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Mahakal Temple Fire: 3 साल से हो रहा था 'नियमों का उल्लंघन', 3 दिन में आएगी मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट

Mahakal Temple Fire: होली के दिन भस्मआरती के दौरान बाबा महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आग लगी थी, जिसमें 14 लोग झुलस गए थे.

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Mahakal Temple Fire: 3 साल से हो रहा था 'नियमों का उल्लंघन', 3 दिन में आएगी मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के गर्भगृह में सोमवार, 25 मार्च की सुबह आग लग गई थी, जिसमें पुजारी समेत 14 लोग झुलस गए थे. आग कैसे लगी इसकी मजिस्ट्रियल जांच (Magisterial inquiry) शुरू हो गई है. वहीं कलेक्टर ने तीन दिन यानी गुरुवार को रिपोर्ट मिलने की बात कही है. इस बीच प्राथमिक जांच भी सामने आ गया है, जिसमें कहा गया है कि श्रृंगार के बाद कपूर आरती के दौरान स्प्रे से गुलाल उड़ाने पर आग भभकी थी. चांदी की दीवार पर लगाए गए कपड़े के कारण आग तेजी से फैली और पुजारियों और सेवकों को चपेट में ले लिया. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि आग आखिर कैसे लगी?

दो सदस्य टीम करेगी जांच 

महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार को हुए अग्निकांड की जांच शुरू हो गई. घटना की जांच के लिए कलेक्टर नीरज सिंह ने जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीना और एडीएम अनुकूल जैन को तीन दिन में मामले की जांच के आदेश दिए है. जांच के लिए बनाई दो सदस्य टीम ने गुलाल के सैंपल लेकर परीक्षण के लिए भेज दिए हैं. नियमों का पालन हुआ या नहीं, आग किन कारणों से लगी, गठित टीम मौके पर मौजूद लोगों के बयान लेकर गुरुवार तक कलेक्टर नीरज सिंह को रिपोर्ट सौंपेगी. खास बात ये है कि घटना से प्रशासन अलर्ट हो गया और महाकाल की व्यवस्था सुधारने में जूट गया है.  

कलेक्टर ने घटना और जांच को लेकर कही ये बात

सर्वप्रथम भस्म आरती में उपयोग की गुलाल के सैंपल प्रशिक्षण के लिए भेज दिए गए हैं. वही टीम सीसीटीवी फूटेज के साथ ही घायलों के और घटना के समय मौके पर मौजूद लोगों के बयान लेकर पता लगाएगी कि आगजनी किन कारणों से हुई? भारी मात्रा में गुलाल कौन लाया था? पूजा के समय किस तरह की सामग्री का इस्तेमाल किया गया था? नियमों का पालन हुआ या नहीं? टीम गुरूवार, 28 मार्च को रिपोर्ट सौंपेंगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

नीरज सिंह, कलेक्टर (उज्जैन)

भस्म आरती के दौरान लगी थी आग

बता दें कि महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सोमवार, 25 मार्च की सुबह भस्म आरती के दौरान आग लग गई थी. वहीं इस घटना में पुजारियों सहित कुल 14 लोग घायल हो गए थे. जिसमें से 9 पुजारी और सेवकों को इंदौर के अरविंदो अस्पताल में रेफर किया गया था. फिलहाल इन घायलों की हालत खतरे से बाहर है और सभी का उपचार किया जा रहा है. इस बीच 5 पुजारियों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.

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30 साल में चौथा हादसा 

बता दें कि महाकाल मंदिर में करीब 30 साल में चार बार हादसे हुए हैं. सबसे पहले 1990 के दशक में सोमवती अमावस्या के दिन भगदड़ मच गई थी, जिसमें करीब 35 लोगों की मौत हुईं थी. इसके बाद मंदिर प्रांगण में पेड़ गिरने से दो लोगों की जान चली गई थीं. वहीं करीब पांच साल पूर्ण भी मंदिर में आगजनी से एक पुजारी की मौत हो गई थीं और अब होली के दिन हुए घटना में 14 लोग झुलस गए हैं. 

राष्ट्रपति से पीएम मोदी तक... जताया दुख

विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में हुई आगजनी से पूरा देश सकते में आ गया था. इधर, देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस घटना पर दुख जताया. इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जाहिर करते हुए भविष्य में ऐसी घटना दोबारा ना हो, इसके लिए निर्देश दिए.

इधर, प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव इंदौर और उज्जैन के अस्पताल में भर्ती घायलों से मिलने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने घायलों को 1-1 लाख रुपये राहत राशि भी देने की घोषणा की थी. साथ ही घटना की जांच और भविष्य में ऐसी घटना ना हो इसके इंतजाम करने के लिए भी निर्देश जारी किए थे.

SC के रोक के बाद भी परिसर में रंग-गुलाल का हो रहा था उपयोग

साल 2013 में शिवलिंग क्षरण को लेकर उज्जैन की सारिका गुरु ने याचिका लगाई थी. इसके बाद मंदिर समिति ने सुप्रीम कोर्ट के सामने क्षरण रोकने के लिए सुझाव दिया था. अपने सुझाव में कोर्ट ने कहा था कि मंदिर में सिर्फ हर्बल गुलाल का उपयोग किया जाएगा, वो भी सीमित मात्रा में. हालांकि समय के साथ सभी नियम शिथिल हो गए. पिछले दो-तीन साल से मंदिर में बिना जांच के रंग और गुलाल का उपयोग होली पर गर्भगृह में भी होने लगा.

अब प्रतीकात्मक होली की मांग

महाकाल मंदिर के पुजारी महेश ने बताया कि घटना के बाद प्रशासन से मांग की है कि मंदिर में पुजारी प्रतीकात्मक होली खेलेंगे. आम भक्तों के द्वारा मंदिर के अंदर कोई वस्तु लेकर आने, होली और रंगपंचमी खेलने पर प्रतिबंध लगानी चाहिए.

पुजारी ने बताया कि होली और रंगपंचमी पर भक्तों की संख्या भी निर्धारित की जाएगी. भक्त या कोई अन्य व्यक्ति नंदी हॉल और गणेश मंडपम में भी रंग-गुलाल लेकर आता है तो उसे बाहर किया जाएगा.

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ये हुई भस्म आरती के दौरान महाकाल मंदिर में गलती

1. मंदिर के गर्भगृह में गुलाल उड़ाते देख किसी ने नहीं रोका, जबकि जिम्मेदार आधिकारी मौजूद थे

2. महाकाल मंदिर में सिर्फ हर्बल गुलाल की अनुमति तो स्प्रे गुलाल और केमिकल रंग कैसे पहुंचा?

3. दर्शनार्थियों को गुलाल उड़ाने के लिए किस पंडे-पुजारी ने दिया?

4. कपूर आरती के समय गर्भगृह में किस ने संजय पुजारी के ऊपर गुलाल फेंका, जिससे आग भड़की

घटना के दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने क्या कहा?

घटना के समय मौजूद पुजारी के सेवक सोनू राठौर ने बताया, ‘मैं गर्भगृह में पार्वती माता जी के यहां खड़ा था. कपूर आरती खत्म होने वाली थी. उस दौरान किसी ने गुलाल डाला, जिससे आग लग गई और लोग झुलस गए.

पुजारी के सेवक सोनू राठौर ने बताया, ‘इसके बाद चांदी को बचाने के लिए लगे पर्दों ने भी आग पकड़ ली. बहुत ज्यादा गुलाल उड़ रहा था, इसलिए पंप देख नहीं पाया.'

छत्तीसगढ़ के रायपुर की मोनिका सिंह ने बताया, 'चारों ओर शिव नाम की गूंज सुनाई दे रही थी. सब कुछ ठीक चल रहा था. आरती शुरू होने के पहले पंडों ने गुलाल के पैकेट बांटे. 5 बजकर 27 मिनट पर आरती शुरू होते ही लोगों ने गुलाल उड़ाना शुरू कर दिया. कुछ ही सेकेंड में पूरा दरबार रंग गया. इस कदर गुलाल छा गया कि कुछ भी स्पष्ट नहीं दिख रहा था. सिक्योरिटी में मौजूद लोग कपाट बंद करने लगे. मालूम हुआ कि आग लगी है. इसके बाद हम भी निकास द्वार की ओर भागे. इस दौरान स्प्रे से गुलाल उड़ाया जा रहा था. वहीं आग लगने की खबर मिलते ही भगदड़ जैसे हालात बन गए.

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