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This Article is From Aug 29, 2023

मध्यप्रदेश में 'राजनीतिक कीर्तन' जुटे सभी दल! जानिए कौन-कौन कहां कर रहा है आयोजन

पिछले चुनाव में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नर्मदा पूजन से चुनाव अभियान की शुरुआत की थी, तो इस चुनाव में प्रियंका गांधी ने जबलपुर में नर्मदा पूजन से मध्य प्रदेश के चुनावी प्रचार का शंखनाद किया है. अब कांग्रेस के सभी दिग्गज धीरे-धीरे सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर जाते दिख रहे हैं.

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मध्यप्रदेश में 'राजनीतिक कीर्तन' जुटे सभी दल! जानिए कौन-कौन कहां कर रहा है आयोजन
मध्य प्रदेश में बह रही राजनीतिक बयार

भोपाल : एक दौर था जब नेता अपने काम और व्यवहार की वजह से चुनावों में जीत हासिल करते थे लेकिन अब समय बदल गया है. अब नेता अपने काम से नहीं बल्कि अपने धार्मिक क्रियाकलाप और अनुष्ठानों से एक विशेष वर्ग के लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाना चाहते हैं और इन चीजों को सीढ़ी बनाकर चुनाव में जीत हासिल करना चाहते हैं. सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन 10 साल से विधायक तो हैं लेकिन इन 10 वर्षों में विधायक के रूप में उनकी कोई खास उपलब्धि सिवनी विधानसभा को देखने को नहीं मिली. एक मेडिकल कॉलेज का निर्माण होना था, जिसका शिलान्यास 2018 में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने किया था लेकिन 5 साल बीत जाने के बावजूद मेडिकल कॉलेज तो छोड़िए मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग तक नहीं बन पाई है. 

एक समय था जब सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन हर साल जनता की अदालत लगाकर लोगों का दिल जीतते थे लेकिन 2013 में जब वह सबसे पहले निर्दलीय विधायक बने तो लोगों ने उनकी सिर्फ 1 साल की 'जनता अदालत' को देखकर उन्हें वोट किया था. उनकी जीत के साथ सिवनी से बीजेपी का साम्राज्य समाप्त हुआ. लेकिन 2018 में वह बीजेपी में आ गए और पार्टी ने उन्हें टिकट भी दे दिया. उन्होंने जीत भी हासिल की. उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने कहा था कि 'मैं अपना ईमान गिरवी रखकर भाजपा में आया हूं, बीजेपी वालों ने मुझे जबरदस्ती इसलिए पार्टी में शामिल किया ताकि मैं इनका विरोध ना कर सकूं'. अब जब चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं तो सिवनी विधायक को टिकट का खतरा भी सताने लगा है. 

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कौन बड़ा हनुमान भक्त?
इसका मुख्य कारण यह है कि सिवनी विधानसभा से भाजपा के लगभग 12 उम्मीदवार एकजुट हो गए हैं और उनका कहना है कि इन 12 में से किसी भी एक को टिकट दे दिया जाए लेकिन दिनेश राय मुनमुन को टिकट नहीं मिलना चाहिए, जिसके चलते अब दिनेश राय मुनमुन धार्मिक अनुष्ठानों का सहारा लेने लगे हैं. छिंदवाड़ा में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने भी अपने आप को सबसे बड़ा हनुमान भक्त बताया था. सिवनी के पॉलिटेक्निक मैदान में 9 से 15 सितंबर तक शंक्राचार्य रामभद्राचार्य की कथाओं का आयोजन रखा गया है जिससे साफ स्पष्ट होता है कि विधायक अपने पक्ष में धर्म का सहारा लेकर ज्यादा से ज्यादा वोट हासिल करना चाहते हैं.

राजनीति के साथ बह रही धार्मिक बयार
 

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव दहलीज पर हैं. अगले महीने आचार संहिता लगने की भी संभावना है. ऐसे समय राजनीतिक दलों से जुड़े नेता राजनीतिक कीर्तन में व्यस्त हैं. आचार संहिता के बाद ऐसे आयोजनों की अनुमति नहीं मिलती है. चुनाव के इस समय में मध्यप्रदेश में राजनीति के साथ-साथ धार्मिक बयार भी बह रही है.

संविधान में धर्म को राजनीति से अलग रखा गया है और चुनाव आयोग भी धार्मिक आधार पर चुनाव प्रचार की इजाजत नहीं देता है. लेकिन विडंबना यही है कि देश की राजनीति धर्म से कभी अलग हो ही नहीं पाई. बीते कई महीनों से प्रसिद्ध कथावाचकों की कथाएं लाइमलाइट में रही हैं. आचार संहिता से पहले-पहले जिन राजनेताओं के धार्मिक अनुष्ठान बचे हुए हैं, वे इन्हें जल्द से जल्द निपटाने की तैयारी कर रहे हैं. 

नर्मदा पूजन से प्रियंका ने किया प्रचार का शंखनाद 
पिछले चुनाव में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने नर्मदा पूजन से चुनाव अभियान की शुरुआत की थी, तो इस चुनाव में प्रियंका गांधी ने जबलपुर में नर्मदा पूजन से मध्य प्रदेश के चुनावी प्रचार का शंखनाद किया है. अब कांग्रेस के सभी दिग्गज धीरे-धीरे सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर जाते दिख रहे हैं. करीब 10 दिन पहले की बात है, पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अपने क्षेत्र में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा आयोजित की और अब सिमरिया में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिवपुराण की तैयारी चल रही है. यह कथा 4 सितंबर से 9 सितंबर तक चलेगी है. बीजेपी सरकार इसके जवाब में छिंदवाड़ा में हनुमान लोक का लोकार्पण कर चुकी है, जो 100 करोड़ की लागत से तैयार होना है. इसको लेकर सीएम शिवराज और कमलनाथ में वाकयुद्ध भी जारी है. 

मध्य प्रदेश में धार्मिक आयोजनों की बाढ़
दूसरी तरफ महाकौशल में भी धार्मिक आयोजनों की बाढ़ चल रही है. सिवनी से बीजेपी विधायक मुनमुन राय ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरु पद्मविभूषण जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य को रामकथा के लिए आमंत्रित किया है. जबलपुर की बात की जाए तो विधायक और पूर्व वित्तमंत्री तरुण भनोत पार्थिव शिव रूद्राभिषेक कराकर ब्राम्हण भोज का आयोजन कर रहे हैं. कुछ महीने पहले ही उन्होंने कथावाचक जया किशोरी की भागवत आयोजित कराई थी. जबलपुर उत्तर से विधायक विनय सक्सेना अपने क्षेत्र की महिलाओं को मुफ्त तीर्थयात्रा करवाकर वाह-वाही बटोरने की कोशिश में हैं.

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खफा हो सकता है कांग्रेस का कोर वोटर
भाजपा के संभावित उम्मीदवार संदीप जैन ने भी अभी रामभद्राचार्य का आयोजन किया था और वेद प्रकाश असंख्य शिवलिंग निर्माण का आयोजन कर रहे हैं. कुल जमा बात यह है कि गीता में लिखे उपदेश 'धर्मो रक्षति रक्षितः' का सार मध्यप्रदेश में दोनों राजनीतिक दलों को बखूबी समझ आ चुका है. इसलिए बीजेपी जहां पूरी तरह धर्म के सहारे आगे बढ़ रही है तो वहीं कांग्रेस भी सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पकड़ती दिख रही है. यह बात और है कि कांग्रेस के इस रुख से उसका कोर वोट बैंक यानि अल्पसंख्यक नाराज भी हो सकता है. पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी इस नाराजगी को खुले तौर पर कह भी चुके हैं.

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