Madhya Pradesh News: कानफोडू डीजे पर जबलपुर हाईकोर्ट ने सख्ती बरती है. याचिका के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन,गृह सचिव और DGP को नोटिस जारी किया है. इस मामले में जवाब प्रस्तुत करने को भी कहा गया है. अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी.
ये है मामला
दरअसल जबलपुर के रहने वाले जनहित याचिकाकर्ता अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा. उन्होंने दलील दी कि शादी-समारोह और धार्मिक आयोजनों में अत्यधिक तेज आवाज में बजने वाले डीजे न केवल मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए बल्कि सामाजिक समरसता के लिए भी घातक है.
वर्तमान कानून डीजे की अराजकता पर अंकुश लगाने की दृष्टि से नाकाफी है. ऐसे प्रावधान नहीं हैं, जिनका उपयोग कर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जा सके. इसका फायदा उठाकर तेज आवाज में डीजे बजाए जाते हैं.
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बंद कोर्ट रूम में सुनाई आवाज
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत आवासीय क्षेत्रों में 55 डेसीबल दिन के समय और रात्रि में 45 डेसीबल आवाज का मानक निर्धारित किया गया है. इसके बावजूद 70 और उससे कहीं अधिक तेज आवाज में डीजे बजाकर लोगों के कान फोड़ने का रवैया अपनाया जाता है. अधिवक्ता गुप्ता ने बंद कोर्ट रूम में अनुमति लेकर 70 डेसीबल की आवाज सुनाई.
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने कान फोडू डीजे पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग संबंधी जनहित याचिका पर जवाब-तलब कर लिया है. इस सिलसिले में राज्य शासन, गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक, एसपी और कलेक्टर जबलपुर सहित अन्य को नोटिस जारी किए गए हैं. मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी. साथ ही राज्य शासन सहित अन्य को निर्देश दे दिए कि जनहित याचिका में उठाए गए सवालों का पैरा वाइज जवाब प्रस्तुत किया जाए.
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