
मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में एक अजीबोगरीब घोटाला सामने आया है, आरोप है कि एक बड़ी गौशाला से गोबर को बेचने के बाद मिले पैसे अब तक न शासकीय खाते में जमा हुए हैं ना ही गौशाला के खाते में ही क्रेडिट हुए हैं. जनपद पंचायत अधिकारी ने घोटाले की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले में जांच की जा रही है. हालांकि आरोपी घोटाले से इंकार कर रहे हैं.
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गोशाला प्रबंधन पर गोबर नीलामी में मिले पैसों के घोटाले के लगे आरोप
दरअसल, जिल के गरोठ जनपद की ग्राम पंचायत कुरावन में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे से सटे गोशाले का है. गोशाला प्रबंधन पर गोबर नीलामी में मिले पैसों के घोटाले के आरोप लगे है. सरपंच दीपक मालवीय पर आरोप है कि ग्राम पंचायत द्वारा संचालित गोशाला के गोबर की नीलामी के पैसे एक साल बाद भी गोशाला के अकाउंट में नहीं डाले गए है.
सरपंच बोले, नीलामी में मिले पैसों से गोशाला के कार्य करवाए गए है
घोटाले के आरोपों पर कुरावन सरपंच दीपक मालवीय ने कहा कि जनसहयोग से गोशाला का संचालन अच्छा किया जा रहा है. उनका कहना है कि नीलाम किए गए गोबर की राशि का पूरा पैसा अभी प्राप्त नहीं हुआ है और जो मिला है उसे खाते में जमा करने की बजाय उस राशि से गोशाला के कार्य करवाए गए है, जिसका पूरा हिसाब पंचायत के पास है.
गोबर घोटाले की पुष्टि कर रहे हैं जनपद पंचायत सीईओ धर्मेंद्र यादव
गोशाला में कथित घोटाले पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला पंचायत गरोठ के सीईओ धर्मेंद्र यादव के अनुसार पिछले वर्ष के गोबर नीलामी के 65 हजार और इस साल के 60 हजार अब तक खाते में जमा नहीं किए गए है. उन्होंन मामले की जांच कर मामले में दोषी पाए आरोपियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई करने की बात कही है.
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