
ग्वालियर नगर निगम परिषद की अभियाचित बैठक में आज जमकर हंगामा हुआ. भारतीय जनता पार्टी के सभापति के समने तब अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब BJP के पार्षद ही एक अपर आयुक्त के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर BJP पार्षद आसंदी के आमने धरना देकर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. इससे परिषद की बैठक में अराजकता की स्थिति पैदा हो गई जिसके चलते बैठक की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी. उसके बाद भी मामला शांत नही हुआ तो बैठक कल तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.
किस वजह से हुआ बैठक में हंगामा ?
ग्वालियर की नगर निगम परिषद में आज जबरदस्त हंगामा देखने को मिला. परिषद की बैठक के शुरू होते ही विपक्ष में बैठे BJP के पार्षदों ने अपनी पार्टी के सभापति के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया और मांगों को लेकर बवाल खड़ा कर दिया. BJP पार्षद सभापति की आसंदी के सामने धरने पर बैठ गए, जबकि महापौर शोभा सिकरवार और कांग्रेस पार्षद पूरे हंगामे के दौरान मुस्कुराते रहे. दरअसल, पूर्व में वार्ड नंबर 18 की पार्षद रेखा त्रिपाठी ने शिकायत की थी कि उनके वार्ड से उन्हें बिना बताए ही कर्मचारियों को हटा दिया गया है, जिससे सफाई व्यवस्था प्रभावित होती है. जब उन्होंने इस मामले में अपर आयुक्त विजय राज से चर्चा की तो उन्होंने महिला पार्षद से कहा कि उनके काम करने का यही तरीका है. यही नहीं, अपरायुक्त ने पार्षद गिरिराज कंसाना के साथ भी यही व्यवहार किया.
ये भी पढ़ें - MP News: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा तगड़ा झटका, आधा दर्जन नेताओं ने थामा BJP का दामन
कल के टाली गई सदन की कार्यवाही
ऐसे में जब मामले की शिकायत सदन में की गई तो भी निगम अधिकारी अपनी बात पर अड़े रहे. जिस पर नेता प्रतिपक्ष हरपाल मांझी के नेतृत्व में BJP पार्षदों की तरफ से परिषद की बैठक का बहिष्कार कर दिया गया और बैठक छोड़कर बाहर आ गए. वहीं, नगर निगम सभापति मनोज तोमर का कहना है कि पार्षदों को हिदायत दी जा रही थी कि उचित तरीके से अपनी शिकायत सदन में रखें और निंदा प्रस्ताव पेश करें. लेकिन पार्षदों की तरफ सदन की कोई बात नहीं सुनी गई और सदन की बैठक का बहिष्कार किया है इसलिए कल तक के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित किया गया है.
ये भी पढ़ें - 'बुलडोजर के न्याय' पर 'कोर्ट का हथौड़ा', 2 लाख रु. जुर्माने के साथ घर तोड़ने वाले अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश