2nd Phase Lok Sabha Elections in MP: लोकसभा चुनाव Election 2024 की पहले चरण की वोटिंग के बाद आज शाम से दूसरे चरण का चुनावी शोर थम जाएगा. मध्यप्रदेश के जिन 6 लोकसभा संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में शुक्रवार 26 अप्रैल को सुबह 7 से शाम 6 बजे तक वोटिंग होनी है, उन सीटों पर 24 अप्रैल की शाम 6 बजे से चुनाव प्रचार बंद हो जायेगा. दूसरे चरण के चुनाव में मध्यप्रदेश की जिन लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है उनमें टीकमगढ़ लोकसभा सीट (Tikamgarh Lok Sabha Seat), दमोह लोकसभा सीट (Damoh Lok Sabha Seat), खजुराहो लोकसभा सीट (Khajuraho Lok Sabha Seat), सतना लोकसभा सीट (Satna Lok Sabha Seat), रीवा लोकसभा सीट (Rewa Lok Sabha Seat) और होशंगाबाद लोकसभा सीट (Hoshangabad Lok Sabha Seat) हैं. इन सीटों पर मतदान को लेकर पूरी तैयारी हो चुकी है. वहीं मतदाता (Voters) भी तैयार हैं. आइए जानते हैं इन 6 सीटों का गणित क्या कुछ कहता है? कहां कौन किस पर भारी है...
मतदाता पर्ची नहीं है तो कैसे करेंगे मतदान?
#LokSabhaElections2024
— Chief Electoral Officer, Madhya Pradesh (@CEOMPElections) April 21, 2024
क्या आप जानते हैं ?
➡️कोई भी नागरिक, जिसका नाम मतदाता सूची में दर्ज है,वह वोटर आईडी कार्ड के अलावा भी 12 अन्य दस्तावेज दिखाकर मतदान कर सकता है
➡️मतदान कर मनाएं लोकतंत्र का पर्व@rajivkumarec@ECISVEEP@SpokespersonECI#ivote4sure #ChunavKaParv #DeshKaGarv pic.twitter.com/nIDDTUtfTF
चुनाव आयोग (Election Commission) ने लोकसभा चुनाव 2024 में सभी मतदाताओं को क्यूआर कोड (QR Code) वाली मतदाता सूचना पर्ची (Voter Slip) वितरित की है. यदि किसी मतदाता के पास मतदाता पर्ची नहीं है और उसका नाम मतदाता सूची (Voter List) में है, तो मतदान के लिये फोटोयुक्त वोटर आईडी कार्ड के अलावा 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों आधार कार्ड, पैन कार्ड (PAN Card), दिव्यांग यूनिक आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा जॉब कार्ड (MANREGA Job Card), पेंशन दस्तावेज (फोटो सहित), पासपोर्ट, पासबुक, फोटोयुक्त सर्विस पहचान पत्र, सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान पत्र, एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड में से कोई भी एक दस्तावेज दिखाकर मतदान कर सकता है.
"ये सिर्फ निशान नहीं शान हैं, लोकतंत्र में हमारा भी योगदान है ।" #MeraVoteMeriDuty ✨#ChunavKaParv #DeshKaGarv #YouAreTheOne #LokSabhaElections2024 #ECI pic.twitter.com/VCLSALFota
— Election Commission of India (@ECISVEEP) April 24, 2024
अब बात 6 सीटों के सियासी गणित की
दूसरे चरण में एमपी की छह सीटों टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र (Tikamgarh Lok Sabha Constituency), दमोह लोकसभा क्षेत्र (Damoh Lok Sabha Constituency), सतना लोकसभा क्षेत्र (Satna Lok Sabha Constituency), रीवा लोकसभा क्षेत्र (Rewa Lok Sabha Constituency) और होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र(Hoshangabad Lok Sabha Constituency) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के उम्मीदवार सीधे तौर पर टक्कर में हैं लेकिन खजुराहो लोकसभा क्षेत्र (Khajuraho Lok Sabha Constituency) में कोई भी प्रमुख विपक्षी दल का नेता BJP के सामने नहीं है. इन सीटों में कुल एक करोड़ 11 लाख 62 हजार 460 मतदाता हैं. इन 6 सीटों पर 80 उम्मीदवार का भाग्य लिखा जाएगा. 80 में 75 पुरुष उम्मीदवार, 4 महिला उम्मीदवार और एक थर्ड जेंडर उम्मीदवार हैं.
खजुराहो (Khajuraho Lok Sabha Constituency)
खजुराहो सीट पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) को फिर से मौका मिला है. जबकि यह सीट इंडी गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी को दी गई थी लेकिन सपा उम्मीदवार मीरा यादव का पर्चा रद्द होने से वीडी शर्मा को लगभग वॉकओवर मिल गया है. यह सीट बीजेपी का गढ़ रही है, 1999 के लोकसभा चुनाव को छोड़ दें तो 1989 से यहां पर बीजेपी का दबदबा रहा है. खजुराहों में लगभग 19.94 लाख वोटर हैं, 10.45 लाख पुरुष और 9.48 लाख महिला मतदाता हैं. खजुराहो संसदीय क्षेत्र में शामिल 8 विधानसभा क्षेत्र चंदला, रामनगर, पवई, गुनौर, पन्ना, विजयराघवगढ़, मुड़वारा, बहोरीबंद हैं. यहां की सभी विधानसभा में बीजेपी का कब्जा है.
टीकमगढ़ (Tikamgarh Lok Sabha Constituency)
टीकमगढ़ की बात करें तो यहां पर BJP के डॉक्टर वीरेंद्र कुमार और कांग्रेस के पंकज अहिरवार के बीच मुकाबला माना जा रहा है. गठबंधन की वजह से सपा ने अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा. जबकि BSP ने दल्लूराम अहिरवार को टिकट दिया है. यहां सात बार सांसद और दो बार केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार के सामने कांग्रेस ने ऐसे कैंडिटेड को उतारा है जो अवना पहला चुनाव लड़ रहे हैं. इस क्षेत्र में भले ही 5 लाख के आसपास अहिरवार वोट हो लेकिन तीन लोकसभा चुनाव से कांग्रेस के अहिरवार कैंडिटेड हार रहे हैं. यहां लगभग 18.17 लाख वोटर हैं, इनमें 9.53 लाख पुरुष और 8.64 लाख महिला मतदाता हैं. टीकमगढ़, जतारा, खरगापुर, पृथ्वीपुर, निवारी, महाराजपुर, छतरपुर और बिजावर यहां विधानसभा सीट हैं. इन 8 में से 3 सीटों पर कांग्रेस जीत कर आई है जबकि 5 पर बीजेपी.
दमोह (Damoh Lok Sabha Constituency)
विधानसभा चुनाव में हार का स्वाद चखने वाले राहुल लोधी को बीजेपी ने यहां पर लोकसभा प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने तरबर सिंह लोधी का सामने रखा है. यहां लोधी Vs लोधी का मुकाबला है. ये दोनों ही कैंडिटेट एक-एक बार MLA रह चुके हैं. इस सीट को कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. 1989 से बीजेपी ने यहां से अपनी जीत का क्रम शुरू किया और तब से यह जारी है. 35 वर्षों से यहां बीजेपी का दबदबा है. इस लोकसभा के अंदर 8 विधानसभा क्षेत्र दमोह, हटा, जबेरा, पथरिया, बड़ा मलहरा, देवरी, रहली, बंडा आते हैं. यहां लगभग 19.19 लाख वोटर हैं, इनमें 10.05 लाख पुरुष और 9.13 लाख महिला मतदाता हैं. यदि हम दमोह लोकसभा सीट की बात करें तो यहां 8 सीटों में से सिर्फ 1 पर ही कांग्रेस ने अपना कब्जा किया है और वह सीट मलहरा है.
सतना (Satna Lok Sabha Constituency)
इसी सीट पर विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी के चार बार के सांसद गणेश सिंह को मात दी थी. लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी और कांग्रेस ने उन्हीं उम्मीदवारों पर दांव लगाया है, जिनको विधानसभा इलेक्शन में उतारा गया था. पिछड़ा वर्ग के दोनों प्रमुख कैंडिडेट के बीच BSP ने ब्राह्मण उम्मीदवार पर भरोसा जताया है, ऐसे में नारायण त्रिपाठी के आ जाने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. सतना लोकसभा सीट में सतना, रामपुर बघेलान, नागौद, रैगांव, चित्रकूट, मैहर, अमरपाटन विधानसभा सीट आती हैं. इन 7 सीटों में से 2 पर कांग्रेस का कब्जा है और यह दो सीटें सतना एवं अमरपाटन हैं. सतना संसदीय सीट पर पिछले सात चुनावों से हार पर हार झेलती आ रही है कांग्रेस ने 28 साल बाद ओबीसी चेहरे पर दांव लगाया है. वहीं गणेश सिंह को नुकसान पहुंचाने के लिए BSP ने भी बड़ी बाजी खेली है. यहां लगभग 16.98 लाख वोटर हैं, इनमें 8.88 लाख पुरुष और 8.09 लाख महिला मतदाता हैं.
रीवा (Rewa Lok Sabha Constituency)
रीवा लोकसभा में मिश्रा Vs मिश्रा का मुकाबला है. यहां बीजेपी के जनार्दन मिश्रा को दूसरी बार टिकट दिया गया है, जबकि बीजेपी की विधायक रहीं नीलम अभय मिश्रा को कांग्रेस ने लोकसभा के मैदान में उतारा है. 2018 में नीलम मिश्रा ने कांग्रेस ज्वॉइन किया था. रीवा की जनता बीजेपी प्रत्याशी को उतना पसंद नहीं कर रही है जितना कि मोदी की गारंटी और मोदी सरकार के कार्यों को. स्थानीय मुद्दों को लेकर जनार्दन मिश्रा को विरोधों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले पांच चुनाव परिणामों को देखें तो इस सीट पर तीन बार बीजेपी और एक-एक बार BSP व कांग्रेस उम्मीदवार अपना परचम लहरा चुके हैं. रीवा लोकसभा में आठ विधानसभा क्षेत्र रीवा, गुढ़, सेमरिया, सिरमौर, मनगवां, त्योंथर, मऊगंज और देवतालाब हैं. रीवा संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा में से सिर्फ एक सीट पर ही कांग्रेस का कब्जा है और वह सीट है सेमरिया जहां से अभय मिश्रा विधायक हैं. यहां लगभग 18.45 लाख वोटर हैं, इनमें 9.63 लाख पुरुष और 8.81 लाख महिला मतदाता हैं.
होशंगाबाद सीट (Hoshangabad Lok Sabha Constituency)
लंबे समय तक बीजेपी में रहने वाले संजय शर्मा को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. जबकि किसान नेता दर्शन सिंह पर बीजेपी ने दांव लगाया है. ये भले ही दर्शन सिंह का पहला चुनाव है लेकिन वे यहां काफी दमदार हैं. होशंगाबाद जिसे अब नर्मदापुरम के नाम से जाना जाता है, वहां की सभी 8 विधानसभा में बीजेपी का कब्जा है. इस लोकसभा क्षेत्र से तीन मंत्री नरसिंहपुर से प्रहलाद पटेल, गाडरवाड़ा से राव उदय प्रताप और उदयपुरा से नरेंद्र शिवाजी पटेल है. इस सीट पर राव उदय प्रताप सिंह तीन बार सांसद रह चुके हैं. इस लोकसभा में होशंगाबाद, सिवनी-मालवा, सोहागपुर, पिपरिया, गाडरवारा, नरसिंहपुर, तेंदुखेड़ा और उदयपुरा विधानसभा सीट आती हैं. यहां लगभग 18.50 लाख वोटर हैं, इनमें 9.55 लाख पुरुष और 8.94 लाख महिला मतदाता हैं.
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