Madhya Pradesh High Court: पुलवामा हमले में शहीद हुए जवान के परिवार से सरकार ने वादा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ. इसको लेकर मध्य प्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने पूछा है कि पुलवामा शहीद के परिवार से सरकार ने जो वादा किया था वह अब तक पूरा क्यों नहीं हुआ? मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस (hief Justice of Madhya Pradesh High Court) रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव (Chief Secretary of Madhya Pradesh) को इस मामले में नोटिस भेज कर जवाब देने को कहा है.
क्या है मामला?
जबलपुर के बेहद गरीब परिवार के अश्विनी काछी अपने परिवार में ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिनकी सेना में नौकरी लगी थी. उनके घर के कई सदस्य मजदूरी करके गुजारा चलाते थे. शहीद अश्विनी की मां बीड़ी मजदूर हैं. शहीद के परिवार ने अश्विनी की प्रतिमा खुद 6.5 लाख रुपये खर्च कर लगवाई थी. शहीद के अंतिम संस्कार और प्रतिमा अनावरण के समय प्रशासनिक अधिकारियों व नेताओं ने शहीद अश्विनी के नाम पर स्कूल तथा प्रतिमा स्थल पर बगीचा बनाने का आश्वासन दिया था. इसको लेकर सार्वजनिक घोषणा भी की थी, जो अभी तक पूरी नहीं हो पायी है.
कौन हैं शहीद अश्विनी?
पुलवामा में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर आतंकी हमले (Terrorist Attack) में मध्यप्रदेश का जांबाज अश्विनी 16 फरवरी 2019 में शहीद हो गया था. उस समय जबलपुर के सिहोरा तहसील के खुडावल गांव के रहने वाले अश्विनी कुमार काछी सीआरपीएफ की 35वीं बटालियन में तैनात थे. अश्विनी 2014-15 में सीआरपीएफ की 35वीं बटालियन में भर्ती हुए थे.
अश्विनी के शहीद होने की खबर से पूरा मध्य प्रदेश शोक में डूब गया था, तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath), पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) सहित कई कैबिनेट मंत्री शहीद अश्वनी के अंतिम दर्शन करने के लिए गांव पहुंचे थे. उस समय जबलपुर से ही दो कैबिनेट मंत्री थे. एक वित्त मंत्री तरुण भनोट और दूसरे सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया, इन्होंने भी परिवार को आश्वासन दिए थे जो आज तक पूरे नहीं हुए.
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