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ITR Scam Alert: इनकम टैक्स भरते समय स्कैमर्स से रहें सावधान, ऐसे पहचानें ई-मेल असली है या नकली

Income Tax Return (ITR) Scam Email: इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण अलर्ट है. साइबर ठग आयकर विभाग के नाम से फर्जी ईमेल भेजकर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं.

ITR Scam Alert: इनकम टैक्स भरते समय स्कैमर्स से रहें सावधान, ऐसे पहचानें ई-मेल असली है या नकली

Income Tax Refund Scam Alert: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है. लोग आईटीआर फाइल कर रहे हैं. इस बीच साइबर ठग भी धोखाधड़ी करने में लगे हुए हैं. वह इनकम टैक्स भरने वालों को स्कैम के जरिए निशाना बना रहे हैं. वह तरह-तरह के ई-मेल भेजकर लोगों के साथ स्कैम कर रहे हैं. आपको बताते हैं कि जालसाज किस तरह धोखाधड़ी कर रहे हैं और ज्यादातर किस तरह के ईमेल का इस्तेमाल करते हैं.

स्कैमर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (आयकर विभाग, Income Tax) के नाम से ई-मेल भेजते हैं. जिसमें एक लिंक होता है, उस पर क्लिक करने से आपके मोबाइल की महत्वपूर्ण जानकारियां निकल सकती है. सरकार ऐसे ई-मेल को फर्जी बता चुकी है और ऐसे मेल से सतर्क रहने को कहा है. जबकि आयकर विभाग का जो मेल होता है उसमें कोई भी लिंक नहीं होता है. 

यहां जानिए कैसे होते हैं रियल और फेक ई-मेल

साइबर ठगों द्वारा भेजे जाने वाले मेल तो वैसे देखने में असली लगते हैं, लेकिन वह धोखाधड़ी देकर आपके बैंक खाता खाली कर देते हैं. साइबर ठगों के फर्जी ईमेल देखने में आईटी विभाग के ई-मेल के फॉर्मेट, लोगो और भाषा एक जैसे ही होते हैं. यह तरीका ही लोगों को झांसे में डाल देता और वो ठगी का शिकार हो जाते हैं.

ऐसे करें असली और फर्जी में पहचान
 

असली ई-मेलनकली ई-मेल
noreply@incometax.gov.in या donotreply@cpc.gov.in- यह असली ईमेल आईडी है, जो इनकम टैक्स विभाग की है.(incometax.refund2024@gmail.com, refund@incometax.org, incometax@gmail.com) इस तरह की ईमेल आईडी फर्जी होती हैं.

इनकम टैक्स विभाग की ओर से ईमेल में इस तरह का रिप्लाई आता है.- आपका इनकम टैक्स रिफंड सफलतापूर्वक प्रोसेस हो गया है.

फर्जी वाले में कोई लिंक होगा, उस पर क्लिक करने को कहा जाएगा. जैसे- रिफंड प्राप्त करने के लिए लिंक पर क्लिक करें.

ईमेल की शुरुआत में आपका नाम होगा.

फर्जी में 'प्रिय करदाता' या 'Dear Taxpayer' जैसे आभिवादन शब्द होंगे.

इनकम टैक्स की भाषा प्रोफेशनल होगी.

इसमें जल्दबाजी करने या डराने वाली भाषा होगी. वेरिफाई करने के लिए समयसीमा दी होगी.

इसमें कोई भी निजी जानकारी नहीं मांगते हैं. कोई लिंक क्लिक करने को नहीं होता.

जालसाज पैन नंबर, OTP, बैंक डिटेल्स मांगते हैं. इसमें लिंक भी हो सकता है, जिसपर क्लिक करने को कहते हैं.

PDF फॉर्मेट में जानकारी होती है.

ईमेल में एक्सेल, वर्ड फाइल होती है, जिसमें लिंक छुपा होता है.

विभाग का लोगो बिल्कुल साफ होता है.

यह असली वाले से बिल्कुल अलग दिखता है. आप विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर लोगो चेक कर सकते हैं.

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