
MP Assembly Election 2023: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले बेहद अहम समझे जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों (state assembly elections) पर पूरे देश की निगाहें बनी हुई है. जिसके नतीजे 3 दिसंबर को आ जाएंगे. इन पाचों राज्यों में देश का दिल कहे जाने वाला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh)भी शामिल है. यहां 17 वंबर को वोट डाले जाएंगे. यहां 18 महीनों को छोड़कर बीते 18 सालों से शिवराज का ही राज है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan)पांचवीं बार बीजेपी को सत्ता दिला पाएंगे. उन्हें लाड़ली बहना समेत तमाम कल्याणकारी योजनाओं और मोदी के चेहरे पर भरोसा है तो वहीं विपक्ष में बैठी कांग्रेस को एंटी इन्कम्बेन्सी और कमलनाथ (Kamalnath)के चेहरे पर भरोसा है. इसी कड़ी में नतीजों से करीब एक महीने पहले NDTV आपको बता रहा है मध्यप्रदेश की जनता के मन में क्या है? दरअसल NDTV ने CSDS-Lokniti के साथ मिलकर एक सर्वे किया है.इस ओपिनियन पोल (opinion poll) का सैंपल साइज 3019 है और इसमें 30 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया गया है. जिसमें दर्जनों सवाल मतदाताओं से किए गए, और उनके जवाब लेकर हम आपके सामने आए हैं.

61 फ़ीसदी मतदाता हैं शिवराज सरकार से संतुष्ट
इसमें सबसे अहम सवाल यही था कि मध्यप्रदेश की जनता शिवराज सरकार (Shivraj government) के कामकाज से कितनी संतुष्ट है? इसका जवाब भी काफ़ी दिलचस्प है, क्योंकि मध्यप्रदेश के सिर्फ़ 27 फ़ीसदी मतदाता ही शिवराज सरकार से पूरी तरह संतुष्ट हैं. उनकी सरकार से कुछ हद तक संतुष्ट मतदाताओं का प्रतिशत 34% रहा, जबकि कुछ हद तक असंतुष्ट मतदाता 16 फ़ीसदी रहे. सो, 61 फ़ीसदी मतदाताओं को मोटे तौर पर शिवराज सरकार से कोई शिकायत नहीं है. बीजेपी की सरकार से 18 फ़ीसदी मतदाता पूरी तरह असंतुष्ट हैं.

केंद्र सरकार से संतुष्ट मतदाता भी बहुत ज़्यादा
सर्वे का दूसरा अहम सवाल केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार से जुड़ा था. सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया था कि केंद्र सरकार के कामकाज से आप कितना संतुष्ट हैं? तो राज्य की केवल 34 फ़ीसदी लोग ही नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट हैं, और कुछ हद तक संतुष्ट उत्तरदाताओं की तादाद 31 फ़ीसदी रही. सो, मोटे तौर पर राजस्थान के65 फ़ीसदी मतदाताओं को नरेंद्र मोदी सरकार से कोई शिकायत नहीं है. इसके विपरीत, मोदी सरकार से कुछ हद तक असंतुष्ट जनता का प्रतिशत 16 रहा, और पूरी तरह असंतुष्ट जनता सिर्फ़ 13 फ़ीसदी रही.

मौजूदा कार्यकाल में शिवराज को ज्यादा नंबर
मौजूदा कार्यकाल में मध्यप्रदेश में 2018-2020 तक कमलनाथ की सरकार रही और उसके बाद 2020-2023 तक शिवराज की. लिहाजा हमने सर्वे में लोगों से दोनों को लेकर सवाल पूछे थे. जिसमें कमलनाथ की सरकार से संतुष्ट लोगों को प्रतिशत 34 फीसदी रहा तो शिवराज सरकार से संतुष्ट लोगों का प्रतिशत 36 रहा. दिलचस्प है कि दोनों से संतुष्ट लोगों की संख्या 13 और असंतुष्ट लोगों का आंकड़ा 11 फीसदी रहा.

भ्रष्टाचार रोकने के मोर्चे पर मोदी-शिवराज को अच्छे नंबर
NDTV-CSDS Lokniti के सर्वे में मध्यप्रदेश की जनता से यह भी पूछा गया था कि भ्रष्टाचार से लड़ने में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार का काम कैसा रहा. सबसे पहले केन्द्र सरकार के कामकाज पर लोगों के जवाब जान लेते हैं. बहुत अच्छा कहने वालों की संख्या 34 फीसदी और अच्छा कहने वालों की संख्या 33 फीसदी है. यानी मोटे तौर पर 67 फीसदी जनता भ्रष्टाचार से लड़ने में केन्द्र सरकार के काम को सफल मान रही है. कुछ ऐसा ही हाल राज्य सरकार के मोर्चे पर भी है. भ्रष्टाचार के खिलाफ शिवराज सरकार के काम से 24 फीसदी बहुत अच्छा बता रहे हैं तो अच्छा कहने वालों की संख्या 39 फीसदी है. यहां भी मोटे तौर पर देखें तो 63 फीसदी जनता शिवराज सरकार को सफल मान रही है. हालांकि इस मोर्चे पर केन्द्र सरकार के काम को 16 फीसदी जनता खराब तो एमपी सरकार के काम को 18 फीसदी खराब मान रही है.

CM पद की रेस में कमलनाथ-शिवराज का मुकाबला कड़ा
इसी सर्वे में दो और अहम सवाल जो पूछे गए उसका जवाब भी हम आपको दे देते हैं. मसलन- मध्यप्रदेश की जनता किसे मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहती है और वो क्या देखकर वोट करेगी. पहले सवाल के जवाब में शिवराज के लिए खुश होने की वजह है क्योंकि सूबे की 38 फीसदी जनता उनके साथ है...हालांकि यहां मुकाबला कड़ा है क्योंकि कमलनाथ को बतौर CM देखने वालों की संख्या 34 फीसदी है. सिंधिया घराने के उत्तराधिकारी ज्योतिरादित्य को राज्य की 4 फीसदी जनता औऱ नरेन्द्र सिंह तोमर को 2 फीसदी जनता ही सूबे की कमान सौंपना चाहती है. सवे में ये भी पूछा गया कि कांग्रेस किसी और को CM बनाती है तो इसके जवाब में 6 फीसदी जनता सहमत दिखी और बीजेपी किसी और को CM बनाती है तो 4 फीसदी जनता इसके पक्ष में है. इसके बाद सबसे अहम सवाल था- जनता जनार्दन किस चीज को देखकर वोट देगी. इसके जवाब में 37 फीसदी जनता ने कहा कि वो पार्टी को देखकर वोट देगी. जबक उम्मीदवार देखकर वोट देने वाले उत्तरदाताओं की संख्या 30 फीसदी, CM का चेहरा देखकर वोट देने वालों की संख्या 10 फीसदी और नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर वोट देने वाले वोर्टस 10 फीसदी हैं. राहुल गांधी के चेहरे पर वोट देने वालों की संख्या 5 फीसदी है.

लाडली बहना योजना का फायदा मिलेगा शिवराज को
NDTV-CSDS Lokniti के इस सर्वे कुछ दिलचस्प सवाल भी पूछे गए. मसलन- कांग्रेस की 'जन आक्रोश यात्रा' देखने वाले किसे वोट देंगे. इस सवाल के जवाब में 49 फीसदी ने कहा कि वे कांग्रेस को अपना मत देंगे तो वहीं 41 फीसदी ने कहा कि वे बीजेपी को वोट देंगे. इस सवाल के जवाब में 10 फीसदी लोगों ने ना कहा. इसी तरह लोगों से पूछा गया कि 'भारत जोड़ो यात्रा' से कांग्रेस को फायदा होगा? इस सवाल के जवाब में 38 फीसदी ने हां और 22 फीसदी ने ना में उत्तर दिया. वहीं 40 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा- पता नहीं. इसी तरह मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थी किसे वोट देंगे सवाल के जवाब में 59 फीसदी जनता बीजेपी के पक्ष में खड़ी दिखी तो कांग्रेस को वोट देने वालों की संख्या 38 फीसदी रही. इसके बाद वो सवाल पूछा गया जिसका शिवराज सबसे ज्यादा प्रचार करते हैं- लाडली बहना योजना. इस योजना के लाभार्थियों में से 48 फीसदी ने बीजेपी को वोट देने की बात कही. वहीं कांग्रेस के पक्ष में 42 फीसदी जनता दिखी. मतलब शिवराज सरकार को लाडली बहना योजना का लाभ मिलता दिख रहा है.

आदिवासी और मुस्लिम समुदाय कांग्रेस के साथ
इस सर्वे में समाज के अलग-अलग वर्गों के लोगों को लेकर भी सवाल पूछे गए थे. जिनसे दिलचस्प जवाब मिले. मसलन- गरीब वर्ग के लोग किसे वोट देंगे. इस सवाल के जवाब में 48 फीसदी जनता कांग्रेस के साथ तो बीजेपी के साथ 35 फीसदी जनता दिखी. वहीं मध्यम वर्ग के लोगों में 50 फीसदी बीजेपी के साथ और 38 फीसदी कांग्रेस के साथ दिखी. मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय देश में सबसे अधिक है लिहाजा उनका मत जानना भी जरूरी हो जाता है.

हमारे सर्वे के मुताबिक कांग्रेस के साथ 53 फीसदी तो बीजेपी को वोट देने वालों की संख्या 36 फीसदी रही. वहीं मुस्लिम समुदाय में 85 फीसदी उत्तरदाता कांग्रेस के पक्ष में और बीजेपी के पक्ष में 6 फीसदी उत्तरदाता दिखे. किसान वर्ग किसके साथ है इस सवाल के जवाब में 43 फीसदी कांग्रेस और 36 फीसदी बीजेपी के साथ दिखे. इसमें अन्य 21 फीसदी हैं.