Inter Religion Marriage: जबलपुर के हसनैन अंसारी और इंदौर की अंकित राठौर की अंतर-धार्मिक विवाद को लेकर बवाल अब थमता नजर आ रहा है. मंगलवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने जबलपुर पुलिस अधीक्षक को अंतर-धार्मिक जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है, जिससे अब दोनों युगल की शादी पर उठा तूफान थम गया है.
युगल की शादी को बीजेपी विधायक राजा सिंह ने लव जिहाद करार दिया था
गौरतलब है सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो संदेश में तेलंगाना बीजेपी विधायक राजा सिंह को यह कहते हुए सुना गया कि सीएम मोहन यादव और मध्य प्रदेश पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रदेश में 'लव जिहाद' विवाह न हो. वायरल संदेश को लेकर युगल ने सुरक्षा की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
हाईकोर्ट ने पुलिस को अंतर-धार्मिक जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने के दिए निर्देश
याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विशाल धगत ने पुलिस को अंतर-धार्मिक जोड़े को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए. न्यायमूर्ति धगत ने 'याचिकाकर्ताओं को अदालत कक्ष में बुलाया और दोनों याचिकाकर्ता के बयान दर्ज किए क्योंकि याचिकाकर्ताओं के रिश्तेदार कोर्ट की कार्यवाही में व्यवधान डाल सकते हैं'
पिछले एक साल से लिव-इन रिलेशनशिप में हैं हसनैन अंसारी और अंकित राठौड़
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति धगत ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे पिछले एक साल से लिव-इन रिलेशनशिप में हैं और शादी करना चाहते हैं. हाईकोर्ट ने आदेश में कहा, 'उनका कहना है कि उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जाए, अन्यथा महिला याचिकाकर्ता के परिवार के सदस्य उसे अगवा कर सकते हैं, जिससे उनके जीवन और अंगों को खतरा है.
जबलपुर एसपी को महिला याचिकाकर्ता की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया
हाईकोर्ट ने मामले में निर्देश देते हुए कहा कि, 'चूंकि याचिकाकर्ता संख्या एक और दो के चोटिल होने की प्रबल संभावना है, इसलिए जबलपुर के पुलिस अधीक्षक को याचिकाकर्ता संख्या एक को पुलिस सुरक्षा देने का निर्देश दिया जाता है. न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस की टीम महिला याचिकाकर्ता को उसके घर ले जाएगी और सामान इकट्ठा करने की अनुमति देगी.
11 नवंबर तक महिला को अज्ञात स्थान पर सुरक्षा प्रदान कराएगी जबलपुर पुलिस
हाईकोर्ट द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक महिला याचिकाकर्ता का सामान इकट्ठा करने के बाद, उसे एक संस्थान में ले जाया जाएगा, जहां उसे आश्रय, भोजन और सोने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान किया जाएगा. अदालत ने कहा कि महिला 11 नवंबर तक वहां रहेगी और उससे परिवार के सदस्य या मुस्लिम व्यक्ति संपर्क नहीं करेंगे.
आदेश में हाईकोर्ट ने कहा, शादी करने फैसले के लिए स्वतंत्र है पुरूष याचिकाकर्ता
आदेश के मुताबिक इस अवधि के दौरान 'याचिकाकर्ता नंबर एक महिला याचिकाकर्ता से शादी करने के अपने फैसले के बारे में सोचने के लिए स्वतंत्र है.' अदालत के आदेश में यह भी कहा गया है कि 12 नवंबर को विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी के लिए विवाह रजिस्ट्रार के समक्ष उसका बयान दर्ज किया जाएगा.
हाईकोर्ट के निर्देशानुसार महिला याचिकाकर्ता के मुस्लिम प्रेमी को भी सुरक्षा दी जाएगी
अदालत ने कहा कि महिला याचिकाकर्ता के मुस्लिम प्रेमी को भी सुरक्षा दी जाएगी और उसकी सुरक्षा के लिए पुलिस उसे अज्ञात स्थान पर ले जाएगी. अदालत ने साथ ही यह भी कहा कि, 'जब परिस्थितियां अनुकूल होंगी, तो उसे उसके घर ले जाया जाएगा और परिवार के सदस्यों के साथ छोड़ दिया जाएगा'
जबरन याचिकाकर्ता संपर्क करने और बल करने वालों पर मुकदमा दर्ज करने का निर्देश
आदेश में कहा गया है, 'यदि कोई व्यक्ति जबरन याचिकाकर्ता संख्या एक और दो से संपर्क करता है और गलत तरीके से रोकने या आपराधिक बल का प्रयोग करने का अपराध करता है, तो पुलिस अधीक्षक को ऐसे व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करने और कानून के अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाता है'
अंतर-धार्मिक विवाह रोकने के लिए जबलपुर कलेक्टर से मिले थे हिंदू सेवा परिषद प्रमुख
उल्लेखनीय है सोमवार को हिंदू सेवा परिषद के प्रमुख अतुल जेसवानी ने कहा था कि भाजपा विधायक राजा सिंह ने उन्हें एक वीडियो संदेश भेजा था, जिसके बाद उन्होंने जबलपुर कलेक्टर पुष्पेंद्र आहके से मुलाकात की और उनसे विशेष विवाह अधिनियम के तहत जोड़े के आवेदन को रद्द करने का अनुरोध किया था..
नोमान