Kanha National Park: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मंडला (Mandla) जिले का कान्हा नेशनल पार्क इस समय पर्यटकों (Tourists) से गुलजार हैं. जहां देश भर में पारा 40 डिग्री के पार जा रहा है, वहीं इस तपती गर्मी (Heat Weather) में कान्हा के हरे-भरे जंगल पर्यटकों को बड़ी राहत देते हैं. यहां न केवल बाकी जगहों की अपेक्षा तापमान कम रहता है, बल्कि चारों ओर फैली हरियाली (Greenery in MP) भी सुकून देती है. इस नेशनल पार्क (National Park) में आने वाले सभी पर्यटक दिल में बाघ (Tigers) देखने की इक्षा लेकर ही आते हैं. ऐसे में उन्हें राइड के दौरान बाघ दिख जाए तो उनके लिए सोने पर सुहागा हो जाता है.
पर्यटकों के लिए सोने पर सुहागा
रविवार का दिन कान्हा के पर्यटकों के लिए भाग्यशाली साबित हुआ. सुबह की सफारी में पर्यटकों को 19 बाघ देखने को मिले. ये कान्हा के किसली, कान्हा, मुक्की और सरही सहित चारों जोन में देखे गए. रविवार को देखे जाने वाले बाघों में 7 शावक और 12 वयस्क बाघ शामिल हैं. जानकर बताते हैं कि इस मौसम में गर्मी की वजह से झाड़ियों के सूख जाने से विजीब्लिटी बढ़ जाती है. साथ ही, वन्य प्राणी गर्मी से राहत की तलाश में जल स्रोतों के आसपास आ जाते. इसलिए कान्हा पार्क में इस समय बाघ और अन्य जानवर आसानी से पर्यटकों को देखने को मिल रहे हैं.
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कान्हा नेशनल पार्क में बढ़ रही है बाघों की तादात-डिप्टी डायरेक्टर
कान्हा नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर पुनीत गोयल पार्क में बाघों की बढ़ती आबादी से उत्साहित हैं. उनका कहना है कि कान्हा में बाघ शावक बड़े हो रहे हैं और नए शावक भी जुड़ते जा रहे हैं. ये पार्क के लिए एक अच्छा संकेत है. उन्होंने बताया कि कान्हा में बाघों की आबादी लगातार बढ़ रही है. अभी कई मादाओं के साथ शावक हैं जो आगे भी संख्या बढ़ने के संकेत हैं. डिप्टी डायरेक्टर गोयल ने कान्हा में बाघों की सुरक्षा में आने वाली चुनौतियों पर कहा है कि वनकर्मियों को सघन वनक्षेत्र और विषम परिस्थितियों में दैनिक गस्ती करनी पड़ती है.
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