
Khajuraho Dance Festival 2025: इस बार का 51वां खजुराहो नृत्य समारोह (51st Khajuraho Dance Festival) ऐतिहासिक, दिव्य और भव्य होने जा रहा है. खजुराहो (Khajuraho) में श्रेष्ठ नृत्य कलाकारों की प्रस्तुतियां, भारतीय संस्कृति और कलाओं से परिचित करातीं गतिविधियां आकर्षण का केंद्र होंगी वहीं नृत्य मैराथन रिले से विश्व रिकॉर्ड बनेगा. इसके साथ ही खजुराहो बाल नृत्य महोत्सव, प्रणाम, सृजन और नाद जैसे नवाचार देखने को मिलेंगे. इसके अलावा पर्यटन की दृष्टि से देखा जाए तो स्काई डाइविंग, हॉट एयर बैलून, कैम्पिंग, विलेज टूर जैसी रोमांचक पर्यटन गतिविधियां भी होंगी. मध्य प्रदेश के संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट खजुराहो के एक हजार वर्ष प्राचीन मंदिरों की दिव्य आभा में 51वां खजुराहो नृत्य समारोह 20 से 26 फरवरी, 2025 तक आयोजित किया जायेगा.
Prepare for an unforgettable experience at the Grand 51st Khajuraho Dance Festival, 2025! Immerse yourself in the mesmerising world of dance as world-renowned artists bring stunning performances from across the globe. Set against the magnificent backdrop of the Khajuraho temples,… pic.twitter.com/lC0RoUBR9Q
— Culture Department Madhya Pradesh (@culturempbpl) February 7, 2025
वर्ल्ड रिकॉर्ड और पद्म अवॉर्डी कलाकरों की प्रस्तुति
खजुराहो स्थित कंदरिया महादेव मंदिर एवं देवी जगदंबा मंदिर के मध्य मंदिर प्रांगण में आयोजित होने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय नृत्य समागम की भव्यता इस वर्ष अपने चरम पर होगी. समारोह में इस वर्ष कई नए आयाम तथा गतिविधियां जोड़ी गई हैं. विशेष रूप से सभी प्रमुख भारतीय शास्त्रीय नृत्यों यथा कथक, भरतनाट्यम, कुचीपुड़ी, ओडिसी आदि के साथ सबसे लम्बा वृहद शास्त्रीय नृत्य मैराथन (रिले) प्रस्तुति की जा रही है, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करने का प्रयास रहेगा.
MP के संस्कृति व पर्यटन मंत्री ने बताया 51वें खजुराहो डांस फेस्टिवल में क्या कुछ होगा खास #MadhyaPradesh pic.twitter.com/k5z2pWAF3z
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) February 13, 2025
From the timeless grace of Khajuraho's sculpted divinity to the mesmerising movements of India's finest classical dancers, witness an artistic journey where history and expression merge seamlessly.
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) February 12, 2025
Join us at the 51st Khajuraho Dance Festival — a prestigious celebration of… pic.twitter.com/L0EOdB09Kt
अलंकरण समारोह के साथ-साथ बहुत कुछ है खास : प्रमुख सचिव
प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि 51वां खजुराहो नृत्य समारोह का शुभारम्भ 20 फरवरी, 2025 को सायं 6:30 बजे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की उपस्थिति में होगा. इस अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य रूपंकर कला पुरस्कार अलंकरण समारोह भी आयोजित किया जाएगा. समारोह में नृत्य प्रस्तुतियां प्रतिदिन सायं 6:30 बजे से प्रारम्भ होंगी.
वृहद शास्त्रीय नृत्य मैराथन (रिले) से बनेगा विश्व रिकॉर्ड
सबसे लंबे वृहद शास्त्रीय नृत्य मैराथन (रिले) प्रस्तुति में निरन्तर 24 घंटे से भी अधिक नृत्य प्रस्तुतियां होंगी. यह गतिविधि आदिवर्त संग्रहालय, खजुराहो में होगी. गतिविधि का शुभारम्भ 19 फरवरी, 2025 को दोपहर 2:00 बजे होगा जो निरन्तर 20 फरवरी, 2025 को सायं 5:00 बजे तक आयोजित की जाएगी. इसका नृत्य निर्देशन/संयोजन कथक नृत्यांगना तथा फिल्म अभिनेत्री श्रीमती प्राची शाह, मुम्बई एवं संगीत निर्देशन/संयोजन श्री कौशिक बसु, मुम्बई द्वारा किया जाएगा. प्रारंभिक रूप से 5-5 कलाकारों के मान से 25 ग्रुप तैयार किये जायेंगे, जिसमें लगभग 125 कलाकार प्रतिभागिता करेंगे. विभागीय संगीत महाविद्यालय/विश्वविद्यालय एवं नृत्य के वरिष्ठ कलागुरुओं के साधनारत शिष्यों को प्रस्तुति के लिए अमांत्रित किया गया है.
Journey back in time with Khajuraho Chronicles and relive the splendour of the Khajuraho Group of Monuments!
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) February 9, 2025
Unravel the captivating stories of the Chandela dynasty, where history, art, and culture come alive in every carved masterpiece.
As you attend the 51st Khajuraho Dance… pic.twitter.com/I1w9Rrq3QZ
खजुराहो बाल नृत्य महोत्सव
खजुराहो नृत्य समारोह जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजन से स्थानीय युवाओं को जोड़ने के लिए मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग ने पहली बार एक नई गतिविधि जोड़ी है. जिसका नाम ''खजुराहो बाल नृत्य महोत्सव'' है. इस नृत्य महोत्सव के अंतर्गत मध्यप्रदेश के मूल निवासी 10 से 16 साल के युवा नृत्य कलाकार एक पृथक मंच पर अपनी प्रस्तुति दे सकेंगे. इसका उद्देश्य भारतीय शास्त्रीय नृत्य परम्परा को संरक्षित करना और युवा पीढ़ी को भारतीय शास्त्रीय नृत्यों के प्रति प्रोत्साहित करना है. ये प्रस्तुतियां खजुराहो नृत्य समारोह परिसर में स्थित पृथक मंच पर सायं 5 से 6 बजे तक होंगी. इस महोत्सव के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसमें 310 नृत्य कलाकारों के आवेदन प्राप्त हुए थे. वरिष्ठ नृत्य गुरुओं की चयन समिति द्वारा 15 नृत्य कलाकारों को चयनित किया गया है.
प्रदर्शनी एवं व्याख्यान
51वें खजुराहो नृत्य समारोह में इस वर्ष एक नई अनुषांगिक गतिविधि "प्रणाम" को जोड़ा गया है. इस गतिविधि के अंतर्गत सुविख्यात नृत्यांगना और पद्मविभूषण डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम के जीवन और कला अवदान को अभिव्यक्त करते आयोजन होंगे. जिनमें डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम के जीवन और कला अवदान पर एकाग्र प्रदर्शनी, व्याख्यान एवं संवाद सह प्रदर्शन भी शामिल होंगे. व्याख्यान एवं संवाद हेतु डॉ. जयश्री राजगोपालन, अनुराधा विक्रांत, महती कन्नन, अरविंथ कुमारस्वामी, पियाल भट्टाचार्य, डॉ. राजश्री वासुदेवन, अर्जुन भारद्वाज एवं डॉ. सच्चिदानंद जोशी पधारेंगे. इसके अलावा प्रदर्शनी में डॉ. पद्मा सुब्रह्मण्यम की कला यात्रा को दर्शाया जाएगा, जिसमें उनकी प्रस्तुति के फोटो, किताबें, उनके द्वारा डिजाइन नृत्य परिधान एवं उन्हें प्राप्त अवार्ड शामिल होंगे.
Khajuraho Dance Festival में फिर बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड, जानिए संस्कृति व पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव ने डांस फेस्टिवल को लेकर क्या कहा? #KhajurahoDanceFestival pic.twitter.com/ibO8Mm7YfS
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) February 13, 2025
पद्म पुरस्कार प्राप्त और एसएनए अवॉर्डी कलाकार देंगे नृत्य प्रस्तुतियां
खजुराहो नृत्य समारोह में प्रारंभ से ही नृत्य जगत के सुप्रसिद्ध कलाकारों ने प्रस्तुतियां दी हैं. इस वर्ष भी यह परम्परा जारी रखते हुए पद्म पुरस्कार एवं संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड प्राप्त नृत्य कलाकारों को आमंत्रित किया गया है. इन नामों में कुचिपुड़ी की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना पद्मभूषण विदुषी राधा-राजा रेड्डी, मणिपुरी नृत्य कलाकार पद्मश्री दर्शना झवेरी, छाऊ नृत्य कलाकार पद्मश्री शशधर आचार्य, ओडिसी नृत्य कलाकार प्रवत कुमार स्वाइन, मोहिनीअट्टम नृत्य कलाकार पद्मश्री विदुषी भारती शिवाजी, कथक नृत्य कलाकार पद्मश्री विदुषी शोभना नारायण, सत्रीय नृत्य कलाकार पद्मश्री गुरु जतिन गोस्वामी शामिल हैं. वहीं एसएनए अवॉर्डी में मोहिनीअट्टम नृत्य कलाकार पल्लवी कृष्णनन, भरतनाट्यम नृत्य कलाकार डॉ.संध्या पुरेचा, कुचिपुड़ी नृत्य कलाकार दीपिका रेड्डी, कथकली नृत्य कलाकार सदानम के.हरिकुमार, कथक नृत्य कलाकार अदिति मंगलदास, मणिपुरी नृत्य कलाकार गुरु कलावती देवी-बिम्बावती देवी का नाम शामिल है. साथ ही फिल्म अभिनेत्री और भरतनाट्यम की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना मीनाक्षी शेषाद्रि की एकल नृत्य प्रस्तुति भी होगी.
नाद : भारतीय लोक एवं शास्त्रीय संगीत में उपयोगी वाद्यों की प्रदर्शनी
भारतीय लोक एवं नृत्य-संगीत में विभिन्न प्रकार के वाद्यों का प्रयोग किया जाता है. अलग-अलग अंचलों, क्षेत्रों और परंपराओं में विशेष वाद्यों का प्रयोग होता है, जिनकी बनावट, ध्वनि इत्यादि लोगों को आकर्षित करती है. संगीतप्रेमी वाद्ययंत्रों के बारे में जान सकें, उन्हें देख सकें इसी उद्देश्य के साथ खजुराहो नृत्य समारोह में इस वर्ष संस्कृति विभाग द्वारा संकलित 600 से अधिक वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी "नाद" भी लगाई जाएगी. इसमें भारतीय लोक, जनजातीय एवं शास्त्रीय संगीत में उपयोग किए जाने वाले वाद्ययंत्र सम्मिलित होंगे. कई वाद्ययंत्र दुर्लभ भी होंगे.
Out of Office” and Into a Colourful Cultural Extravaganza!
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) February 1, 2025
The 51st Khajuraho Dance Festival is back, inviting India's legendary dancers to the breathtaking UNESCO-listed Khajuraho Group of Temples, a masterpiece of Chandela-era artistry.
From February 20th to 26th, witness… pic.twitter.com/2CQWYY88t7
चित्र कथन : नृत्योत्सव का सजीव चित्रांकन
51वें खजुराहो नृत्य समारोह में देहगति, भाव, मुद्राओं का सौंदर्य और भव्यता सिर्फ मंच पर ही नहीं, बल्कि कैनवास पर भी प्रदर्शित होगी. देश के ख्यातिलब्ध 10 चित्रकार खजुराहो नृत्य समारोह के मंच पर होने वाली नृत्य प्रस्तुतियों को रंग और कूची की सहायता से कैनवास पर सजीव चित्रण करेंगे. इन चित्रकारों में पद्मश्री श्रीमती शान्ति देवी, श्री राजेश श्याम, श्री एल. रजनीकांत सिंह, श्री कुडलयया महंतयया हीरेमठ, श्री किशन सोनी, डॉ सुनील विश्वकर्मा, श्री महेश कुमार कुमावत, श्री श्याम पुंडलिक कुमावत, श्री रघुवीर, श्री सुभाष पवार शामिल हैं. एक ओर खुले आसमान के नीचे मंदिर की आभा में नृत्य का सौंदर्य दिखेगा, तो वहीं दूसरी ओर कैनवास पर इसे अलग—अलग दृष्टिकोण के साथ देखा जा सकेगा. इस गतिविधि को रचनात्मक के साथ अकादमिक बनाने का प्रयास भी किया गया है. इसमें संस्कृति विभाग के सभी ललित कला महाविद्यालयों के अध्यनरत छात्र-छात्राएं भी सहभागिता करेंगे. इस अवसर पर मध्यप्रदेश राज्य रूपंकर कला पुरस्कार में चयनित चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन भी होगा.
सृजन, हुनर और स्वाद
51वें खजुराहो नृत्य समारोह को भव्यता और विविधता देने के उद्देश्य से सृजन, हुनर और स्वाद गतिविधियों का आयोजन भी किया जायेगा. ताकि जो सुधिजन पधार रहे हैं वे नृत्य के साथ—साथ भारतीय कलाओं के विभिन्न आयामों को भी जान व समझ सकें. सृजन गतिविधि में पारंपरिक शिल्प निर्माण तकनीक का प्रदर्शन होगा, जिसमें मिट्टी, पत्ता, बांस, गोबर, लाख, गोदना इत्यादि के उपयोग से कई तरह के शिल्पों का सृजन होता दिखेगा. वहीं, हुनर गतिविधि में पारंपरिक शिल्पों का प्रदर्शन और विक्रय भी होगा. स्वाद गतिविधि में विभिन्न प्रकार के देशज व्यंजनों का आनंद सुधिजन ले सकेंगे.
कलावार्ता : कलाविदों एवं कलाकारों के मध्य संवाद
51वें खजुराहो नृत्य समारोह में पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष लोकप्रिय संवाद सत्र ''कलावार्ता'' आयोजित किया जाएगा. इस सत्र के विषय खजुराहो के मंदिरों पर केंद्रित होंगे, क्योंकि इस वर्ष मंदिरों के एक हजार वर्ष पूर्ण हो रहे हैं. इनमें मंदिरों की स्थापत्य कला, संगीत-नृत्य और खजुराहो के मंदिरों का सम्बन्ध प्रमुख होंगे. इन विषयों पर एकाग्र संवाद के लिए कथक नृत्यांगना सुश्री रजनी राव, दिल्ली और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पुरातत्वविद डॉ. शिवकांत बाजपेयी, डॉ. ओपी मिश्रा, डॉ. नारायण व्यास, डॉ. रमेश यादव एवं प्रो. शिवकांत द्विवेदी कलाकारों से संवाद हेतु पधारेंगे.
आदिवर्त संग्रहालय के दूसरे चरण का लोकार्पण
मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग ने 20 फरवरी, 2023 को ‘आदिवर्त‘ जनजातीय लोककला एवं राज्य संग्रहालय, खजुराहो के पहले चरण में मध्यप्रदेश की सात प्रमुख जनजातियों क्रमशः गोंड, बैगा, भील, भारिया, कोरकू, कोल एवं सहरिया के जीवन उपयोगी वस्तुओं और उसके देवलोक को आकर्षक ढंग से निर्मित कराकर लोकार्पित किया गया है. हमारा दूसरा चरण भी अब तैयार हो गया है. इसमें मध्यप्रदेश के पाँच सांस्कृतिक जनपदों क्रमशः मालवा, निमाड़, चंबल, बुन्देलखण्ड और बघेलखण्ड के जीवन को अभिव्यक्त करते उनके घर, घरेलू वस्तुएँ और लोक देवता ही प्रदर्शित किये गये हैं. 'आदिवर्त' संग्रहालय को देखने आने वाला देशी और विदेशी पर्यटक प्रदेश की समृद्ध संस्कृति की एक झलक यहाँ अनुभव कर सकेंगे. इस अवसर पर गुरुकुल के लिए प्रस्तावित आवासों का लोकार्पण भी किया जाएगा.
Amidst the distant roar, echoing calls, and birdsong, let the untamed beauty of Panna's jungle unfold before you.
— Madhya Pradesh Tourism (@MPTourism) February 5, 2025
From 20th to 26th February 2025, while you're attending the 51st Khajuraho Dance Festival, don't miss the chance to explore Panna National Park, only an hour's… pic.twitter.com/eJgVXIYBzs
मध्यप्रदेश पर्यटन की गतिविधियां
खजुराहो मध्यप्रदेश का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जहां वर्षभर लाखों पर्यटक पधारते हैं. कई पर्यटक खजुराहो की पर्यटन यात्रा कुछ इस तरह बनाते हैं कि उन्हें पर्यटन के साथ खजुराहो नृत्य समारोह भी देखने को मिल जाए. इसलिए मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा इस वर्ष समारोह के दौरान स्काई डाइविंग - एमपीटी पायल रिसोर्ट खजुराहो, हॉट एयर बैलून, कैम्पिंग-पन्ना, विलेज टूर - पुराना खजुराहो गाँव, ई-बाईक टूर-खजुराहो मंदिर, सेगवे टूर - खजुराहो, वॉटर स्पोर्ट्स-कुटनी जैसी रोमांचकारी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी.
विश्व का सर्वश्रेष्ठ नृत्य उत्सव "खजुराहो नृत्य समारोह"
खजुराहो नृत्य समारोह 1974 में आरम्भ हुआ. वर्तमान रूप की कल्पना सन् 1975 में हुई. तब से लगातार यह समारोह विस्तार पाता रहा. इसकी कीर्ति दिग-दिगन्त फैली. स्थिति यह है कि यह विश्व के श्रेष्ठ समारोहों में गिना जाता है. इसमें भाग लेने वाले नृत्यकार अपनी सम्पूर्ण रचनात्मक क्षमताओं को यहां नि:शेष करते हैं. विदेशों से आने वाले नृत्यप्रेमी-दर्शक समारोह की प्रतीक्षा करते हैं. वे यात्रा कार्यक्रम इस तरह बनाते हैं कि वे खजुराहो समारोह के दर्शक बन सकें. मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग की संस्कृति नीति को यह श्रेय जाएगा कि इसने इतने आयामी समारोह की संरचना की है.
भारतीय शास्त्रीय नृत्यों की संगम स्थली
इन नृत्य कलाकारों में रुकमनी देवी अरुंडले, बिरजू महाराज, केलुचरण महापात्रा, पं. कार्तिक राम, सितारा देवी, मृणालिनी साराभाई, यामिनी कृष्णमूर्ति, सोवना नारायण, पद्मा सुब्रमण्यम, सोनल मानसिंह, पं. रामलाल, गुरु शंकर होम्बल सहित अनेक नाम सम्मिलित हैं. साथ ही उत्तर-पूर्वी राज्यों के मणिपुरी एवं सत्रिया नृत्य के सुप्रसिद्ध कलाकार सुन्दर और मनमोहक प्रस्तुतियों के साथ नृत्य के इस कुंभ में आते रहे हैं. विगत वर्ष इस समारोह के स्वर्ण जयंती उत्सव में 1486 कथक नृत्य कलाकारों ने एक साथ नृत्य प्रस्तुत कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड रचा था. यह रिकॉर्ड न सिर्फ एक रिकॉर्ड था, बल्कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ नृत्य समारोह होने का प्रमाण पत्र भी था. खजुराहो नृत्य समारोह का मंच जहां एक ओर स्थापित नृत्य कलाकारों की अभूतपूर्व प्रस्तुतियों के लिए प्रसिद्ध है, तो वहीं दूसरी ओर युवाओं और असाधारण प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने के लिए भी जाना जाता है.
यह भी पढ़ें : 50वां खजुराहो डांस फेस्टिवल: कथक कुंभ में 1500 से अधिक कलाकार बनाएंगे वर्ल्ड रिकॉर्ड
यह भी पढ़ें : MP Top 10 News: राष्ट्रपति भवन से MP की बेटी हुई विदा, इंदौर के रजत RCB ने नए कप्तान, पढ़िए आज की Top News
यह भी पढ़ें : CM मोहन की फिनलैंड के राजदूत से मुलाकात! MPT- VReal का करार, MP के इतिहास व संस्कृति का वर्चुअल टूर
यह भी पढ़ें : MP Gehu Kharidi 2025: किसानों के लिए खुशखबरी! जल कलश यात्रा में CM मोहन का ऐलान- इस बार गेहूं की MSP ₹2600