Mayank Rescue Operation: मध्य प्रदेश के रीवा (Rewa) जिले के एक गांव में बोरवेल (borewell) में गिरे बच्चे का अब तक सुराग नहीं मिल सका है. 42 घंटे से लगातार टीमें खोजबीन कर रही है. अंधेरे में भी रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue operation) चलाया जा रहा है. इसके बावजूद भी अब तक सफलता हाथ नहीं लग सकी है. खुदाई वाली जगह पर पानी निकलने से रेस्क्यू टीम की मुसीबतें और बढ़ गई हैं.
बड़ी चुनौती बन गई है
रीवा जिले के त्यौथर तहसील के मनिका गांव में 6 साल के मासूम को बोरवेल में गिरे पूरे 40 घंटे रविवार की सुबह 6:00 बजे हो गए लेकिन 6 साल के मासूम मयंक का कोई पता नहीं चल पाया है. NDRF की टीम सहित स्थानीय जिला प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है. लेकिन मयंक को अभी तक नहीं खोज पाई है. केवल 60 फीट के बोर में फंसे मयंक को खोजकर निकालना अब बड़ी चुनौती बन गई है. दो दिनों से लगातार टीम यहां डटी हुई है. रात के अंधेरे में भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. रीवा जिले की कलेक्टर प्रतिभा पाल और पुलिस कप्तान विवेक सिंह लगातार रेस्क्यू की निगरानी कर रहे हैं. चंद लम्हों को छोड़कर उन्होंने भी मनिका गांव नहीं छोड़ा है.
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परिजनों का बुरा हाल
42 घंटे से ज्यादा का वक़्त बीत जाने के बाद भी मयंक का सुराग नहीं मिलने से परिजन बहुत परेशान हैं. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. बच्चे के परिजनों ने कहा कि अब तो सिर्फ भगवान पर ही भरोसा रह गया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसे रीवा जिले के मनिका गांव में रहने वाला 6 साल का मासूम बच्चा मयंक खेत में खेल रहा था. यहां खेलते-खेलते वह बोरवेल में जा गिरा. मयंक के रेस्क्यू के लिए NDRF और SDRF किए टीमें लगातार रेस्क्यू अभियान चला रही हैं.
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