षकों ने किया जंगी प्रदर्शन
बारिश के भी डटे रहे अतिथि शिक्षक
प्रदर्शन के दौरान अचानक भोपाल में तेज बारिश होने लगी. लेकिन, अतिथि शिक्षक सड़कों पर बैठकर नारेबाजी करते रहे और हनुमान चालीसा का पाठ किया. तेज बारिश में भी ये प्रदर्शन जारी रहा. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने अतिथि शिक्षकों से मुलाकात की. उमंग ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार इनकी मांगो पर विचार करने की बजाय इनपर लाठी चलवा रही है.
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इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
बता दें कि पूरे प्रदेश के अतिथि शिक्षकों ने कुल पांच मुख्य मांगो को लेकर ये प्रदर्शन किया. उनकी मांग थी कि गुरु जी की तर्ज पर विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर नियमित किए जाए, अतिथि शिक्षकों के स्कोर कार्ड में हर सत्र के अनुभव के 10 अंक अधिकतम 100 अंक सभी वर्गों में शामिल करें, 30 परसेंट से कम रिजल्ट के अंक वाले शिक्षकों को पढ़ाने का एक मौका और दिया जाए.

मौके पर तैनात रही भारी पुलिस बल
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घोषणा पर अमल करने की मांग, अतिथि शिक्षकों ने बताया पूर्व सीएम ने अतिथि शिक्षकों की पंचायत में कहा था कि अतिथि शिक्षकों को नियमित कर गुरु जी के समान वेतनमान दिया जाएगा. इसके अलावा उनकी मांग है कि अनुभव के आधार पर नीति बनाकर अतिथि शिक्षकों को 12 महीने का सेवाकाल और पद स्थाई की जाए.
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