
Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश में नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता और एडमिशन में गड़बड़ियों के मामले में हाईकोर्ट ने कड़ा रुख़ अपनाया है. हाईकोर्ट ने प्रदेश भर के पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता और दाख़िलों की प्रक्रिया पर लगी रोक हटाने से इंकार कर दिया है. लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ये फैसला लिया है.
दरअसल याचिका में एमपी पैरामेडिकल काउंसिल के द्वारा गुजरे हुए एकेडमिक सत्रों (2023-24 एवं 2024-25) की मान्यता भूतलक्षी प्रभाव से बांटे जाने और बगैर मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त किए सरकारी और निजी पैरामेडिकल कॉलेजों के द्वारा अवैध रूप से छात्रों के प्रवेश दिए जाने के आरोप लगाए गए हैं, याचिका में यह भी कहा गया है कि एक ही बिल्डिंग में नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं.
आज की सुनवाई में पैरामेडिकल काउंसिल की ओर से याचिका में जवाब पेश करते हुए कहा गया कि संपूर्ण मान्यता और मान्यता प्रक्रिया नियमानुसार और शासन की अनुमति से की गई है, इसलिए मान्यता प्रक्रिया दाख़िलों में लगी रोक हटाई जाए, हाईकोर्ट ने रोक हटाने से इंकार करते हुए याचिकाकर्ता को काउंसिल के जवाब का परीक्षण कर जवाब पेश करने दो सप्ताह की मोहलत दी है.
हाईकोर्ट ने पैरामेडिकल काउंसिल को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश भर के पैरामेडिकल कॉलेजों के मान्यता के आवेदन और निरीक्षण रिपोर्टें तत्काल हाईकोर्ट में पेश किए जाएं.
नर्सिंग मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने आवेदन पेश कर हाईकोर्ट के उस आदेश में बदलाव करने की मांग की थी जिसमें हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के सभी रिकॉर्ड स्कैन कॉपी में याचिकाकर्ता को देने के निर्देश दिए थे, याचिकाकर्ता के द्वारा आवेदन का जवाब पेश कर उदाहरण के रूप हाईकोर्ट को बताया गया कि सीबीआई के द्वारा दो बार जांच में सुटेबल बताये गए.
सेंधवा नर्सिंग कॉलेज बड़वानी को मात्र सीबीआई जांच में सुटेबल पाए जाने के कारण बग़ैर निरीक्षण के सत्र 2024-25 में नर्सिंग काउंसिल के द्वारा मान्यता दे दी गई, जबकि कॉलेज के द्वारा मान्यता आवेदन में दर्शाई गई फ़ैकल्टी की मार्कशीट फर्जी तैयार कर मान्यता हासिल की गई हैं. कोर्ट को बताया गया कि यदि सीबीआई रिकॉर्ड नहीं देती है तो ये तथ्य कभी बाहर नहीं आ सकेंगे.
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सीबीआई को निर्देश दिये कि सेंधवा नर्सिंग कॉलेज बड़वानी की जांच करने वाले सीबीआई अफ़सरों की सूची सहित जांच की फाइल कल की सुनवाई में पेश की जाए. इसके अलावा स्पष्ट निर्देश दिए कि चाहे रिकॉर्ड लाखों पेजों में हो, उसकी स्कैन कॉपी याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराते हुए कोर्ट में पेश की जाए. मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को फिर होगी.
ये भी पढ़ें BJP के नेता से 41 लाख रुपये की ठगी, खनिज निगम का अध्यक्ष बनाने का लालच देकर ले उड़े रकम