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एमपी गजब है: यहां बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहा था ये बड़ा हॉस्पिटल, अब जिला प्रशासन ने दिए बंद करने के आदेश

जिला प्रशासन के जांच दल ने सोमवार को बेदी नगर गढ़ा स्थित निजी अस्पताल एप्पल हॉस्पिटल का निरीक्षण किया. इस दौरान ये पाया गया कि यह अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के ही चल रहा है. इसलिए इस हास्पिटल में नए मरीजों को भर्ती करने पर रोक लगा दी गई है.

एमपी गजब है: यहां बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहा था ये बड़ा हॉस्पिटल, अब जिला प्रशासन ने दिए बंद करने के आदेश

Jabalpur News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) में  बिना रजिस्ट्रेशन के ही  एप्पल हॉस्पिटल (Apple Hospital) चल रहा था. अब प्रशासन ने जांच के बाद इस अस्पताल को बंद करने के आदेश दिए हैं. अब तक ये अस्पताल बेधड़क मरीजों का इलाज कर रहा था.

जिला प्रशासन के जांच दल ने सोमवार को बेदी नगर गढ़ा स्थित निजी अस्पताल एप्पल हॉस्पिटल का निरीक्षण किया. इस दौरान ये पाया गया कि यह अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के ही चल रहा है. इसलिए इस हास्पिटल में नए मरीजों को भर्ती करने पर रोक लगा दी गई है. निरीक्षण के दौरान इस अस्पताल में कोई डॉक्टर भी मौजूद नहीं था.  जांच दल में एसडीएम कुंडम मोनिका बाघमारे, सीएसपी गढ़ा देवेंद्र प्रताप सिंह, स्वास्थ्य विभाग से डॉ. नवीन कोठारी और अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे.

जांच में मिली खामियां ही खामियां

कलेक्टर दीपक सक्सेना ने NDTV को बताया कि निरीक्षण के दौरान एप्पल हॉस्पिटल प्रबंधन ने जांच दल के सामने स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस प्रस्तुत नहीं कर सके. रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस नहीं होने के बावजूद यहां मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के वक्त हॉस्पिटल में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था. नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारी ही भर्ती मरीजों का उपचार करते पाए गए. मापदंडों के विपरीत अस्पताल के आईसीयू में भी बिस्तर पास-पास लगे थे. अस्पताल का ट्रांसफॉर्मर भी बंद पाया गया. यहां तक कि अस्पताल के पास इलेक्ट्रिकल सेफ्टी सर्टिफिकेट भी नहीं था. अस्पताल के अंदर विद्युत वायरिंग भी प्रॉपर गेज की नहीं पाई गई. इमरजेंसी एग्जिट की व्यवस्था भी इस हॉस्पिटल में नहीं है.

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मेडिकल स्टोर भी सील

दीपक सक्सेना ने बताया कि रजिस्ट्रेशन नहीं होने और अन्य कमियों को देखते हुए हॉस्पिटल प्रबंधन को यहां भर्ती मरीजों को स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से अन्य अस्पतालों में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही लाइसेंस प्राप्त होने तक नए मरीजों को भर्ती नहीं करने की भी हिदायत अस्पताल प्रबंधन को दी गई है. उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान ही हॉस्पिटल से संलग्न मेडिकल स्टोर की भी जांच की गई.  जांच में दस्तावेज न पाए जाने पर औषधि विभाग द्वारा इसे सील कर दिया गया. 

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