
MP High Court on Emergency Film: हाल ही में कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की फिल्म "इमरजेंसी" (Emergency) की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने के लिए दायर की गई याचिका पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) की जबलपुर पीठ (Jabalpur Bench) ने सुनवाई की. याचिकाकर्ताओं ने फिल्म के ट्रेलर में सिख समुदाय को क्रूर और नकारात्मक रूप में चित्रित करने का आरोप लगाया था. उनका तर्क था कि इस प्रकार की प्रस्तुति से समाज में सिख समुदाय के प्रति गलत धारणाएं बन सकती हैं और उनकी छवि को नुकसान पहुंच सकता है. याचिकाकर्ता के एडवोकेट एस एन रूपराह का दावा है कि इस फिल्म से सिख समुदाय के बीच तनाव उत्पन्न हो सकता है और उनके सामाजिक सम्मान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
कोर्ट ने जारी किया नोटिस
अदालत ने इस मामले में कंगना के प्रोडक्शन हाउस मणिकर्णिका प्रोडक्शंस, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सेंसर बोर्ड, और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने निर्देश दिया कि जो पक्षकार सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हो सके, उन्हें इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भी नोटिस भेजा जाए. इस मामले में अदालत ने सभी पक्षों से प्रतिक्रिया मांगी है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचे. फिल्म के निर्माण से जुड़े सभी प्रमुख हितधारकों से कहा गया है कि वे अदालत के सामने अपने विचार और तर्क प्रस्तुत करें, ताकि इस विवाद का उचित समाधान निकाला जा सके.
अंतिम निर्माण अभी बाकी
अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अगले दिन फिर से सुनवाई का आदेश दिया है. यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदालत का अंतिम निर्णय क्या होता है और फिल्म के प्रदर्शन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है. मुख्य न्यायाधीश ने फिल्म के विवाद से अलग सिख समुदाय की सेवाओं की सराहना की. उन्होंने कहा, 'मैंने दिल्ली में सिख समुदाय को कोरोना काल के दौरान समाज की सेवा करते हुए देखा है. गुरुद्वारों में ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर भोजन तक की व्यवस्था की गई थी.' उन्होंने सिख समुदाय की इस सेवा भावना को समाज के लिए एक आदर्श बताया.
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विवेक तंखा ने कंगना पर कसा तंज
विवेक तंखा ने दिया ये बयान
राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने जबलपुर में कहा कि कंगना रनौत को विवादों में रहना पसंद है. उनकी कई बातों से उनकी पार्टी को ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. महिला सुरक्षा पर विवेक तंखा का कहना है कि जिस तरह से पश्चिम बंगाल में महिला सुरक्षा को लेकर बड़े नेता बातें कर रहे हैं, वैसे ही उन्हें अन्य जगहों पर हो रही घटनाओं पर भी करना चाहिए. पूरा देश चाहता है कि महिला सुरक्षित रहें. देश का कोई भी हिस्सा हो इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
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