Vyapam Scandal News: मध्यप्रदेश के बहुचर्चित व्यापम कांड में विशेष CBI कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए दो युवतियों को तीन-तीन साल के कारावास और जुर्माने की सज़ा सुनाई है. इनमें परीक्षा में सॉल्वर बनी डॉ. स्वाति सिंह नामक युवती भी शामिल है जो बीएचयू की गोल्ड मेडलिस्ट (Gold Medalist) हैं.
ऐसे जाल में फंसी
दरअसल जब MP में व्यापम घोटाला (Vyapam Scandal) का खुलासा हुआ तो 2015 में एक शिकायत ग्वालियर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से की गई. जिसमें बताया गया कि विशाल यादव ने 2010 में प्रियंका श्रीवास्तव को फर्जी तरीके से मेडिकल की एंट्रेंस परीक्षा पास करवाई और मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलवाया. मामले की जांच हुई तो इस मामले में सबसे पहले शैलेन्द्र निरंजन निवासी जालौन की गिरफ्तारी हुई. उसने 6 लाख रुपए में काम करना स्वीकार किया. बाद में जांच में यह खुलासा हुआ कि विजय सक्सेना (अब दिवंगत) के माध्यम से स्वाति सिंह को प्रियंका के स्थान पर एंट्रेंस टेस्ट में बैठाया गया गया था. इस काम में उमेश बघेल नामक युवक भी सहयोगी था. इस केस में शैलेन्द्र निरंजन, विशाल यादव,उमेश बघेल,और स्वाति सिंह को तो एक से डेढ़ साल तक जेल की हवा भी खानी पड़ी हालांकि प्रियंका श्रीवास्तव को अग्रिम जमानत मिलने से उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई.
जमानत का आवेदन पेश किया गया
विशेष न्यायालय CBI ने फैसला सुनाते हुए सॉल्वर डॉ स्वाति सिंह और प्रियंका श्रीवास्तव को दोषी मानते हुए 3-3 साल के कारावास और 12200- 12200 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जबकि कोर्ट ने दलाल शैलेन्द्र निरंजन, विशाल यादव और उमेश बघेल को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है. विशाल यादव प्रियंका के पति हैं. ख़ास बात ये है कि डॉ स्वाति बनारस हिंदू विवि की गोल्ड मेडलिस्ट है और बुलंद शहर में अपना अस्पताल का संचालन कर रहीं हैं. तीन साल की सज़ा होने के कारण दोनों की तरफ से कोर्ट में जमानत का आवेदन पेश किया गया. जिसे स्वीकार कर लिया गया और जमानत मिलने से दोनों जेल जाने से बच गई हैं.
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