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This Article is From Mar 22, 2024

Lok Sabha Election 2024: वैकेंसी निकालकर मेडिकल कॉलेज की डीन ने किया आचार संहिता का उल्लंघन! ये है मामला

Lok Sabha Election 2024: विज्ञापन में पदों के फेरबदल पर जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से डीन से स्पष्टीकरण मांगा गया था. बताया जा रहा है कि डीन ने पूर्व में जारी विज्ञापन में कुछ गड़बड़ी होने की बात कही, जिसका सुधार नए विज्ञापन में किया गया. लेकिन परीक्षण में पाया गया कि संशोधित विज्ञापन में एक पद बढ़ा दिया गया है. यह नियम विरुद्ध है.

Lok Sabha Election 2024: वैकेंसी निकालकर मेडिकल कॉलेज की डीन ने किया आचार संहिता का उल्लंघन! ये है मामला

Violation of Model Code of Conduct: सामान्य तौर पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला राजनीतिक दलों (Political Parties) पर दर्ज किया जाता है, लेकिन जबलपुर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कालेज (Netaji Subhash Chandra Bose Medical College Jabalpur) की डीन डॉक्टर गीता गुइन के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला सामने आया है. यह मामला मेडिकल कालेज के स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन में नई नियुक्ति का है. डीन ने एसइपीएम में नई भर्ती के लिए समाचार पत्रों में पदों की भर्ती का विज्ञापन (Recruitment Advertisement) आचार संहिता के दौरान दिया, फिर इसमे फेरबदल कर दिया. इसकी शिकायत निर्वाचन कार्यालय (Election Office) तक पहुंची तो इस मामले की जांच की गई. प्रारंभिक जांच में मामला आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का पाया गया है. इसकी सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी (District Election Officer) दीपक सक्सेना ने चुनाव आयुक्त (Election Commissioner) और संभागायुक्त को डीन के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव भेजा है.

विज्ञापन में बढ़ाया पद

डीन (Netaji Subhash Chandra Bose Medical College Jabalpur Dean) ने पूर्व में विज्ञापित पदों में दो पद प्रोफेसर, एक पद एसोसिसएट प्रोफेसर और छह पद असिस्टेंट के थे. इसमें रेडियोडायग्नोसिस के असिस्टेंट प्रोफेसर के एक पद को छोड़कर बाकी सभी पद पलमोनरी और रेस्पेरेटरी के लिए थे. आचार संहिता प्रभावी होने के बाद डीन ने भर्ती प्रक्रिया में जनरल मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर का एक और पद शामिल कर लिया. इसे मिलाकर कुल 10 पद की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी. इन पदों पर 30 अप्रैल तक आवेदन मांगे गए हैं. आचार संहिता कर बीच भर्ती प्रक्रिया को लेकर लगातार प्रश्न उठाये जाने लगे हैं.

ये है मामला?

*12 मार्च : डीन ने शिक्षक संवर्ग के कुल 9 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था.

*16 मार्च : लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता प्रभावशील हो गई.

*18 मार्च : डीन ने संशोधित विज्ञापन जारी किया. इसमें कुल पदों की संख्या बढ़ाकर 10 कर दी.

विज्ञापन में पदों के फेरबदल पर जिला निर्वाचन कार्यालय की ओर से डीन से स्पष्टीकरण मांगा गया था. बताया जा रहा है कि डीन ने पूर्व में जारी विज्ञापन में कुछ गड़बड़ी होने की बात कही, जिसका सुधार नए विज्ञापन में किया गया. लेकिन परीक्षण में पाया गया कि संशोधित विज्ञापन में एक पद बढ़ा दिया गया है. यह नियम विरुद्ध है.

यदि बदलाव की आवश्यक थी तो पहले कोरेजेंडम जारी किया जाना चाहिए था. उसके बाद अमेंडमेंट-संशोधन प्रक्रिया अपनाई जानी थी. जिला निर्वाचन कार्यालय आचार संहिता के उल्लंघन पर निरंतर नजर रख रहा है. प्रतिदिन सूचना निर्वाचन आयोग को प्रेषित की जा रही है. प्रथम दृष्टया आचार संहिता का उल्लंघन मिलने पर डीन के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.

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