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This Article is From Nov 03, 2023

खरगोन में महिलाओं ने दिया धरना... JCB के नीचे बैठ कर जताया विरोध, जानिए मांगें

Madhya Pradesh News: शुक्रवार सुबह करीब 10:00 बजे पुनर्वास के पास बंद रेलवे लाइन के ऊपर रहवासियों ने धरना आंदोलन कर दिया. इस आंदोलन के चलते रेलवे निर्माण कार्य ठप पड़ गया. दरअसल,  पुनर्वास की महिलाएं खुदाई करने वाली JCB मशीन के सामने बैठकर धरना आंदोलन कर रही थी और ठेकेदार JCB मशीन का पंजा महिलाओं के सर पर रोक कर आदेश का इंतजार कर रहा था. यह स्थिति लगभग 1 घंटे तक बनी रही. 

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खरगोन में महिलाओं ने दिया धरना... JCB के नीचे बैठ कर जताया विरोध, जानिए मांगें
खरगोन में महिलाओं ने दिया धरना... JCB के नीचे बैठ कर जताया विरोध, जानिए मांगे  

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खरगोन (Khargone) ज़िले में शुक्रवार को महिलाओं का धरना प्रदर्शन देखने को मिला. शुक्रवार सुबह करीब 10:00 बजे पुनर्वास के पास बंद रेलवे लाइन के ऊपर रहवासियों ने धरना आंदोलन कर दिया. इस आंदोलन के चलते रेलवे निर्माण कार्य ठप पड़ गया. दरअसल,  पुनर्वास की महिलाएं खुदाई करने वाली JCB मशीन के सामने बैठकर धरना आंदोलन कर रही थी और ठेकेदार JCB मशीन का पंजा महिलाओं के सर पर रोक कर आदेश का इंतजार कर रहा था. यह स्थिति लगभग 1 घंटे तक बनी रही. 

रहवासियों को किस बात से हैं नाराज़गी? 

रहवासियों का कहना है कि 20 साल पहले ओमकारेश्वर परियोजना लाई गई थी. इसके तहत डूब प्रभावित की लिस्ट में 20 गांवों को  पुनर्वास में बसाया गया था. तभी से तमाम रहवासी रेलवे लाइन की पुलिया में से आवागमन करते थे. साल 2017 में जब रेलवे ने रेल का आवागमन बंद किया तब से रहवासी रेल पटरी पर मिट्टी डालकर आवागमन करते आ रहे हैं. लेकिन जब ओंकारेश्वर रोड स्टेशन के निर्माण शुरू हुआ और सनावद से ओंकारेश्वर रोड के बीच रेल लाइन डालने का कार्य शुरू हुआ तो पुनर्वास के रहवासियों ने निर्माण कार्य को रुकवा कर आंदोलन शुरू कर दिया. इस आंदोलन में लगभग से 500 से 600 महिला पुरुष रेलवे ट्रैक पर जमा होकर नारेबाजी कर धरने पर बैठ गए. 

"हम रास्ते को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस पुनर्वास बस्ती को बसे हुए 15 से 20 साल हो गए. पहले यहां से मोटरसाइकिल और पैदल निकलते थे जब से रेलवे लाइन बंद हुई है...यह हमारा रास्ता था और अब रेलवे इसे बंद करना चाहता है. जब तक यहां ओवर ब्रिज नहीं बनता, हम धरना-प्रदर्शन करते रहेंगे."

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"हमें आने जाने में हो रही परेशानी" -रहवासी 

इसी कड़ी में रहवासी जवाहरलाल बोरयाले ने समस्या पर बातचीत की. उन्होंने कहा कि यहां पर करीब 10000 लोग रहते हैं. यहीं से इस इलाके के लोगों को सनावद आना-जाना होता हैं. पुनर्वास का जो मुख्य मार्ग है. वह सनावद के लिए लगभग 8 किलोमीटर का लंबा रास्ता है और यहां से मात्र 200 मीटर की दूरी पर सनावद पहुंचते हैं. इसी रास्ते से स्कूली बच्चे स्कूल जाते हैं. दूध वाले रोजगार पर जाते हैं. खरीदी करने वाली महिलाएं भी इसी रास्ते से आवागमन करती हैं.रेलवे निर्माण करने वाले अधिकारियों से इस बारे में हमने चर्चा की थी. उन्होंने आश्वासन दिया था कि इसी जगह पर ओवर ब्रिज बनेगा जिसका मेजरमेंट भी हुआ था. लेकिन इसके बाद भी रेलवे की तरफ से बीच का काम शुरू किए बगैर यह रास्ता बंद किया जा रहा है. इसी बात का हम विरोध कर रहे हैं और हमारा यह धरना प्रदर्शन तब तक चलेगा जब तक रास्ता नहीं बनेगा. रहवासियों ने खुले तौर पर कहा है कि वह निर्माण कार्य होने नहीं देंगे. 

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