
NCRB Report: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने साल 2023 में देश हुए अपराधों की रिपोर्ट जारी कर दी है. जिसने बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और डिजिटल वर्ल्ड में हुई अपराध की बढ़ोत्तरी ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. साथ ही बच्चों को लेकर मध्य पद्रेश में हुए अपराधों ने शर्मसार कर दिया है.
एनसीआरबी की रिपोर्ट अनुसार, साल 2023 में देश भर में बच्चों के खिलाफ अपराध के 1.77 लाख मामले दर्ज किए गए, जो 2022 के 1.62 लाख मामलों की तुलना में 9.2% अधिक हैं. मध्य प्रदेश 22,393 मामलों के साथ इस सूची में सबसे ऊपर है, जबकि महाराष्ट्र 22,390 और उत्तर प्रदेश 18,852 केस के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. बच्चों के खिलाफ अपराधों में 45 फीसदी अपहरण और 38.2 फीसदी पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले सबसे अधिक हैं. सबसे ज्यादा चिंताजनक तथ्य यह है कि 90 फीसदी से अधिक मामलों में आरोपी बच्चे के जानकार निकले. इनमें परिवार के सदस्य, पड़ोसी, दोस्त और परिचित शामिल हैं.
महिला अपराध में मामूली वृद्धि, 'जबरन शादी' की प्रवृत्ति बढ़ी
2023 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 0.7% की वृद्धि दर्ज की गई. कुल 4,48,211 मामले सामने आए जिनमें पति या रिश्तेदार द्वारा क्रूरता, बलात्कार, छेड़छाड़ और अपहरण के मामले प्रमुख रहे. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और मध्य प्रदेश इस श्रेणी में शीर्ष राज्यों में रहे. उत्तर और मध्य भारत में जबरन शादी के मामलों की संख्या में विशेष बढ़ोतरी दर्ज की गई. यह भी एक चिंता का कारण है.
बुजुर्गों के खिलाफ अपराधों में 2.7% की बढ़ोतरी
देश में बुजुर्गों पर अत्याचार के मामले भी बढ़े हैं. 2023 में इन अपराधों में 2.7% की वृद्धि हुई है. जिससे साफ होता है कि यह वर्ग भी अब देश में पूरी तरह से सुरक्षित नहीं रह गया है.
साइबर क्राइम में 31% की छलांग, सबसे ज्यादा ठगी
डिजिटल वर्ल्ड में होने वाले अपराध में बढ़ा इजाफा देखने को मिला. साल 2023 में 86,420 साइबर अपराध दर्ज किए गए, जो 2022 की तुलना में 31% अधिक हैं. औसतन हर एक लाख की आबादी पर 6.2 साइबर अपराध सामने आए. इनमें से 68.9% मामले ठगी से जुड़े थे. इसके बाद यौन शोषण- 4,199, फिरौती- 3,326 और व्यक्तिगत बदला- 2,228 केस दर्ज किए गए. राज्यवार आंकड़ें देखें तो कर्नाटक 21,889 मामलों के साथ सबसे ऊपर और तेलंगाना 18,236 केस के साथ दूसरे नंबर पर है.
किसान आत्महत्या: 2023 में 10,786 मौतें
देश की रीढ़ माने जाने वाले कृषि क्षेत्र से जुड़ी आत्महत्याएं चिंता बढ़ा रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में कुल 10,786 किसानों और खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की. इनमें 4,690 किसान और 6,096 खेतिहर मजदूर शामिल हैं. आत्महत्या करने वालों में 9,986 पुरुष हैं.
हत्या के मामलों में गिरावट, पर मकसद बदल रहे
हत्या के कुल मामलों में पिछले तीन वर्षों में गिरावट देखी गई है, लेकिन इन अपराधों के पीछे के कारण बदलते दिखाई दे रहे हैं. संपत्ति विवाद, पारिवारिक कलह, व्यक्तिगत रंजिश और सोशल मीडिया पर विवाद हत्या की प्रमुख वजहें बनकर उभरी हैं.
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