Indore Water Crisis: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के भागीरथपुरा इलाके में घर-घर नलों से दूषित पानी पहुंचने की असली वजह सामने आ गई है. दूषित पानी के सेवन से 60 से अधिक लोगों के बीमार होने और एक व्यक्ति की मौत के बाद की गई जांच में भागीरथपुरा की मुख्य जलापूर्ति लाइन में गंभीर लीकेज पाया गया है. इसी लीकेज के जरिए घरों तक ‘जहर' पहुंचा, जिससे लोगों की जान पर बन आई. मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने इंदौर दूषित पानी से जान गंवाने वालों के परिजनों को दो-दो लाख की मदद की घोषणा की है.
इन अधिकारियों पर गिरी गाज
इंदौर की भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी से हुए हादसे के बाद एक्शन लिया गया है. सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी से नागरिकों के संक्रमित होने की घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए संबंधित जोनल अधिकारी जोन क्रमांक 4, सहायक यंत्री एवं प्रभारी सहायक यंत्री PHE को तत्काल प्रभाव से निलंबित एवं प्रभारी उपयंत्री PHE को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक किया गया है. घटना की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की जांच समिति गठित की गई है.
इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी से नागरिकों के संक्रमित होने की घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए संबंधित जोनल अधिकारी जोन क्रमांक 4, सहायक यंत्री एवं प्रभारी सहायक यंत्री PHE को तत्काल प्रभाव से निलंबित एवं प्रभारी उपयंत्री PHE को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक किया…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 30, 2025
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार इंदौर में कथित तौर पर दूषित पानी पीने के कारण 100 से ज्यादा लोगों को उल्टी-दस्त की गंभीर दिक्कतों के साथ अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया. इंदौर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. माधव प्रसाद हासानी ने बताया कि शहर के भागीरथपुरा इलाके में उल्टी-दस्त के प्रकोप के बारे में पता चलने पर स्वास्थ्य विभाग ने 2,703 घरों के सर्वेक्षण के दौरान करीब 12,000 लोगों की जांच की और इनमें से हल्के लक्षणों वाले 1,146 मरीजों को मौके पर प्राथमिक उपचार दिया गया.
इंदौर में मुख्य पाइपलाइन में लीकेज
भागीरथपुरा में गंदे पानी के संकट के बाद इंदौर नगर निगम ने सतर्कता दिखाते हुए मंगलवार देर शाम चौकी से लगे सार्वजनिक शौचालय के नीचे जलापूर्ति की मुख्य पाइपलाइन में लीकेज का पता लगाया. अधिकारियों के अनुसार इसी स्थान से गंदा पानी पाइपलाइन में मिल रहा था. फिलहाल क्षेत्र में जलापूर्ति को लेकर आवश्यक एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं.

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इंदौर में जलापूर्ति कब शुरू होगी?
इंदौर नगर आयुक्त दिलीप कुमार यादव के निर्देश पर लीकेज वाली पाइपलाइन की तत्काल मरम्मत शुरू कर दी गई है. सुधार कार्य पूरा होने के बाद सबसे पहले फ्लशिंग, क्लोरीनेशन और पानी के सैंपल की जांच कराई जाएगी. लैब रिपोर्ट पूरी तरह संतोषजनक आने के बाद ही क्षेत्र में दोबारा जलापूर्ति बहाल की जाएगी.
इंदौर दूषित पानी मामला क्या है?
दरअसल, इंदौर देश के सबसे स्वच्छ शहर की सूची में टॉप पर है. इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में बीते एक सप्ताह के दौरान दूषित पानी पीने से 60 से अधिक लोग बीमार पड़ गए, जबकि 70 वर्षीय नंदलाल पाल की एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके अलावा दो अन्य मौतों को भी इसी जलजनित बीमारी से जोड़कर देखा जा रहा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है.

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अस्पताल में मंगलवार को ही पांच नए मरीज भर्ती हुए, जिनमें से दो को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई. मंगलवार शाम तक वर्मा अस्पताल में करीब 20 मरीज भर्ती थे, जबकि कई अन्य का इलाज त्रिवेणी अस्पताल में चल रहा है. अकेले भागीरथपुरा क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह में लगभग 150 लोगों ने उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत दर्ज कराई है.
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कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के आवास के बाहर प्रदर्शन
इंदौर में दूषित पानी पीने का मामले में इंदौर में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बंगले के बाह युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. बंगले का घेराव करते हुए हाथों में गंदे पानी की बोतल लेकर पहुंचे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंत्री और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
सबसे साफ़ शहर इंदौर में गंदा पानी पीने से 60 से ज़्यादा लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं और 4 लोगों की मौत हो चुकी है।
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) December 30, 2025
यह कैसी सरकार है, जहाँ निर्दोष लोग भाजपा के भ्रष्टाचार और लापरवाही की कीमत अपनी जान देकर चुका रहे हैं। पहले कफ सिरप से और अब पीने के पानी से लोगों की मौत हो रही… pic.twitter.com/pXPBdTSXUg
जीतू पटवारी ने साधा मोहन सरकार पर निशाना
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा, "सबसे साफ शहर इंदौर में गंदा पानी पीने से 60 से ज़्यादा लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं और 4 लोगों की मौत हो चुकी है. यह कैसी सरकार है, जहां निर्दोष लोग भाजपा के भ्रष्टाचार और लापरवाही की कीमत अपनी जान देकर चुका रहे हैं. पहले कफ सिरप से और अब पीने के पानी से लोगों की मौत हो रही है. यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि सरकारी हत्या है. इंदौर में दो-दो कैबिनेट मंत्री हैं, ऊपर से मुख्यमंत्री स्वयं प्रभारी मंत्री हैं. पार्षद, विधायक, सांसद और महापौर सभी भाजपा के हैं. इसके बावजूद आम लोगों के हिस्से जहरीला पानी आ रहा है. सीएम आप याद रखिए, मेरे इंदौर के एक-एक बच्चे की जिम्मेदारी आपकी सरकार की है."
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CM मोहन ने दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि देने का किया ऐलान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. इसके साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी. पेयजल के संक्रमित या दूषित होने के कारण नागरिकों का स्वास्थ्य बिगड़ने की स्थिति पर नजर रखने और प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश यथा समय संबंधित अधिकारियों को दिए गए. भागीरथपुरा की घटना पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रभावितों के समुचित और गुणवत्तापूर्ण इलाज के दिये निर्देश दिए.
प्रशासन द्वारा सतत निगरानी
इंदौर जिला कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि इंदौर जिला प्रशासन द्वारा सतत निगरानी रखी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग को उपचार की नियमित समीक्षा करने के निर्देश भी दिए गए हैं. मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देशों के बाद इंदौर प्रशासन और स्वास्थ्य अमला पूरी तत्परता के साथ उपचार में जुटा हुआ है. घटना के कारण पता करने के लिए विस्तृत जांच करवाई जा रही है.
बीमार लोगों से मिलने अस्पताल पहुंचे पीसीसी चीफ जीतू पटवारी
वर्मा अस्पताल में पहुंचे पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने बीमार लोगों के हाल जाने और मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. ईश्वर से यही प्रार्थना है कि जो भी लोग इस घटना में बीमार हुए हैं वह जल्द स्वस्थ हो. वही जो स्वास्थ्य अधिकारी और डॉक्टर पीड़ितों के इलाज में लगे हुए हैं हम उन्हें धन्यवाद देता हूं.
जीतू पटवारी ने इंदौर वासियों से आग्रह है कि वह विचार करें जब डायरिया होता है तब कई तरह की बीमारी होती है पर व्यक्ति मरता नहीं है. अगर लोग मारे हैं तो पानी में जहर है, इसकी जांच होनी चाहिए. इंदौर नगर निगम सवा दो हजार करोड रुपए पानी और जल के प्रबंधन के लेती हैं और तब भी गंदा पानी पीने को मिलेगा तो सीधे तौर पर यह भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करती है. महापौर से भी आग्रह है यह राजनीति का अवसर नहीं है, तीन लोगों ने अपनी जान गवाही है. आप आकलन खुद करें एक व्यक्ति शहर में घूमता है तो खुश होकर अपने घर नहीं लौटता, लोग ट्रैफिक में भी फंसकर जान गवा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मंत्री कैलाश विजयवर्गी से भी आग्रह है कि आपको इंदौर ने बहुत कुछ दिया है आप आज भी कैबिनेट के एक महत्वपूर्ण मंत्री हो और इंदौर शहर का प्रतिनिधित्व सरकार में करते हो. इंदौर के नाम से अलग-अलग तरीके से दम भी भरते हो पर सवाल यह है कि आपने इंदौर की जनता को बदले में क्या दिया. हर घर से पानी का टैक्स और अलग-अलग तरीके का टैक्स लिया जाता है तब भी नगर निगम कर्ज में है. अद्भुत अकल्पनीय कर्ज में है. इंदौर वासियों से आग्रह है कि एक बार पता तो लगाओ महापौर कहां व्यस्त है.
इस हत्या का दोषी अगर किसी को माना जाए तो नगर निगम को ही माना जाएगा. कैलाश विजयवर्गीय तीन इंजन की सरकार का दम भरते हैं, अपनी बातों में लोगों को गुमराह भी कर देते हैं पर जब से नगरीय प्रशासन मंत्री बने हैं तब से इंदौर को क्या मिला है. मास्टर प्लान की बात करें तो 20 साल से आपकी सरकार है अभी तक मास्टर प्लान क्यों नहीं बन कर आया, इसमें किसका दोष?