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MP में PPP मॉडल के तहत बनेंगे मेडिकल कॉलेज, निवेशकों को अस्पताल उपलब्ध कराने की कैबिनेट ने दी मंजूरी

Cabinet Meeting: राजधानी भोपाल में सोमवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. बैठक में सरकार ने पीपीपी मॉडल के तहत बनने वाले मेडिकल कॉलेज के लिए अस्पताल उपलब्ध कराने की मंजूरी दे दी है.

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MP में PPP मॉडल के तहत बनेंगे मेडिकल कॉलेज, निवेशकों को अस्पताल उपलब्ध कराने की कैबिनेट ने दी मंजूरी
फाइल फोटो

Cabinet Meeting in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश सरकार ने सोमवार को पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेज बनाने के इच्छुक निवेशकों को सरकारी जिला अस्पतालों की उपलब्धता का लाभ प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसके तहत मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए निवेशकों को जिला अस्पतालों को उपलब्ध कराया जाएगा. राज्य के शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इससे निवेश की लागत कम हो आएगी और केवल मेडिकल कॉलेज का भवन बनाने की जरूरत पड़ेगी ना कि इसके साथ एक अस्पताल बनवाने की जरूरत पड़ेगी.

उन्होंने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज के लिए एक अस्पताल की जरूरत होती है और राज्य सरकार के पास इस तरह की सुविधा (अस्पताल) हर जिले में है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया.

मेडिकल कॉलेज के लिए सरकार उपलब्ध कराएगी जमीन

पीपीपी मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए सरकार जिला कलेक्टर की ओर से बनाए गए दर पर निवेशकों को जमीन उपलब्ध कराएगी. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ऐसा माना जाता है कि एक अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की स्थापना में निवेशकों को लगभग 500 करोड़ रुपये का खर्च आता है. उन्होंने कहा, "निवेश लागत कम करने के लिए सरकार निवेशक को जिला अस्पताल को देगी. इसलिए निवेशक को अस्पताल बनाने की जरूरत नहीं है और उसे केवल मेडिकल कॉलेज बनाने की जरूरत होगी.''

25 प्रतिशत बेड का इस्तेमाल निवेशक करेंगे

विजयवर्गीय ने कहा, इस मॉडल में शर्त यह है कि निवेशक जिला अस्पताल के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करेगा. उन्होंने कहा कि जब मेडिकल कॉलेज और अस्पताल एक साथ चलने लगेंगे तो 75 प्रतिशत बिस्तर केवल गरीबों को उपलब्ध कराने होंगे और निवेशक शेष 25 प्रतिशत का व्यावसायिक उपयोग कर सकता है. यह योजना उन जिलों में लागू की जाएगी जहां फिलहाल मेडिकल कॉलेज नहीं हैं.

बैठक के बाद क्या बोले CM?

कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मंदिर और देवस्थानों को सामाजिक चेतना और समरसता का केंद्र बनें. इसके लिए बैठक में देवस्थानों और संकल्पों के क्रियान्वयन के संबंध में निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार अयोध्या धाम में धर्मशाला विकसित करेगी. देवी-देवताओं के वस्त्र-आभूषण व मूर्ति निर्माण को कुटीर उद्योग के रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने उज्जैन में रीजनल इंडस्ट्रियल समिट के सफलता को लेकर मंत्री परिषद के सदस्यों को शुभकामनाएं दीं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अगली रीजनल इंडस्ट्रियल समिट जबलपुर, रीवा और ग्वालियर में होगी.

राजस्व महाअभियान के अंतर्गत नामांतरण के 3 लाख 3 हजार प्रकरणों का निराकरण किया गया. इसके लिए मुख्यमंत्री ने राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा को बधाई दी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सायबर तहसील व्यवस्था लागू हुई है.

कैबिनेट बैठक ये फैसले भी लिए गए

राजधानी भोपाल में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के प्राध्यापकों के लंबित प्रकरणों का निराकरण हुआ. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उच्च शिक्षा विभाग के प्राध्यापकों को छठे यूजीसी वेतनमान में एजीपी 10 हजार रुपये देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. मध्य प्रदेश सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के प्राध्यापकों में अब अन्य राज्यों के प्राध्यापकों के समान एजीपी 10 हजार रुपये का वेतनमान मिलेगा.

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