
Madhya Pradesh Assembly Elections : मध्य प्रदेश में (Madhya Pradesh) 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होने वाले हैं. इसी के साथ चुनावी पार्टियों (Political Parties) में बगावत के सुर भी तेज़ हो गए हैं. धार ज़िले में भी टिकट जारी होने के बाद खूब घमासान देखने को मिल रहा है. टिकट जारी होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के तमाम नेताओं ने नाराज़गी जाहिर की. दोनों ही पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता खुलकर विरोध पर भी उतर आए. भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा (Union Minister Vikram Verma) और उनकी पत्नी वर्तमान विधायक नीना वर्मा (MLA Neena Verma.) को लेकर भी पहली बार खुलकर विरोध देखने को मिला. जहां उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.
अनुशासित कही जाने वाली भाजपा में भी बगावत
मालूम हो कि विक्रम वर्मा बीते 50 सालों से धार ज़िले में भाजपा की राजनीति के सूत्रधार रहे हैं. भाजपा ने नीना विक्रम वर्मा को चौथी बार धार विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है.इसी कड़ी में भाजपा के तमाम नेताओं ने सोमवार को मिलन महल में बैठक का आयोजन किया था. जहां विक्रम वर्मा और उनकी पत्नी नीना वर्मा के ऊपर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए नेताओं ने जमकर विरोध किया. साथ ही नेताओं ने उनकी तानाशाही प्रवृत्ति को लेकर भी खूब खरी-खोटी सुनाई. इस तरह पहली बार वर्मा दंपति को चुनाव में अपनी ही पार्टी का जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है. विरोध में पूर्व जिला अध्यक्ष अनंत कुमार अग्रवाल , प्रदेश कार्य समिति सदस्य, पूर्व जिला अध्यक्ष व धार विधानसभा सीट के प्रबल दावेदार राजीव यादव, पूर्व विधायक करण सिंह पंवार देवेंद्र पटेल व तमाम नेता व कार्यकर्त्ता शामिल थे.
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पार्टी के नेताओं ने विक्रम वर्मा पर लगाए गंभीर आरोप
धार विधानसभा सीट के प्रबल दावेदार राजीव यादव ने विक्रम वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेताओं ने धार का टिकट नहीं बदला तो 29 अक्टूबर को पार्टी कार्यकर्ता नेता व जनता के बीच बहुमत के आधार पर निर्दलीय चुनाव लड़ा जाएगा. बता दें कि धार जिले में पहले से ही मनावर विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री आदिवासी नेत्री रंजना बघेल ने अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी शिवराम कन्नौज के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. अब देखना होगा कि धार की सातों सीटों पर विजय का दावा करने वाली भाजपा अपने समीकरणों में कितनी सफल होती है.