Wayanad Lok Sabha By Election: केरल (Karal) के वायनाड (Wayanad) में हुए संसदीय उपचुनाव में कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने शानदार जीत की ओर बढ़ चुकीं हैं. उन्होंने 4 लाख से अधिक वोटों के अंतर से बढ़त बनाते हुए अपने भाई राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के 2019 और 2024 के जीत के अंतर को भी पीछे छोड़ दिया है. प्रियंका गांधी ने वायनाड से अपनी चुनावी पारी की शुरुआत की है. ऐसे में यह जीत कांग्रेस के लिए बेहद अहम मानी जा रही है.
प्रियंका गांधी की ऐतिहासिक बढ़त
प्रियंका गांधी ने अब तक 6,17,000 से अधिक वोट हासिल किए हैं. सीपीआई के सत्यन मोकेरी को लगभग 2 लाख वोट मिले हैं, जबकि भाजपा की नव्या हरिदास 1 लाख वोटों के साथ तीसरे स्थान पर चल रही हैं. यह अंतर न केवल उनकी पहली जीत को यादगार बनाता है, बल्कि वायनाड में कांग्रेस के प्रभाव को और मजबूत करेगा.
राहुल गांधी से भी बड़ी जीत
राहुल गांधी ने 2019 में वायनाड सीट से 4.31 लाख वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी, जबकि 2024 में यह अंतर घटकर 3.65 लाख वोट रह गया था. प्रियंका गांधी ने अपनी पहली चुनावी जीत में इस आंकड़े को पार करते हुए 4 लाख से अधिक वोटों की बढ़त हासिल करती दिख रही हैं, जो कांग्रेस के लिए एक बड़ी सफलता है.
वायनाड से प्रियंका की सियासी यात्रा की शुरुआत
राहुल गांधी ने वायनाड सीट खाली कर अपनी बहन प्रियंका गांधी को मैदान में उतारा. वायनाड से चुनाव लड़ने वाली प्रियंका अपने परिवार की चौथी सदस्य बन गई हैं, जिन्होंने दक्षिण भारत से लोकसभा चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उनका मुकाबला सीपीआई के वरिष्ठ नेता सत्यन मोकेरी और भाजपा की नव्या हरिदास से था.
प्रियंका की जीत कांग्रेस के लिए क्यों है अहम?
प्रियंका गांधी की यह जीत कांग्रेस के लिए कई मायनों में खास है. यह जीत कांग्रेस के दक्षिण भारत में प्रभाव को पुनर्जीवित करने का संकेत देती है. प्रियंका की जीत से पार्टी कार्यकर्ताओं में एक नया उत्साह भरेगा.
क्या बदलेगा लोकसभा का माहौल?
प्रियंका गांधी की एंट्री से लोकसभा में विपक्ष की ताकत बढ़ने की संभावना है. वह अपने मजबूत व्यक्तित्व और भाषण शैली के लिए जानी जाती हैं. माना जा रहा है कि वह संसद में एनडीए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कड़ी चुनौती देंगी.
‘इंदिरा इज बैक' का नारा
प्रियंका गांधी की जीत के बाद उनकी दादी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से उनकी तुलना करने के सिलसिला तेज हो गया है. उनके समर्थकों ने ‘इंदिरा इज बैक' जैसे नारों के साथ उन्हें दूसरी इंदिरा गांधी बता रहे हैं.
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आगे की राह
वायनाड से प्रियंका गांधी की धमाकेदार जीत कांग्रेस के लिए नई उम्मीदें लेकर आई है. उनकी यह सफलता न केवल उनकी राजनीतिक समझ को दर्शाती है, बल्कि पार्टी को एक नई दिशा देने का संकेत भी देती है. प्रियंका गांधी की सियासी पारी की यह शुरुआत भारतीय राजनीति में नए अध्याय को जन्म दे सकती है.