
MP High Court: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक बड़े फैसले में परिवहन विभाग के बर्खास्त 45 आरक्षकों को फिर से बहाल करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने यह फैसला नौकरी से निकाले गए 45 परिवहन आरक्षकों द्वारा दायर अपील को स्वीकार करते हुए सुनाया. इससे याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है.
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हाई कोर्ट के फैसले से बर्खास्त 45 आरक्षकों को बड़ी राहत मिली है
गौरतलब है हाई कोर्ट के इस फैसले से बर्खास्त 45 आरक्षकों को बड़ी राहत मिली है.इसके साथ ही हाई कोर्ट ने सिंगल बेंच के उस आदेश को भी निरस्त कर दिया, जिसमें भर्ती प्रक्रिया के संबंध में जांच करने का निर्देश दिया था. साथ ही हिमाद्री राजे के केस की तीन याचिकाकर्ताओं को दो सप्ताह के भीतर नियुक्ति पत्र देने का आदेश दिया.
मामला साल 2012-13 में हुई परिवहन आरक्षकों की भर्ती से जुड़ा है
दरअसल, मामला 2012-13 में हुई परिवहन आरक्षकों की भर्ती से जुड़ा है. इस भर्ती प्रक्रिया में कुल 45 लोगों को महिलाओं के लिए आरक्षित पदों पर नियुक्ति दी गई थी. इसके खिलाफ याची हिमाद्री राजे ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमे तर्क दिया गया था कि जो पद महिला वर्ग के लिए आरक्षित हैं, उन पर पुरुषों की भर्ती कैसे की जा सकती है ?
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सिंगल बैच ने 45 आरक्षकों को नौकरी से हटाने का आदेश दिया था
साल 2014 में हाई कोर्ट की सिंगल बैच ने 45 परिवहन आरक्षकों को नौकरी से हटाने का आदेश दिया था, लेकिन सभी आरक्षक काम करते रहे, लेकिन कोर्ट के आदेश की अवमानना के डर से 25 सितंबर 2024 को परिवहन आयुक्त ने सभी 45 आरक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया था.
सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ डिवीजन बैच में अपील की गई
उल्लेखनीय है हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ पीड़ित आरक्षकों द्वारा डिवीजन बैच में अपील की गई. हाई कोर्ट में तर्क दिया गया कि जो पद महिलाओं के लिए आरक्षित थे, उन पर नियुक्ति परिवहन विभाग द्वारा की गई, क्योंकि पद भर नहीं सके थे, जिन्हें नियुक्ति मिली, उन सभी के नाम पहले से वेटिंग लिस्ट में थे.
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डबल बैंच ने सभी 45 परिवहन आरक्षकों की बहाली का आदेश दिया
तर्क दिया गया कि ज्यादा अंक लाने के बाद भी याचिकाकर्ताओं को हटा दिया गया, जबकि कम अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को परिवहन आरक्षक के पद पर यथावत रखा गया, क्योंकि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति महिला आरक्षकों के लिए आरक्षित पद पर की गई थी. इस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की डबल बैंच ने सभी 45 परिवहन आरक्षकों की नौकरी पर बहाली करने का आदेश दिया. साथ ही बहाल आरक्षकों की वरिष्ठता भी पहले की ही रखने का आदेश भी दिया.