
Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में एक विधानसभा सीट पर सारे राजनीतिक दल नजर बनाए रखते हैं. दरअसल इस सीट का इतिहास ही कुछ ऐसा है .ये सीट है महाकौशल का निवास. 50 सालों से जिस पार्टी ने निवास में परचम लहराया है, राज्य में उसकी सरकार बनी है. ये महज संयोग हो सकता है, लेकिन फिर भी ये आंकड़ा दिलचस्प भी है और नजर में रखने के लायक भी.
यही वजह है कि इस बार भी सभी की निगाहें मंडला जिले की आदिवासी बहुल विधानसभा सीट निवास पर जमी हुई है. दरअसल, पिछले 50 वर्षों का चुनावी रिकॉर्ड यही कहता है कि जिसने निवास जीता, उसने ही मध्य प्रदेश को फतह किया है. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट से इस बार भाजपा उम्मीदवार के रूप में केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मैदान में हैं. उनके सामने कांग्रेस ने चैन सिंह वरकड़े को मैदान में उतारा है. निवास के मौजूदा विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले मंडला से लड़ रहे हैं.
भाजपा-कांग्रेस दोनों कर रहे हैं जीत के दावे
निवास सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल जीत के दावे कर रही हैं. दोनों ही दलों का दावा है कि निवास में उनके उम्मीदवार की जीत होगी. मप्र बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा जीत का दावा करते हुए कह रहे हैं कि इस बार यहां कांग्रेस कहीं नहीं है. लिहाजा, भारतीय जनता पार्टी के फग्गन सिंह कुलस्ते भारी बहुमत के साथ जीत कर आएंगे. वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा है कि भाजपा ने केंद्र के मोहरों को बलि का बकरा बनाकर मैदान में उतार दिया है, लेकिन इनके लिए केंद्रीय दिग्गज हमारे विधायकों के आगे टिक नहीं पाएंगे और BJP का पूरे प्रदेश में सफ़ाया होगा और कांग्रेस की सरकार प्रचंड बहुमत से बनेगी.

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1977 से चला आ रहा है निवास में जीत से जुड़ा संयोग
1977 में जनता पार्टी ने ये सीट जीती और कैलाश जोशी की सरकार बनी. इसके बाद 1980 में कांग्रेस के दलपत सिंह उइके ने ये सीट छीन ली, तो प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार बनी. वहीं, 1985 में कांग्रेस के दयाल सिंह तुमराची विधायक बने तो फिर कांग्रेस यहां सत्ता में आ गई. 1990 में बीजेपी के फग्गन सिंह कुलस्ते ने ये सीट कांग्रेस से छीन ली, तो प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी. कुलस्ते 1993 में चुनाव हार गए और बीजेपी को राज्य में भी सत्ता गंवानी पड़ी. इसके बाद 1998 में कांग्रेस के सूरत सिंह मरावी ने निवास से जीत हासिल की, तो फिर कांग्रेस भी सत्ता में बनी रही. लेकिन 2003 से फग्गन सिंह के भाई राम प्यारे कुलस्ते तीन दफे यहां से विधायक रहे, तो बीजेपी भी सत्ता में बनी रही. 2018 में डॉ. अशोक मर्सकोले ने कुलस्ते से सीट छीन ली. इस प्रकार मध्य प्रदेश में एक बार फिर से कांग्रेस सत्ता में आ गई.
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