Indore Water Contamination: देश के सबसे साफ शहर कहे जाने वाले इंदौर में पीने के पानी से फैली बीमारी ने हड़कंप मचा दिया है. भगीरथपुरा इलाके में पिछले एक सप्ताह के दौरान दूषित पानी पीने से 60 से अधिक लोग बीमार पड़ गए हैं. इस घटना में 70 वर्षीय नंदलाल पाल की निजी अस्पताल में मौत हो गई.
नंदलाल पाल को 28 दिसंबर 2025 को उल्टी-दस्त की गंभीर शिकायत के बाद वर्मा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मंगलवार सुबह उन्हें हार्ट अटैक आया, जिससे उनकी मौत हो गई. परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में सप्लाई किए जा रहे गंदे पानी के सेवन के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी.

इंदौर के वर्मा अस्पताल में पांच नए मरीज भर्ती
अस्पताल सूत्रों के अनुसार मंगलवार को वर्मा अस्पताल में पांच नए मरीज भर्ती हुए, जिनमें से दो को छुट्टी दे दी गई. शाम तक करीब 20 मरीज वर्मा अस्पताल में भर्ती रहे, जबकि कई अन्य त्रिवेणी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. अकेले भगीरथपुरा क्षेत्र में लगभग 150 लोगों ने उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत की है.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन को तत्काल इलाज और पानी के स्रोत की जांच के निर्देश दिए. कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार रात अस्पताल पहुंचकर मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने घोषणा की कि सभी मरीजों का इलाज सरकारी खर्च पर कराया जाएगा और जिन लोगों ने भुगतान कर दिया है, उन्हें राशि लौटाई जाएगी.

ओवरहेड टैंक का पानी दूषित
प्राथमिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि वार्ड में चल रहे खुदाई कार्य के दौरान पाइपलाइन में लीकेज हुआ या फिर ओवरहेड टैंक का पानी दूषित हुआ, जिससे यह स्थिति बनी. क्षेत्र में नर्मदा नदी से जलापूर्ति होती है.
घटना के विरोध में कांग्रेस ने सोमवार को वार्ड कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते हुए नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया. इंदौर नगर निगम आयुक्त दिलीप कुमार यादव ने मंगलवार को भगीरथपुरा का दौरा किया और स्मार्ट सिटी कार्यालय में पीएचई व नगर निगम अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई दिनों से बदबूदार और गंदे पानी की शिकायत पार्षद से की जा रही थी, लेकिन समय रहते कोई कार्रवाई नहीं हुई.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. माधव हसानी ने बताया कि सभी अस्पताल अलर्ट मोड पर हैं और अब तक करीब 60 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं. इलाज में किसी तरह की लापरवाही से मौत नहीं हुई है. प्रशासन ने एहतियातन पानी के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं और सप्लाई लाइनों की फ्लशिंग व डिसइंफेक्शन की जा रही है.
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