Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश ग्वालियर कई दशकों के बाद लगातार 40 घण्टे तक हुई बारिश लोगों के लिए आफत बन गई है. सभी बांधों के गेट खोलने पड़ गए.सभी नाले ही नही नदियां भी उफान पर आ गई हैं और सभी ने रौद्र रूप ले लिया. इस बाढ़ के चलते सेना भी बुलानी पड़ी और संभाग भर में बाढ़ में फंसे डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू करके सुरक्षित निकाल लिया गया लेकिन अब तक 17 मौतें भी हो चुकी है.
लगातार हो रही बारिश
40 की घंटे से लगातार हो रही बारिश से पूरा ग्वालियर चम्बल अंचल जलमग्न है. इस बाढ़ में 105 गांव पूरी तरह से ड़ूब गए है जबकि तीन सौ से ज्यादा इसकी चपेट में है. 80 से ज्यादा पुल और पुलिया डूब गए है और दर्जनों क्षतिग्रस्त हो गए है. अंचल के 85 रास्ते बंद हो जाने से कई शहरों का एक दूसरे से संपर्क टूट गया है. अचानक आई इस आपदा में अब तक 17 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.
ये हादसे हुए
ग्वालियर जिले में 9 वी का छात्र मनोज जाटव नाले में बह गया था . 24 घण्टे बाद उसका शव मिल गया. वही सेन्थरी में मुकेश बघेल और कोसा में अमन रावत और जखारा में उमा बघेल की बरसात में ढह गई मकान के मलबे में दबने से मौत हो गई. इसके अलावा ग्राम मेहदपुर में राकेश बघेल की 45 और सूखा पठा में 5 बकरियों की बहकर मौत हो गई. इसके अलावा आरोली और छोई में पांच गाय और भैंस भी मर गईं .
इससे घर मे सो रहे निरंजन 60, उसकी पत्नी ममता 3355,बेटी राधा 25,दो बेटे शिवम 22 सूरज 18, निरजंन की बहन प्रभा 56,और जीजा किशन की दबकर मौत हो गई. इसी कमरे के बाहर सो रहे जीजा मुन्ना 59 और भांजे आकाश 25 भी दब गए . उनको गम्भीर हालत में इलाज के लिए असप्ताल में भर्ती कराया गया है.
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स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी
इनके अलावा इस बरसात के चलते शिवपुरी जिले में दो बच्चों सहित चार लोगों की मौत हो गई. जबकि दतिया जिले के ही इंदरगढ़ मे नाले में डूबने से एक युवक मर गया. मुरैना जिले में भी एक युवक की जान चली गई. अभी भी बादल छाए हुए है . मौसम विभाग ने आगामी दो दिन भी बरसात की चेतावनी दी है . इसके चलते प्रशासन ने 13 और 14 सितम्बर को स्कूलों और आंगनबाडी केंद्रों का अवकाश घोषित कर दिया है .
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