Drying rivers of Madhya Pradesh: धार्मिक नजरिए से बेतवा नदी (Betwa River) लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है, यह नदी देश की सबसे पुरानी नदियों में गिनी जाती है. रायसेन जिले से शुरू होकर यह नदी दूसरे राज्यों में अपने विशाल रूप में बहती है. इस बेतवा नदी को भगवान राम (Lord Ram) की बेतवा भी कहा जाता है, बताया जाता है कि भगवान राम (Ram Bhagwan) ने इस बेतवा में दो बार स्नान किया था. एक बार वनवास जाते समय और फिर वनवास से लौटते समय. ऐसी मान्यता है कि बेतवा में स्नान करने से तन-मन पूरी तरह पवित्र हो जाता है, पर आज हालात बिलकुल विपरीत हैं. लाखों श्रद्धालुओं को पवित्र करने वाली बेतवा आज खुद पूरी तरह मैली हो गई है. अब लोग यहां आते हैं पवित्र होने लेकिन अपवित्र होकर जाते हैं.
गहरा रहा जलसंकट, प्रशासन को नहीं है विलुप्त होती नदियों की फिक्र
एक तरफ पूरे जिले में पानी की लेकर किल्लत देखने को मिल रही है. कई जगह तो लोगों को पानी तक नसीब नहीं हो रहा है. सैकड़ों ग्रामों के लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. विदिशा शहर की बेतवा नदी लोगों की प्यास बुझाने का काम कर रही हैं, लेकिन प्रशासन का इस पर कोई ध्यान नहीं है. हालात यह हो गए कि बेतवा नदी पूरी तरह से मैली हो चुकी है.
मैली बेतवा का पानी घर-घर होता है सप्लाई
बेतवा नदी का पानी पूरी तरह से काला पड़ चुका है. पानी के ऊपर हरी काई (शैवाल) जम चुकी है. इसके बाद भी प्रशासन नींद से नहीं जाग रहा. बेतवा नदी को साफ तो नही किया गया बल्कि गंदा पानी ही लोगों के घरों में सप्लाई किया जा रहा है. इसका नतीजा यह हो रहा है कभी लोगों में गंदे पानी की वजह से उल्टी-दस्त की शिकायतें बढ़ जाती है.
मैली होने के बाद भी लोगों की आस्था नहीं हुई कम
पूरी तरह मैली हो चुकी बेतवा में लोगों की आस्था कम नहीं हुई. लोग अपने मन को पवित्र करने के लिए गंदे पानी में ही आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और पवित्र होने की जगह अपवित्र होकर जा रहे हैं. मंदिर के पुजारी बता रहे है बेतवा नदी विदिशा के लिए ही नहीं बल्कि देश के लोगों के लिए बड़ी आस्था का केंद्र हैं. इस बेतवा में भगवान राम के चरणों के निशान आज भी मौजूद हैं. बेतवा नदी में नहाने से पूरी तरह पवित्र हो जाते है पर स्थानीय सरकार की वजह से आज हमारी बेतवा नदी पूरी तरह मैली हो गई. बेतवा नदी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, हम लोग सभी ने बेतवा में स्नान को लेकर मना करते हैं, बेतवा में नहाने से स्वस्थ व्यक्ति अपने साथ कई बीमारी घर लेकर जाता है.
बेतवा नदी में मिल चुके शहर के कई गंदे नाले
सबसे हैरानी की बात तो यह है कि जो बेतवा नदी लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है. इस बेतवा में प्रशासन द्वारा कई गंदे नालों को मिला दिया, आज वो बेतवा नदी में शहर के कई गंदे नाले उतरने से बेतवा नदी का पानी काला पड़ गया है.
वर्षों से चल रहा बेतवा नदी को बचाने का अभियान नहीं हो पाया सफल
बेतवा नदी को बचाने का अभियान सालों से चलाया जा रहा है. इसको लेकर शहर के समाजसेवियों द्वारा कई संगठन भी बनाए गए, लेकिन चंद फोटो सेशन के बाद बेतवा नदी अभियान एक औपचारिकता में सिमट कर रह गया. बेतवा नदी की हालात हर साल और बिगड़ती गई.
राजनीति का अखाड़ा बनी बेतवा की नहीं बदली तस्वीर
विदिशा की बेतवा नदी हर छोटे बड़े चुनाव में राजनीति का एक अखाड़ा बनी, हर नेता ने चुनाव से पहले बेतवा नदी को साफ करने का आश्वासन दिया. पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने अपने आपको मां बेतवा का बेटा बताया था, पूर्व सांसद सुषमा स्वराज ने बेतवा नदी की तकदीर तस्वीर बदलने के लिए करोड़ों रुपए का प्रोजेक्ट पास किया, लेकिन तमाम वादे मिलने के बाद भी आज बेतवा अपने हालातों पर आंसू बहा रही है. बेतवा नदी की हालात देखकर यह लगता है कि मानो बेतवा अपने आप से सवाल कर रही हो कि आखिर मेरी क्या गलती थी कि इस विदिशा ने मेरा यह हाल कर दिया?
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