
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सतना बीमा क्लेम धोखाधड़ी से जुड़े मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने सतना सहित इंदौर और जबलपुर में छापामार कार्रवाई की है. यह मामला सतना में तेंदूपत्ता गोदाम में कथित आगजनी के बाद चार करोड़ से अधिक का बीमा क्लेम लिए जाने से जुड़ा है, सीबीआई टीम ने धोखाधड़ी वाले बीमा दावों के आरोप में ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के सीनियर डिवीजनल मैनेजर एवं विकास अधिकारी और 11 निजी व्यक्तियों सहित 13 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया व तलाशी ली है.
भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज
सीबीआई ने धोखाधड़ी से दावों को निपटाने के आरोप पर ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ओआईसी लिमिटेड) के क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की है. ओआईसी लिमिटेड, डिवीजनल ऑफिस सतना (एमपी) के सीनियर डिवीजनल मैनेजर एवं विकास अधिकारी और एजेंट सहित 11 निजी व्यक्ति हैं.
इनके खिलाफ मामला दर्ज
बीमा राशि फर्जीवाड़े में सीबीआई ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के सतना संभाग के डेवलपमेंट ऑफिसर विजय कुमार मोगिया, डिविजनल मैनेजर आरसी परतेती, श्रीचंद्र अग्रवाल, सर्वेयर एंड लॉस एसेसर सुनील गर्ग इंदौर के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
क्या है आरोप
आरोप है कि वर्ष 2022 के दौरान आरोपी व्यक्तियों ने आपस में आपराधिक षड्यंत्र रचा. उसी के अनुसरण में अन्य आरोपियों के साथ मिलीभगत करके ओआईसी लिमिटेड सतना से धोखाधड़ी कर बीमा दावा राशि प्राप्त की. ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 4 करोड़ रुपए की हानि पहुंचाई और स्वयं लाभ लिया.
गोदाम में बिजली का कनेक्शन नहीं था व आग मानव निर्मित थी. यह भी आरोप है कि इस संबंध में स्थानीय पुलिस की प्राथमिकी व पंचनामा को भी सर्वेक्षक, अन्वेषक एवं ओआईसी लिमिटेड के अधिकारियों ने नजरअंदाज कर दिया. इसके बाद सात फर्मों ने चार्टर्ड एकाउंटेंट की मदद से क्लोजिंग स्टॉक को बढ़ाकर फर्जी ट्रेडिंग खाते तैयार किए. जिसकी जांच नहीं की गई. जीएसटी रिटर्न भी दाखिल नहीं किया गया था.
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14 पॉलिसी में विभाजित कर दिए लाभ
अधिकारी ने दावा राशि को वरिष्ठ मंडल प्रबंधक के वित्तीय अधिकार में लाने हेतु ओआईसी लिमिटेड के नियमों व विनियमों के विरुद्ध जाकर 07 बीमा पॉलिसी को विभाजित कर 14 पॉलिसियों में परिवर्तित किया। एक पॉलिसी के बजाए सात फर्मों के लिए प्रत्येक को दो पॉलिसियों में विभाजित किया. इस तरह दावों को उच्च अधिकारियों को भेजे बिना ही मंजूरी देने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाई गई. इसके बाद फर्मोंं ने 14 बीमा पॉलिसियों के तहत 14 दावे पेश किए जिनका निपटान ओआईसी लिमिटेड सतना से किया गया. सतना में जांच के दौरान कई आपत्ति जनक दस्तावेज मिले हैं.
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