
Jawahar Navodaya Vidyalaya Satna: सतना जिले के पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय रहिकवारा में गुरुवार को छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा. प्राचार्य की कार्यशैली और विद्यालय में व्याप्त समस्याओं से नाराज छात्र-छात्राओं ने खुलकर अपनी नाराजगी जताई. उनका कहना है कि विद्यालय में रोजाना बिजली कटौती के कारण गर्मी और पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है, वहीं मेस की व्यवस्था भी बेहद खराब है. इस बात से नाराज छात्रों ने खुद को अपने होस्टल में सामूहिक रूप से बंद कर लिया है और भोजन पानी छोड़ने की चेतावनी भी दी है. छात्रों ने आरोप लगाया कि जब वे अपनी समस्याएं लेकर प्राचार्य के पास जाते हैं, तो उन्हें समाधान देने के बजाय विद्यालय से बाहर निकाल देने की धमकी दी जाती है. इस वजह से कई छात्र खुलकर अपनी शिकायत भी दर्ज नहीं करा पाते.
ये आरोप भी लगाए गए हैं
सूत्रों के अनुसार, गणवेश और जूते-चप्पल समय पर उपलब्ध न कराए जाने की शिकायत भी छात्रों ने की है. कुछ छात्रों ने पहचान छिपाकर मीडिया को बताया कि गर्मी में कक्षाओं में पंखे तक नहीं चलते, पीने का पानी गंदा होता है, और खाने की गुणवत्ता बेहद खराब है. उन्होंने आरोप लगाया कि मेस में समय पर खाना नहीं मिलता और मेन्यू के अनुसार भोजन भी नहीं परोसा जाता.
मौके पर पहुंचे SDM
मामले की जानकारी मिलने पर एसडीएम जितेन्द्र वर्मा मौके पर पहुंचे और छात्रों से बातचीत की. उन्होंने छात्रों की शिकायतें गंभीरता से सुनीं और प्राचार्य एवं स्टाफ से तत्काल स्थिति सुधारने के निर्देश दिए. हालांकि एसडीएम के हस्तक्षेप के बावजूद छात्रों का गुस्सा पूरी तरह शांत नहीं हुआ है. कई छात्रों का कहना है कि वे लंबे समय से इन समस्याओं को झेल रहे हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया. अधिकारियों का कहना है कि छात्रों की शिकायतों की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी. वहीं, विद्यालय प्रबंधन की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है.
छात्रों में नाराजगी, खुद को हाउस में बंद कर खाना पानी छोड़ा
स्थानीय अभिभावकों ने भी छात्रों की शिकायतों का समर्थन करते हुए कहा कि पीएमश्री जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में इस तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है. उनका कहना है कि यहां पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं और बेहतर शिक्षा एवं सुविधाओं की उम्मीद में प्रवेश लेते हैं, लेकिन यदि माहौल असुरक्षित और सुविधाहीन होगा, तो बच्चों का भविष्य प्रभावित होगा.इस घटना ने एक बार फिर से सरकारी आवासीय विद्यालयों की व्यवस्था और निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं. छात्रों की नाराजगी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने सामूहिक रूप से खुद को हाउस में बंद कर लिया है और खाना पानी छोड़ने की चेतावनी दी है.
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