विज्ञापन
This Article is From Jan 13, 2024

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने निरस्त की ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिका, लगाया याचिकाकर्ता पर 25 हजार का जुर्माना

अदालत ने इस बात को माना कि कई बार आदेश के बावजूद प्रकरण सूचीबद्ध नहीं होता, लेकिन इसके लिए रजिस्ट्री के अधिकारी अवमानना के लिए दोषी नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह तो जब कोई मामला सूचीबद्ध होता है और अधिवक्ता हाजिर नहीं होता तो उसे भी अवमानना का दोषी मानना चाहिए.

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने निरस्त की ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिका, लगाया याचिकाकर्ता पर 25 हजार का जुर्माना
कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर लगाया जुर्माना

Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने ओबीसी आरक्षण से जुड़ी एक अवमानना याचिका को निरस्त कर दिया है और साथ ही याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने इस याचिका को खारिज किया है. अदालत ने यह भी निर्देश दिए कि जुर्माने की राशि मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के खाते में जमा कराई जाए.

दरअसल ये था पूरा मामला

सिंगरौली के रहने वाले बृजेश कुमार शहवाल ने अवमानना याचिका दायर कर बताया कि डिवीजन बैंच ने ओबीसी आरक्षण के प्रकरणों में 4 अगस्त को निर्देश दिए थे कि 4 सितंबर को सुनवाई नियत करें. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व विनायक प्रसाद शाह ने बताया कि आदेश के बावजूद रजिस्ट्रार ने प्रकरण सूचीबद्ध नहीं किए हैं. दलील दी गई कि अदालत के आदेश की अवहेलना पर रजिस्ट्री के अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होनी चाहिए. सुनवाई के बाद अदालत ने कहा किसी भी प्रकरण को आदेश के बावजूद लिस्ट नहीं करने के कई कारण होते हैं. जानबूझकर या दुर्भावनावश ऐसा नहीं किया जा रहा है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में साढ़े चार लाख से अधिक प्रकरण लंबित हैं,ऐसे में अधिवक्ता द्वारा मांग किए जाने पर प्रत्येक मामले को लिस्ट नहीं किया जा सकता.

ये भी पढ़ें भोपाल और ग्वालियर में पंजा लड़वा चुकीं प्रति जंगियानी ने मालदीव और राम मंदिर पर क्या कहा? जानिए यहां

ओबीसी परिवारों से 1-1 रुपए चंदा लेकर चुकाएंगे जुर्माना

अदालत ने इस बात को माना कि कई बार आदेश के बावजूद प्रकरण सूचीबद्ध नहीं होता, लेकिन इसके लिए रजिस्ट्री के अधिकारी अवमानना के लिए दोषी नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस तरह तो जब कोई मामला सूचीबद्ध होता है और अधिवक्ता हाजिर नहीं होता तो उसे भी अवमानना का दोषी मानना चाहिए. इस मत के साथ कोर्ट ने अवमानना याचिका खारिज कर दी. अदालत के इस आदेश के बाद ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा है कि प्रदेश के हर एक ओबीसी परिवार से एक -एक रुपए सहयोग राशि लेकर एक सप्ताह में जुर्माने की राशि जमा करा दी जाएगी.

ये भी पढ़ें Indian Police Force : सिद्धार्थ मल्होत्रा काम पर विश्वास करते हैं ना की PR पर नहीं, जानिए क्या कुछ कहा?

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Previous Article
MP News: एमपीईबी के जूनियर इंजीनियर ले रहा था एक लाख की रिश्वत, भ्रष्टों को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों दबोचा
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने निरस्त की ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिका, लगाया याचिकाकर्ता पर 25 हजार का जुर्माना
Indian Railways New Advance ticket booking rules know the notification of railways
Next Article
Advance Ticket Booking: समय सीमा को किया गया 6 महीने से 2 महीने, तो लोगों ने दी ऐसी प्रतिक्रिया
Close