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Maihar: जनपद CEO ने BPL में जोड़े 10000 अपात्रों के नाम, EOW में शिकायत पहुंचने के बाद कलेक्टर ने दिए सत्यापन के निर्देश

Maihar BPL Fraud: तिघराकला निवासी नागेन्द्र तिवारी ने लगभग चार महीने पहले EOW मुख्यालय भोपाल में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने शिकायत में कहा था कि जनपद अधिकारियों ने नायब तहसीलदार और तहसीलदार को बाईपास कर करीब 10 हजार अपात्र लोगों को बीपीएल कार्डधारी बना दिया.

Maihar: जनपद CEO ने BPL में जोड़े 10000 अपात्रों के नाम, EOW में शिकायत पहुंचने के बाद कलेक्टर ने दिए सत्यापन के निर्देश

Maihar BPL Fraud: मैहर जिले से बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों) की सूची में बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. करीब 10 हजार अपात्र लोगों को नियमों को ताक पर रखकर बीपीएल कार्ड जारी कर दिए गए. आरोप है कि यह खेल उस समय हुआ जब मैहर सतना जिले का हिस्सा था. उस दौरान जनपद, तहसील और पंचायत स्तर पर बिना परीक्षण के ही हजारों लोगों को बीपीएल सूची में शामिल कर लिया गया. इस पूरे मामले में तत्कालीन जनपद सीईओ वेदमणि मिश्रा, आरएन शर्मा और बीपीएल प्रभारी दीपक मिश्रा की भूमिका सवालों के घेरे में है.

शिकायत के बाद खुलासा

तिघराकला निवासी नागेन्द्र तिवारी ने लगभग चार माह पहले आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) मुख्यालय भोपाल में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. 27 मई 2025 को दी गई इस शिकायत में आरोप लगाया गया कि जनपद अधिकारियों ने नायब तहसीलदार और तहसीलदार को बाईपास कर करीब 10 हजार अपात्र लोगों को बीपीएल कार्डधारी बना दिया. शिकायत के साथ 211 पन्नों की सूची भी सौंपी गई थी. इसके बाद ईओडब्ल्यू ने 1 जुलाई 2025 को कलेक्टर मैहर को पत्र भेजकर सत्यापन कराने के निर्देश दिए.

सत्यापन रिपोर्ट अब तक सर्वाजनिक नहीं

ईओडब्ल्यू के पत्र के बाद अपर कलेक्टर मैहर ने 28 जुलाई 2025 को जनपद सीईओ और तहसील कार्यालय को सत्यापन रिपोर्ट तैयार कर कलेक्टर कार्यालय भेजने के निर्देश दिए थे, लेकिन करीब डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं की गई. फिलहाल जांच जनपद और तहसील स्तर पर अटकी पड़ी है. 

अमीरजादों के नाम भी शामिल

शिकायतकर्ता के अनुसार, ईओडब्ल्यू को दी गई सूची में कई संपन्न और प्रभावशाली लोगों के नाम भी बीपीएल में दर्ज हैं. आरोप है कि साठ-गांठ और फर्जी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर उन्हें बीपीएल कार्ड जारी कर दिए गए, जिससे वे सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहे हैं. शिकायतकर्ता ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई और अपात्रों से मिली राशि वसूलने की मांग की है. फिलहाल अपर कलेक्टर ने इस मामले में कहा है कि प्रारंभिक जांच के 200 अपात्रों के नाम आये हैं.

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