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अब माता को विदा करने की तैयारी, भोपाल के 18 घाटों पर होगा मूर्ति विसर्जन, यह रहेगा अलग; ऐसी प्रतिमा ले गए तो मुश्किल तय

इस बार भोपाल में 5 हजार से अधिक दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा. इसके लिए प्रशासन ने 18 से ज्यादा घाटों पर खास इंतजाम क‍िए हैं. विसर्जन के बाद निगम ने 24 घंटे के भीतर घाटों की सफाई कराने का लक्ष्य रखा है.

अब माता को विदा करने की तैयारी, भोपाल के 18 घाटों पर होगा मूर्ति विसर्जन, यह रहेगा अलग; ऐसी प्रतिमा ले गए तो मुश्किल तय

नवरात्र के बाद अब दुर्गा प्रतिमाओं के व‍िसर्जन का सिलसिला शुरू होने वाला है. विजयादशमी और उसके बाद होने वाले विसर्जन कार्यक्रम में भोपाल में हजारों की संख्या में प्रतिमाओं को घाटों तक लाया जाएगा. इसे लेकर प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं.

नगर निगम के अनुमान के मुताबिक, इस बार भोपाल में 5 हजार से अधिक दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा. इसके लिए प्रशासन ने 18 से ज्यादा घाटों पर खास इंतजाम क‍िए हैं. इनमें खटलापुरा घाट, प्रेमपुरा घाट, रानी कमलापति घाट, भेल दशहरा मैदान का तालाब, बड़ा तालाब, छोटा तालाब, कोलार डैम, कलियासोत डैम, बीरागरह और हठाईखेड़ा डैम प्रमुख हैं. इन घाटों पर भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बैरिकेडिंग, रोशनी और क्रेनों की व्यवस्था की जा रही है.

नाव के साथ मौजूद रहेंगी पुलिस की टीमें

सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पुलिस, होमगार्ड, गोताखोर और नगर निगम के मिलाकर 2,000 से ज्‍यादा कर्मचारी अलग-अलग घाटों पर तैनात रहेंगे. जल पुलिस की टीमें भी नाव के साथ मौजूद रहेंगी, ताकि आपात स्थिति में तुरंत रेस्क्यू किया जा सके. यातायात पुलिस ने विसर्जन जुलूसों के लिए रूट डायवर्जन का प्लान तैयार किया है. जिन मार्गों से मूर्तियां जुलूस के रूप में ले जाई जाएंगी, वहां भारी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी. भीड़ का दबाव कम करने और यातायात को सुचारु रूप से चलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस के जवान चौक-चौराहों पर तैनात रहेंगे.

फूल-माला, नारियल, दीपक अलग किए जाएंगे

नगर निगम की ओर से घाटों पर सफाई व्यवस्था, पेयजल आपूर्ति और लाइटिंग की विशेष तैयारी की गई है. विसर्जन के लिए क्रेन, जेसीबी और नावें घाटों पर पहले से ही लगाई जा रही हैं. इसके अलावा पूजा सामग्री जैसे फूल-माला, नारियल, दीपक और कपड़े अलग करने के लिए डिब्बे रखे जाएंगे, ताकि इन्हें जल में प्रवाहित न किया जाए और बाद में इनका उपयोग किया जा सके. विसर्जन के बाद निगम ने 24 घंटे के भीतर घाटों की सफाई कराने का लक्ष्य रखा है.

प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों का विसर्जन नहीं

पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रशासन प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों का विसर्जन नहीं करेगा. केवल मिट्टी और पर्यावरण-अनुकूल सामग्री से बनी मूर्तियों को ही विसर्जन स्थल पर अनुमति दी जाएगी. साथ ही प्रतिमाओं में लगे बांस और लकड़ी के ढांचे को विसर्जन के बाद अलग कर लिया जाएगा, ताकि उनका उपयोग दोबारा किया जा सके.

हर घाट के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त

नगर निगम और जिला प्रशासन ने हर घाट के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं, जो मौके पर मौजूद रहकर सभी व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगे. नगर निगम आयुक्त और जिला कलेक्टर ने घाटों पर निरीक्षण कर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि विसर्जन के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या दुर्घटना न हो, इसका खास ख्‍याल रखा जाए.

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