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मध्य प्रदेश में विकास का '100 करोड़ी' प्लान, विधायकों को पेश करना होगा विजन डॉक्यूमेंट

मध्यप्रदेश के विकास के लिए मोहन यादव सरकार ने बड़ी योजना बनाई है, जिसके मुताबिक राज्य के हर विधानसभा के विकास के लिए सरकार 100 करोड़ रुपये देगी पर शर्त ये है कि सभी 230 विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करके देना होगा. विधायकों को बताना होगा कि बचे 4 साल के कार्यकाल में वो अपनी विधानसभा क्षेत्र का विकास कैसे करेंगे?

मध्य प्रदेश में विकास का '100 करोड़ी' प्लान, विधायकों को पेश करना होगा विजन डॉक्यूमेंट

Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के विकास के लिए मोहन यादव सरकार (Mohan Yadav Government) ने बड़ी योजना बनाई है, जिसके मुताबिक राज्य के हर विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) के विकास के लिए सरकार 100 करोड़ रुपये देगी पर शर्त ये है कि सभी 230 विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र का विजन डॉक्यूमेंट (Vision Document) तैयार करके देना होगा. विधायकों को बताना होगा कि बचे 4 साल के कार्यकाल में वो अपनी विधानसभा क्षेत्र का विकास कैसे करेंगे? सरकार की मंशा अच्छी दिखती है लेकिन इसी पर सियासी घमासान छिड़ गया है. विपक्ष कह रहा है कि सरकार सियासी भेदभाव कर रही है और उसके पास कोई विजन ही नहीं है. पहले ये जान लेते हैं कि सरकार की योजना आखिर क्या है? 

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इस पूरे विजन डॉक्यूमेंट को धरातल पर उतारने का जिम्मा जिला योजना समिति की होगी, जिसका खाका तैयार हो चुका है सिर्फ मुख्यमंत्री की ओर से हरी झंडी का इंतजार है. प्रभारी मंत्री इसके सर्वेसर्वा होंगे. योजना समिति में कलेक्टर, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर-पालिका अध्यक्ष और सांसद भी शामिल होंगे.

अहम ये है कि पांच सालों बाद प्रदेश में जिला योजना समिति की वापसी हो रही है.प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला इस योजना के बारे में और स्थिति साफ करते हैं. उनके मुताबिक विधायकों को कार्य योजना तैयार करके बताना होगा कि उन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए क्या चाहिए? सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम करके आदर्श विधानसभाओं का निर्माण करना चाहती है. 

हालांकि सरकार इस पहल पर जानकर सवाल उठा रहे हैं. उनको लगता है कि योजना सियासी ज्यादा प्रशासनिक कम है. इसके साथ ही विपक्ष का भी आरोप है सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है. रिटायर्ड आईएएस डीएस राय के मुताबिक विजन के पीछे का मुख्य उद्देश्य मालूम होना चाहिए.इसे अमल में लाने के लिए उच्च स्तरीय सचिवों की कमेटी बनाई जानी चाहिए और सरकार को उनकी राय लेकर उसे लागू भी करना चाहिए. सबसे बड़ी बात ये है कि सरकार को स्वच्छ विचार के साथ काम करना होगा. दूसरी तरफ विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे का कहना है कि सरकार के पास कोई विजन ही नहीं है. सबकुछ मनमर्जी के साथ हो रहा है और भेदभाव किया जा रहा है. हेमंत कटारे का कहना है कि कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों से विजन डॉक्यूमेंट्स मांगा ही नहीं गया है. उन्होंने पूछा कि क्या ये विधायक इस प्रदेश का हिस्सा नहीं हैं. दिल बड़ा करके पूरे प्रदेश का विजन पेश करना चाहिए.  

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