
Jagannath Rath Yatra : अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) के तत्वावधान में रविवार को भगवान श्री जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा जी की भव्य रथयात्रा गुना नगर में निकाली गई. जज्जी बस स्टैंड से प्रारंभ हुई यह यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई गायत्री मंदिर के पास संपन्न हुई. रिमझिम बारिश के बीच हजारों श्रद्धालु हरिनाम संकीर्तन करते, भजनों पर झूमते हुए रथ खींचते चले.
उज्जैन से मंगाए गए विशेष रथ पर वैदिक विधि से विराजित प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना कर यात्रा का शुभारंभ किया गया. श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर भगवान का स्वागत किया. मानस भवन समिति सहित नगर के समाजसेवी व जनप्रतिनिधियों ने रथ खींचने का सौभाग्य प्राप्त किया. समापन पर 5 हजार श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसादी वितरित की गई. प्रशासन द्वारा सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए.
हजारों भक्तों ने रथ खींचा
जय जगन्नाथ के जयकारों से गूंजा नगर उल्लेखनीय है की अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ इस्कॉन मंदिर के तत्वावधान में रविवार को गुना नगर में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली गई. हजारों भक्तों ने रथ खींचते हुए पूजा अर्चना की यात्रा का शुभारंभ स्थानीय प्ले होटल से हुआ और नगर के विभिन्न स्थानों निकली रथयात्रा में हजारों रसिकजन रस्सी खींचकर चलते रहे. जगह-जगह पुष्प वर्षा कर भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र की पूजा अर्चना की गई. कई रसिक जन सड़कों पर झाड़ू लगाते रथ के आगे चलते रहे. पूरा नगर धर्ममय हो गया.
जय जगन्नाथ-जय जगन्नाथ की धुन पर झूमें भक्त
यात्रा के दौरान नंगे पैर उमड़े रसिकजनों का उत्साह देखते ही बन रहा था. रसिक जनों की भीड़ को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था, कि भगवान श्री जगन्नाथ रथ यात्रा में समस्त नगर समां गया हो गया. भगवान के शृंगार में अलौकिक दिव्य दर्शन हो रहे थे. जिधर भी नजर जा रही थी, उधर जय जगन्नाथ-जय जगन्नाथ की धुन पर रसिकजन झूम रहे थे. चारों ओर से जय जगन्नाथ-जय जगन्नाथ के उद्घोष से पूरा वातावरण गुंजायमान हो रहा था.
रथयात्रा में रसिकजनों की सेवा में जुटे सेवादार रथयात्रा में नगर के सेवादारों ने विभिन्न प्रकार के शरबत, पानी, बिस्कुट, चिप्स आदि की व्यवस्था थी. वहीं, भगवान जगन्नाथ का प्रसाद पाने के लिए रसिकजनों की होड़ मची रही. पुलिस बल रहा तैनात जगन्नाथ रथ यात्रा में रसिकजनों की संख्या को देखकर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा.
ये भी पढ़ें- हे भगवान! किसी को ऐसी मां न देना, ये तो अपने ही कलेजे के टुकड़े को मरने के लिए तालाब में फेंक दिया
ये भी पढ़ें- पहले माओवाद बना रोड़ा, फिर टाइगर रिजर्व ने रुकवाया काम... गरियाबंद के इस गांव में 17 साल बाद भी पक्की सड़क नहीं