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This Article is From Jan 07, 2024

MP News: इंसानियत अभी जिंदा है, कड़कड़ाती ठंड में तीन दिन से भटक रहे यूपी के बुजुर्ग को युवक ने ऐसे पहुंचाया घर

Madhya Pradesh News: उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले एक बुजुर्ग राजा राम भटक कर मध्य प्रदेश के खंडवा पहुंच गए. वहां वह तीन दिन से भटक रहे थे. इस बीच एक युवक फैजान ने फरिश्ता बनकर उन्हें अपनों से मिलाने में मदद की. 

MP News: इंसानियत अभी जिंदा है, कड़कड़ाती ठंड में तीन दिन से भटक रहे यूपी के बुजुर्ग को युवक ने ऐसे पहुंचाया घर

Madhya Pradesh Today News: खंडवा से इंसानियत की वह तस्वीर सामने आई है, जिसने आज के नफरत भरे माहौल को एक खुशनुमा पैगाम दिया है.  दरअसल, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रहने वाले बुजुर्ग गलत ट्रेन में बैठकर खंडवा (Khandwa) पहुंच गए थे. वो यहां तीन दिन तक भटकते रहे, लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की. ऐसे में एक मुस्लिम लड़के ने दो छात्राओं के साथ मिलकर न सिर्फ उस बुजुर्ग कि मदद की, बल्कि उन्हें अपनों से मिलने के लिए वह प्रयास किया, जो बड़े-बड़े नहीं कर पाए.

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले बुजुर्ग राजाराम भटक कर खंडवा पहुंच गए. इस दौरान वे तीन दिनों तक खंडवा में यहां-वहां भटकते हुए कब्रिस्तान पहुंच गए. कहीं से भी मदद नहीं मिलने से राजाराम की आंखों से आंसू बहने लगे, जब वो रो रहे थे, तब कब्रिस्तान के पास ही रहने वाले फैजान की नजर उन पर पड़ी.  फैजान ने उन्हें देखा और उनसे रोने का सबब पूछ, तो उन्होंने रोते हुए कहा कि पेट्रोल के पैसे ले लो, लेकिन मुझे किसी तरह मेरे घर पहुंचा दो. फैजान ने जब पता पूछा, तो बुजुर्ग ने फैजान से कहा कि वे उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले हैं. तीन दिन से यहां भटक रहे हैं. इसके बाद फैजान ने बुजुर्ग राजा राम का हाथ थामा, पहले उन्हें खाना खिलाया और फिर उन्हें अपने साथ कोतवाली थाने ले गए, लेकिन यहां भी उन्हें पुलिस की संग दिली से दो चार होना पड़ा. पुलिस ने फैजान और बुजुर्ग राजा राम को वहां से भगा दिया.

फैजान ने हार नहीं मानी

फैजान ने भी हार नहीं मानी. पुलिस थाने में इंटर्नशिप करने पहुंची कॉलेज की दो छात्राओं से फैजान ने राजाराम की मदद करने को कहा. इस पर दोनों छात्रा शिवानी और शीतल ने राजा राम से उनका पता पूछा, तो वह रोने लगे. उनकी भाषा अवधी होने की वजह से पहले तो तीनों बच्चों को कुछ समझ नहीं आया. फिर उन्होंने बुजुर्ग राजा राम के पास मिली एक पर्ची से उन्हें समझ में आया कि ये लखनऊ से यहां आए हैं. फैजान ने गूगल पर गोंडा जिले के बारे में खोज, तो उन्हें गूगल पर कहीं से पुलिस का नंबर मिल गया. ऐसे में शीतल और शिवानी ने उन फोन नंबरों पर फोन किया. पहले तो उन्हें सही से रिस्पांस नहीं मिला. फिर जब उन्होंने थोड़ी सी सख्त आवाज में बात की तो, यूपी पुलिस भी उनकी मदद को तैयार हो गई. यूपी पुलिस में बताए गए पते पर अपने पुलिस कर्मियों को भेजा. वहां से परिवार वालों ने फैजान के नंबर पर कॉल कर पूरी घटना की जानकारी ली. उसके बाद परिवार वाले बुजुर्ग राजा राम को लेने खंडवा पहुंचे, जब तक राजाराम खंडवा के एक वृद्ध आश्रम में रहे.

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बुजुर्ग ने तीनों बच्चों के प्रयास को सराहा

इधर, अपनों से मिलने के बाद बुजुर्ग राजा राम भी खुश नजर आए. उन्होंने तीनों बच्चों को खूब आशीर्वाद दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने बताया कि कैसे वह यहां पहुंचे और फिर इन तीनों बच्चों ने उनकी किस तरह मदद की.

'इंसानियत अभी जिंदा है'

बुजुर्ग राजा राम को लेने आए परिजन भी तीनों बच्चों की कारगुजारी से खुश नजर आए . उन्होंने कहा कि बच्चों ने इंसानियत को जिंदा रखा है. उन्होंने कहा कि इसी तरह से सभी को मदद के लिए तैयार रहना चाहिए. 

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