
MP News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में आमतौर पर कागजी कार्रवाई में देरी के लिए पहचाने जाने वाले सरकारी दफ्तरों ने इस बार संवेदनशीलता की मिसाल पेश की है. पाटन निवासी स्वप्निल पटेल के 15 दिन के नवजात बेटे विनायक की हालत बिगड़ने पर निजी अस्पताल में पता चला कि उसके दिल में छेद है. डॉक्टरों ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत सरकारी मदद लेने की सलाह दी. परिजनों के फोन पर जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला ने अवकाश के दिन भी कार्यालय खुलवाया और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा को भी बुलाया. पूरी कागजी प्रक्रिया त्वरित पूर्ण कर नवजात को उपचार के लिए मुंबई रवाना कर दिया गया.
गंभीर हालत में स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा था नवजात
डॉ.संजय मिश्रा ने बताया कि समय पर इलाज न मिलने से खतरा था, इसलिए छुट्टी के दिन भी विभाग ने फुर्ती दिखाई. इस संवेदनशीलता ने नवजात की जिंदगी बचाने में अहम भूमिका निभाई. बता दें कि 15 दिन के नवजात शिशु की अचानक हालत खराब होने पर उसके माता-पिता उसे लेकर निजी अस्पताल भागे थे, जिसके बाद उन्हें स्वास्थ्य केंद्र जाने की सलाह दी गई.
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विभाग ने दिखाई फुर्ती
स्वप्निल पटेल के 15 दिन के नवजात बेटे विनायक को अचानक परेशानी आने लगी. हालत बिगड़ने पर उसके माता-पिता उसे लेकर निजी अस्पताल में पता चला कि उसके दिल में छेद है. डॉक्टरों ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत सरकारी मदद लेने की सलाह दी. परिजनों के फोन पर जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला ने अवकाश के दिन भी कार्यालय खुलवाया और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा को भी बुलाया.
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