
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मंदसौर (Mandsaur) के अफीम उत्पादक किसान इन दिनों काफी परेशान है. दरअसल, अफीम (Opium) की फसल में बीमारियों की वजह से अफीम का उत्पादन काफी प्रभावित हो रहा है. वहीं अफीम की औसत न दिए जाने के कारण अफीम कास्त कारी का लाइसेंस यानी पट्टा कट जाने का डर अब किसानों को सताने लगा है. अफीम का उत्पादन प्रभावित होने के बाद किसान सरकार से अफीम उत्पादन की औसत में छूट दिए जाने की मांग कर रहे हैं.

काली मस्सी रोग के चलते डोडे काले पड़ गए हैं.
मध्य प्रदेश के मंदसौर में 17000 किसानों को अफीम उगाने के लिए लाइसेंस दिए गए हैं, जिसमें सीपीएस पद्धति के किसान भी शामिल हैं. किसानों का कहना है कि इस बार मौसम की बेरुखी के चलते काली मस्सी रोग हो गया है जिससे डोडे काले पड़ गए हैं और पौधा सूख रहा है इस वजह से अफीम का उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है.

किसान सरकार से अफीम उत्पादन की औसत में छूट दिए जाने की मांग कर रहे हैं.
अफीम किसान प्रेम बाई ने बताया कि अफीम उत्पादन रोगों की वजह से काफी प्रभावित हुआ है, हर बार की तुलना में आधी ही औसत बैठ रही है.
वहीं अफीम किसान रतनलाल का कहना है कि खराब मौसम और कई दिनों तक छाई धुंध की वजह से अफीम के पौधों को कई तरह के रोगों ने जकड़ लिया है. इन रोगों की वजह से अफीम उत्पादन काफी हद तक प्रभावित हुआ है. ऐसे में अफीम किसानों के सामने सरकार द्वारा तय औसत पूरी किया जाना काफी मुश्किल दिखाई दे रहा है. हम मांग करते हैं कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए अफीम की फसल के उत्पादन के लिए तय औसत में छूट दी जाए.
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