
Ujjain News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir) में रविवार को हर वर्ष की तरह इस साल भी 11 कलश बांधे गए. मिट्टी के यह कलश बाबा महाकाल को गर्मी से बचाने के लिए बांधे गए हैं. इनसे गिरती जल की धाराओं से बाबा को दो माह तक गर्मी से राहत मिलेगी. मान्यता है कि गर्मी के मौसम में आम इंसान की तरह भगवान को भी गर्मी लगती है. यही वजह है कि गर्मी के मौसम में बाबा महाकाल को गर्मी से बचाने के लिए कलश (जिन्हें गलंतियां भी कहते हैं) बांधे जाते हैं.

महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में गर्मी के मौसम के लिए खास व्यवस्था
11 जून तक बहेगी जलधारा
इसी परंपरा का पालन करते हुए रविवार सुबह मंत्रोच्चार करते हुए शिवलिंग के ऊपर जल भरकर मिट्टी के 11 कलश बांधे गए. 13 अप्रैल को बांधे कलश से 11 जून तक बाबा महाकाल पर सतत जलधारा बहेगी. मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि भगवान के मस्तक पर रखी 11 मटकियों से रक्षा सूत्र के माध्यम से बूंदे गिरती हैं. यह बाबा महाकाल को गर्मी से राहत देती है. इससे भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति भी होती है.
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नदियां के नाम पर कलश के नाम
खास बात यह है कि बाबा महाकाल को ठंडक के लिए बांधे गए कलशों पर देश की प्रमुख 11 नदियों के नाम लिखे गए हैं. इनमें गंगा, सिंधु, सरस्वती, यमुना, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, शरयु, शिप्रा और गण्डकी शामिल हैं. मंदिर की प्राचीन परंपरा के अनुसार, यह आयोजन हर साल वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा तक चलता है.
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