
Madhya Pradesh News : जबलपुर (Jabalpur) में पिछले दिनों एकलव्य आदिवासी आवासीय विद्यालय (Eklavya Tribal Residential School) के 300 से ज्यादा बच्चों को फूड पॉइजनिंग की शिकायत होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. एनएसयूआई (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने इस हॉस्टल का खाना पैक कराया और सीधे कलेक्ट्रेट (Collectorate ) पहुंचे और कलेक्टर (Collector) सहित अन्य अधिकारियों से खाना खाने का आग्रह किया, लेकिन देखिए किसी ने भी खाना नहीं खाया जबकि यही खाना हॉस्टल के बच्चों को खाना पड़ता है.इसके बाद संगठन कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपकर मामले में कार्रवाई की मांग की है.
300 बच्चे हुए थे बीमार
3 दिन पहले इस स्कूल में दूषित खाना खाकर 300 से ज्यादा बच्चे बीमार हो गए थे जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कांग्रेस के युवा संगठन (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने अपने साथ लाया हुआ हॉस्टल का खाना अधिकारियों से खाने का आग्रह किया, जब कोई अधिकारी खाना चखने तैयार न हुआ तो कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपकर मामले में कार्रवाई की मांग की.
दी आंदोलन की चेतावनी
संगठन के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि स्कूल का बजट 5 करोड़ रुपए का है लेकिन इसमें पढ़ने वाले बच्चों को खाने का निवाला मुंह में डालने से पहले नाक बंद करना पड़ती है, क्योंकि सब्जी इतनी बदबूदार होती है कि वे इसे खा नहीं पाते.
संगठन कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को से कहा है कि यदि इस मामले में ठोस कार्रवाई न हुई तो वे उग्र आंदोलन करने बाध्य हो जाएंगे.
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पूर्व शिक्षक ने लगाया बड़ा आरोप
स्कूल के पूर्व शिक्षक ने आरोप लगाया है कि स्कूल में प्रातः पोहा या नाश्ते के बदले एक दिन पूर्व बचा हुआ चावल खिलाया जाता है. अगर वाकई ऐसा है तो ये बहुत ही शर्मनाक है. गौरतलब है जबलपुर के एक छात्रावास में रात का खाना खाने के बाद करीब 300 बच्चे बीमार हो गए थे, जिसके बाद स्कूल की प्रिंसिपल के साथ-साथ बालिका छात्रावास की अधीक्षक और बालक छात्रावास के अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया था.