Madhya Pradesh News: सरकारी पैसे की बर्बादी देखनी हो तो मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा, (Vidisha), रायसेन में कई लाखों की लागत से बने ईको जंगल को देखिए. इस ईको जंगल को 56 लाख रुपए की लागत से बनाया गया था, लेकिन अब यहां पर वीराने जैसी स्थिति दिख रही है. सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता की वजह से यह ईको जंगल वीरान पड़ा है.
सतधारा स्तूप के पास पांच एकड़ क्षेत्र में किया गया था, इको जंगल का निर्माण
भोपाल, विदिशा और रायसेन जिले के पर्यटकों के लिए सतधार स्तूप परिसरों के पास पर्यटन विभाग ने 56 लाख रुपए की लागत से 2020 में ईको जंगल का निर्माण कराया था. तब ये सोचा गया था कि आसपास के जिलों के साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी इसका लाभ मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पर्यटन विभाग की अनदेखी के चलते आज यह ईको जंगल वीराने में तब्दील हो गया है. 56 लाख की लागत का यह जंगल आज पर्यटकों का इंतजार कर रहा है.
पूर्व वन मंत्री ने किया था इको जंगल का लोकार्पण
26 अगस्त साल 2020 को भाजपा के कद्दावर नेता और भाजपा शासन के पूर्व वन मंत्री ने धूमधाम से ईको जंगल का लोकार्पण किया था, लेकिन इसके बाद जनप्रतिनिधियों ने 2020 से लेकर 2023 तक इसकी सुध नहीं ली जिसके कारण 56 लाख की लागत वाला पार्क अब वीराना सा बन गया है.
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वनमंत्री डॉ कुंवर विजय शाह ने किया था इसका उद्घाटन
रायसेन जिले के सलामतपुर के पास स्तिथ बौद्ध स्मारक सतधारा में वन मंत्री डॉ कुंवर विजय शाह ने 26 अगस्त 2020 को फीता काटकर सतधारा ईको जंगल कैम्प का शुभारंभ किया गया था. उस दौरान वन मंत्री डॉ शाह ने कहा था कि प्रदेश में ईको-पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. लेकिन अगर आज हम इस ईको जंगल की हालत देखें तो ये किसी वीराने से कम नहीं दिख रहा है.